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शिमला , 22 जुलाई [ विशाल सूद ] ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां स्वास्थ्य विभाग की बैठक में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार मेडिकल कॉलेजों में मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य अधोसंरचना के विकास के साथ-साथ डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ और तकनीशियनों के खाली पदों को भर रही है ताकि लोगों को विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त करने में कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी शिमला में बेहतर चिकित्सा सेवाएं और अटल सुपर स्पैशिएलिटी संस्थान चमियाणा में डॉक्टरों के पदों को भर कर विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। प्रदेश सरकार आईजीएमसी शिमला के इमरजेंसी मेडिसन विभाग को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। यहां चिकित्सा अधिकारियों के 30 पद भरे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों और सहायक स्टाफ के लिए कार्य स्थल पर बेहतर माहौल उपलब्ध करवाया जा रहा है ताकि वे बिना बाधा अपने दायित्व का निर्वहन कर सकें। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को बहुत ज्यादा प्रचलित बीमारियों पर अध्ययन करने के निर्देश दिए ताकि डॉक्टरों और अन्य सुविधाओं को आवश्यक अनुपात में बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में 600 स्टाफ नर्स और 43 ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट को शीघ्र ही तैनात किए जाएंगे ताकि मरीजों को समय पर उचित उपचार मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों को आधुनिक और बेहतर तकनीकी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार के पास बजट की कोई कमी नहीं है। राज्य सरकार आईजीएमसी में आधुनिक उपकरणों और मशीनों की खरीद के लिए 25 करोड़ रुपये देने जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को और ज्यादा सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार पूरा सहयोग प्रदान करेगी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक हरीश जनारथा, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. गोपाल बेरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
शिमला , 22 जुलाई [ विशाल सूद ] ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां स्वास्थ्य विभाग की बैठक में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार मेडिकल कॉलेजों में मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य अधोसंरचना के विकास के साथ-साथ डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ और तकनीशियनों के खाली पदों को भर रही है ताकि लोगों को विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त करने में कोई परेशानी न हो।
उन्होंने कहा कि आईजीएमसी शिमला में बेहतर चिकित्सा सेवाएं और अटल सुपर स्पैशिएलिटी संस्थान चमियाणा में डॉक्टरों के पदों को भर कर विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। प्रदेश सरकार आईजीएमसी शिमला के इमरजेंसी मेडिसन विभाग को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। यहां चिकित्सा अधिकारियों के 30 पद भरे जा रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि डॉक्टरों और सहायक स्टाफ के लिए कार्य स्थल पर बेहतर माहौल उपलब्ध करवाया जा रहा है ताकि वे बिना बाधा अपने दायित्व का निर्वहन कर सकें। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को बहुत ज्यादा प्रचलित बीमारियों पर अध्ययन करने के निर्देश दिए ताकि डॉक्टरों और अन्य सुविधाओं को आवश्यक अनुपात में बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में 600 स्टाफ नर्स और 43 ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट को शीघ्र ही तैनात किए जाएंगे ताकि मरीजों को समय पर उचित उपचार मिल सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों को आधुनिक और बेहतर तकनीकी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रदेश सरकार के पास बजट की कोई कमी नहीं है। राज्य सरकार आईजीएमसी में आधुनिक उपकरणों और मशीनों की खरीद के लिए 25 करोड़ रुपये देने जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को और ज्यादा सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार पूरा सहयोग प्रदान करेगी।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक हरीश जनारथा, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. गोपाल बेरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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