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चम्बा ! हिमाचल प्रदेश में हाल के दिनों में जिस तरह से शांति भंग करने के प्रयास किए जा रहे हैं, वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। राज्य की जनता हमेशा से शांति और सौहार्द की पक्षधर रही है, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा प्रदेश के माहौल को बिगाड़ने की साजिश रची जा रही है।हिमाचल की बसों पर पंजाब में तोड़ फोड़ की जा रही है , ऐसे में हिमाचल वासियों का पंजाब जाना सुरक्षित नहीं रह गया हिमाचल के लोग पंजाब जाने में संकोच करने लगे है , ये बेहद दुर्भाग्य पूर्ण है ऐसी अवस्था में हिमाचल और पंजाब सरकार को मिलकर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है , जिससे दोनो प्रदेशों में शांति और सौहार्द पूर्ण वातावरण कायम किया जा सके बसों पर हमला करने वालों और हिमाचल की शांतिप्रिय धरती पर आकर हुड़दंग करने वालों से सख्ती से निपटाने की आवश्यकता सुनिश्चित की जाए । इस पूरे घटनाक्रम में सबसे अधिक चिंता का विषय यह है कि प्रदेश सरकार और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस पार्टी अकारण भाजपा सरकार पर कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सवाल उठाती थी, लेकिन अब जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, तो वे इस गंभीर विषय पर कोई ठोस कार्रवाई करने में असफल साबित हो रहे हैं।प्रदेश की शांति, सुरक्षा और आमजन के हितों से कोई भी समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।हिमाचल प्रदेश की बसों में अलगाववादी नेताओं के पोस्टर लगना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि यह प्रदेश की शांति और सौहार्द के लिए भी खतरा हो सकता है। यह चिंता का विषय है कि कांग्रेस के किसी भी नेता ने इस पर कोई कड़ा बयान नहीं दिया। ऐसी घटनाओं पर सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर कड़ा रुख अपनाना चाहिए, क्योंकि यह सिर्फ एक पार्टी विशेष का नहीं, बल्कि पूरे समाज और राष्ट्र की सुरक्षा और अखंडता से जुड़ा मामला है। अलगाववादी तत्वों का महिमामंडन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। सरकार और प्रशासन को इस पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हिमाचल की शांतिपूर्ण फिजा में इस तरह के उग्र विचारधाराओं का कोई स्थान न हो ।
चम्बा ! हिमाचल प्रदेश में हाल के दिनों में जिस तरह से शांति भंग करने के प्रयास किए जा रहे हैं, वह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है। राज्य की जनता हमेशा से शांति और सौहार्द की पक्षधर रही है, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा प्रदेश के माहौल को बिगाड़ने की साजिश रची जा रही है।हिमाचल की बसों पर पंजाब में तोड़ फोड़ की जा रही है , ऐसे में हिमाचल वासियों का पंजाब जाना सुरक्षित नहीं रह गया हिमाचल के लोग पंजाब जाने में संकोच करने लगे है , ये बेहद दुर्भाग्य पूर्ण है ऐसी अवस्था में हिमाचल और पंजाब सरकार को मिलकर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है , जिससे दोनो प्रदेशों में शांति और सौहार्द पूर्ण वातावरण कायम किया जा सके बसों पर हमला करने वालों और हिमाचल की शांतिप्रिय धरती पर आकर हुड़दंग करने वालों से सख्ती से निपटाने की आवश्यकता सुनिश्चित की जाए ।
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे अधिक चिंता का विषय यह है कि प्रदेश सरकार और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस पार्टी अकारण भाजपा सरकार पर कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सवाल उठाती थी, लेकिन अब जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, तो वे इस गंभीर विषय पर कोई ठोस कार्रवाई करने में असफल साबित हो रहे हैं।प्रदेश की शांति, सुरक्षा और आमजन के हितों से कोई भी समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।हिमाचल प्रदेश की बसों में अलगाववादी नेताओं के पोस्टर लगना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि यह प्रदेश की शांति और सौहार्द के लिए भी खतरा हो सकता है। यह चिंता का विषय है कि कांग्रेस के किसी भी नेता ने इस पर कोई कड़ा बयान नहीं दिया। ऐसी घटनाओं पर सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होकर कड़ा रुख अपनाना चाहिए, क्योंकि यह सिर्फ एक पार्टी विशेष का नहीं, बल्कि पूरे समाज और राष्ट्र की सुरक्षा और अखंडता से जुड़ा मामला है।
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अलगाववादी तत्वों का महिमामंडन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। सरकार और प्रशासन को इस पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हिमाचल की शांतिपूर्ण फिजा में इस तरह के उग्र विचारधाराओं का कोई स्थान न हो ।
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