कहा नियमों के विरुद्ध लगाया गया हैं टोल प्लाज़ा
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
कुल्लू , 29 जनवरी ! जिला कल्लू के रायसन के समीप डोहलू नाला में जो टोल प्लाजा लगाया गया है। वह नियमों के विरुद्ध है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पूरे देश भर में 60 किलोमीटर के भीतर दूसरा टोल नहीं लगाया जाए। लेकिन इस टोल प्लाजा की दूरी टकोली टोल प्लाजा से मात्र 40 किलोमीटर के करीब है। ऐसे में जल्द से जल्द इस टोल प्लाजा को हटाया जाना चाहिए। इसी मुद्दे को लेकर विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी ढालपुर में डीसी कुल्लू तोरुल एस रवीश से मिले। विभिन्न संगठनों के सदस्यों ने डीसी से मांग रखी हैं कि कई सालों से इस टोल प्लाजा को हटाने की बात स्थानीय लोग कर रहे हैं। क्योंकि उस टोल प्लाजा से स्थानीय लोगों के अलावा सैलानियों को भी आर्थिक रूप से दिक्कत उठानी पड़ रही है। ऐसे में जल्द से जल्द इस मुद्दे को प्रदेश तथा केंद्र सरकार के समक्ष रखा जाए। एन एच ए आई नियमों के विरुद्ध काम कर रही है और अगर जल्द ही टोल प्लाजा को नहीं हटाया गया। तो आने वाले दिनों में एन एच ए आई के अधिकारियों को स्थानीय लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा। टोल प्लाजा संघर्ष समिति के सह संयोजक घनश्याम कपूर ने बताया कि साल 2023 में बाढ़ के चलते अभी भी सड़क मार्ग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है। इसके अलावा बीते साल भी जब रायसन तथा टकोली टोल प्लाजा की दूरी मापी गई थी। तो वह भी 60 किलोमीटर पूरी नहीं हो पा रही थी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जब कुल्लू आए थे। तो उन्होंने भी अधिकारियों को आदेश दिए थे कि वह जल्द इस बारे में संज्ञान ले। लेकिन एन एच ए आई के अधिकारी अभी तक इस बारे में कोई भी संज्ञान नहीं ले रहे हैं। टोल प्लाजा की दूरी अगर 60 किलोमीटर निकलती है तो इसे शुरू किया जाए। लेकिन अगर टोल प्लाजा की दूरी 60 किलोमीटर से कम है। तो रायसन का टोल प्लाजा तुरंत हटा दिया ना चाहिए। ताकि घाटी के किसानों, बागवानों तथा आम लोगों के साथ-साथ सैलानियों को भी इस टोल शुल्क से राहत मिल सके। उन्होंने बताया कि मंडी से लेकर मनाली तक सड़क मार्ग अभी भी क्षतिग्रस्त है। जब तक सड़क मार्ग पूरी तरह से नहीं बनता है तब तक टोल शुल्क लिया जाना पूरी तरह से गलत है। जिला कुल्लू फोरलेन संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिनेश सेन का कहना है कि समिति लगातार इस मुद्दे को प्रदेश तथा केंद्र सरकार के समक्ष उठा रही है और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी इस बात को मानते हैं कि 60 किलोमीटर के भीतर कोई दूसरा टोल नहीं होगा। लेकिन उसके बावजूद भी एन एच ए आई के अधिकारी इस टोल को हटाने की दिशा में कोई काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में डीसी कुल्लू के माध्यम से प्रदेश तथा केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजा गया है और मांग रखी गई है कि नियमों के अनुसार इस टोल को तुरंत हटाया जाए। वरना एन एच ए आई के अधिकारियों को आम जनता के रोष का सामना करना पड़ेगा।
कुल्लू , 29 जनवरी ! जिला कल्लू के रायसन के समीप डोहलू नाला में जो टोल प्लाजा लगाया गया है। वह नियमों के विरुद्ध है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पूरे देश भर में 60 किलोमीटर के भीतर दूसरा टोल नहीं लगाया जाए। लेकिन इस टोल प्लाजा की दूरी टकोली टोल प्लाजा से मात्र 40 किलोमीटर के करीब है। ऐसे में जल्द से जल्द इस टोल प्लाजा को हटाया जाना चाहिए।
इसी मुद्दे को लेकर विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी ढालपुर में डीसी कुल्लू तोरुल एस रवीश से मिले। विभिन्न संगठनों के सदस्यों ने डीसी से मांग रखी हैं कि कई सालों से इस टोल प्लाजा को हटाने की बात स्थानीय लोग कर रहे हैं। क्योंकि उस टोल प्लाजा से स्थानीय लोगों के अलावा सैलानियों को भी आर्थिक रूप से दिक्कत उठानी पड़ रही है। ऐसे में जल्द से जल्द इस मुद्दे को प्रदेश तथा केंद्र सरकार के समक्ष रखा जाए। एन एच ए आई नियमों के विरुद्ध काम कर रही है और अगर जल्द ही टोल प्लाजा को नहीं हटाया गया। तो आने वाले दिनों में एन एच ए आई के अधिकारियों को स्थानीय लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
टोल प्लाजा संघर्ष समिति के सह संयोजक घनश्याम कपूर ने बताया कि साल 2023 में बाढ़ के चलते अभी भी सड़क मार्ग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है। इसके अलावा बीते साल भी जब रायसन तथा टकोली टोल प्लाजा की दूरी मापी गई थी। तो वह भी 60 किलोमीटर पूरी नहीं हो पा रही थी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जब कुल्लू आए थे। तो उन्होंने भी अधिकारियों को आदेश दिए थे कि वह जल्द इस बारे में संज्ञान ले। लेकिन एन एच ए आई के अधिकारी अभी तक इस बारे में कोई भी संज्ञान नहीं ले रहे हैं। टोल प्लाजा की दूरी अगर 60 किलोमीटर निकलती है तो इसे शुरू किया जाए।
लेकिन अगर टोल प्लाजा की दूरी 60 किलोमीटर से कम है। तो रायसन का टोल प्लाजा तुरंत हटा दिया ना चाहिए। ताकि घाटी के किसानों, बागवानों तथा आम लोगों के साथ-साथ सैलानियों को भी इस टोल शुल्क से राहत मिल सके। उन्होंने बताया कि मंडी से लेकर मनाली तक सड़क मार्ग अभी भी क्षतिग्रस्त है। जब तक सड़क मार्ग पूरी तरह से नहीं बनता है तब तक टोल शुल्क लिया जाना पूरी तरह से गलत है।
जिला कुल्लू फोरलेन संघर्ष समिति के अध्यक्ष दिनेश सेन का कहना है कि समिति लगातार इस मुद्दे को प्रदेश तथा केंद्र सरकार के समक्ष उठा रही है और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी इस बात को मानते हैं कि 60 किलोमीटर के भीतर कोई दूसरा टोल नहीं होगा। लेकिन उसके बावजूद भी एन एच ए आई के अधिकारी इस टोल को हटाने की दिशा में कोई काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में डीसी कुल्लू के माध्यम से प्रदेश तथा केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजा गया है और मांग रखी गई है कि नियमों के अनुसार इस टोल को तुरंत हटाया जाए। वरना एन एच ए आई के अधिकारियों को आम जनता के रोष का सामना करना पड़ेगा।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -