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शिमला , 22 अप्रैल [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में देश गलत दिशा में जा रहा है, जहां विपक्षी नेताओं को दुश्मन समझा जा रहा है और जांच एजेंसियों का इस्तेमाल दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है। गहलोत ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इसका दुरुपयोग हुआ है और इससे चुनावी पारदर्शिता खत्म हो रही है। उन्होंने नेशनल हेराल्ड केस को लेकर सफाई दी कि एजेएल एक सार्वजनिक कंपनी है, जो 1938 में स्वतंत्रता आंदोलन को समर्थन देने के लिए बनाई गई थी।उन्होंने कहा कि अखबारों की आय का स्रोत विज्ञापन होता है, और जब आर्थिक स्थिति बिगड़ी तो यंग इंडिया नाम की गैर-लाभकारी संस्था के माध्यम से देनदारियां चुकाने की कोशिश की गई। यंग इंडिया से किसी को कोई निजी लाभ नहीं हुआ, सारी संपत्तियों का संचालन एजेएल के पास ही है। गहलोत ने आरोप लगाया कि इस मामले में भाजपा ने बदले की भावना से ईडी का इस्तेमाल किया। इस केस में सुब्रमण्यम स्वामी खुद पीछे हट गए थे, लेकिन सरकार ने दोबारा इसे उठाया। 9 साल तक मामला पेंडिंग रहा और फिर इसे राजनीति के हथियार के रूप में लाया गया। प्रेस वार्ता के दौरान गहलोत ने यह भी कहा कि ईडी की कनविक्शन रेट केवल 8 प्रतिशत है, लेकिन 98 प्रतिशत मामले विपक्षी नेताओं के खिलाफ दर्ज किए गए हैं। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के पास वाशिंग मशीन है, पार्टी में शामिल होते ही केस खत्म हो जाते हैं। गांधी परिवार को लेकर गहलोत ने कहा कि पिछले 35 सालों में परिवार का कोई सदस्य पद पर नहीं रहा, फिर भी उन्हें लगातार निशाना बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री खुद कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं, लेकिन यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। गहलोत ने महाराष्ट्र चुनाव में गड़बड़ी, संसद में राहुल गांधी के उठाए सवालों और विपक्ष को दबाने की कोशिशों को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश की विरासत है और उसे खत्म करने की साज़िशें नाकाम होंगी।
शिमला , 22 अप्रैल [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में सोमवार को आयोजित प्रेस वार्ता में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में देश गलत दिशा में जा रहा है, जहां विपक्षी नेताओं को दुश्मन समझा जा रहा है और जांच एजेंसियों का इस्तेमाल दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है।
गहलोत ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि इसका दुरुपयोग हुआ है और इससे चुनावी पारदर्शिता खत्म हो रही है। उन्होंने नेशनल हेराल्ड केस को लेकर सफाई दी कि एजेएल एक सार्वजनिक कंपनी है, जो 1938 में स्वतंत्रता आंदोलन को समर्थन देने के लिए बनाई गई थी।उन्होंने कहा कि अखबारों की आय का स्रोत विज्ञापन होता है, और जब आर्थिक स्थिति बिगड़ी तो यंग इंडिया नाम की गैर-लाभकारी संस्था के माध्यम से देनदारियां चुकाने की कोशिश की गई। यंग इंडिया से किसी को कोई निजी लाभ नहीं हुआ, सारी संपत्तियों का संचालन एजेएल के पास ही है।
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गहलोत ने आरोप लगाया कि इस मामले में भाजपा ने बदले की भावना से ईडी का इस्तेमाल किया। इस केस में सुब्रमण्यम स्वामी खुद पीछे हट गए थे, लेकिन सरकार ने दोबारा इसे उठाया। 9 साल तक मामला पेंडिंग रहा और फिर इसे राजनीति के हथियार के रूप में लाया गया।
प्रेस वार्ता के दौरान गहलोत ने यह भी कहा कि ईडी की कनविक्शन रेट केवल 8 प्रतिशत है, लेकिन 98 प्रतिशत मामले विपक्षी नेताओं के खिलाफ दर्ज किए गए हैं। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के पास वाशिंग मशीन है, पार्टी में शामिल होते ही केस खत्म हो जाते हैं।
गांधी परिवार को लेकर गहलोत ने कहा कि पिछले 35 सालों में परिवार का कोई सदस्य पद पर नहीं रहा, फिर भी उन्हें लगातार निशाना बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री खुद कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं, लेकिन यह लोकतंत्र के लिए खतरा है।
गहलोत ने महाराष्ट्र चुनाव में गड़बड़ी, संसद में राहुल गांधी के उठाए सवालों और विपक्ष को दबाने की कोशिशों को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश की विरासत है और उसे खत्म करने की साज़िशें नाकाम होंगी।
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