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सोलन , 07 सितंबर ! जिला में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मानाया गया । सोलन मे भगवान श्री गणेश की विशाल शोभा यात्रा का आयोजन किया गया । सोलन के लक्कड़ बजार मे शोभा यात्रा के बाद गणेश जी की स्थापना की गई। भारी संख्या में भक्त इस भव्य शोभा यात्रा के साक्षी बने । शोभा यात्रा के बाद रिद्वी सिद्वी के दाता भगवान गणेश जी की मूर्ती की लक्कड बजार मे स्थापना की गई। नौ दिन बाद इस मूर्ती को गंगा जी मे विसर्जित किया जायेगा । गणेश चतुर्थी का लोगो में खासा उत्साह देखने को मिला । लोागो ने विधिवत गणेश जी पूजा अर्चना की व उन्हे मोदक, केले का भोग लगाया । हर शुभ कार्य करने से पहले गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है जिस से कार्य सफलता पूर्वक संपन हो सके। उल्लेखनीय है कि गणेश चतुर्थी के दिन रात के समय चंद्रमा को देखना वर्जित माना गया है। मान्यता है कि आज यदि कोई चंद्रमा को देखता है तो उसपर झुठे कलंक सहित झुठे इल्जाम लगते है। भगवान श्री कृष्ण पर भी कंलक चतुर्थी का चंद्रमा देखने के कारण झूठे आरोपो का सामना करना पडा था । तो आमजन की तो बात ही क्या है। शास्त्र बताते है कि आज के दिन चंद्रमा को भूल कर भी नहीं देखना चाहिए । वरना रोग , कष्ट इत्यादी सहित विभिन्न सी समस्याएं उतपन्न होती है। दुर्गा सेवा समीति के सदस्य प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने आज गणेष उत्सव धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। । गणेश जी की मूर्ती की विधिवत पूजा अर्चना कर शोभायात्रा के बाद उनकी स्थापना की गई। तदांपरात 9 दिन बाद गणेष जी को विसर्जित किया जायेगा । उन्होने बताया कि आगामी दस दिनो तक विभिन्न आयोजन इस मौके किये जायेंगे ।
सोलन , 07 सितंबर ! जिला में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मानाया गया । सोलन मे भगवान श्री गणेश की विशाल शोभा यात्रा का आयोजन किया गया । सोलन के लक्कड़ बजार मे शोभा यात्रा के बाद गणेश जी की स्थापना की गई।
भारी संख्या में भक्त इस भव्य शोभा यात्रा के साक्षी बने । शोभा यात्रा के बाद रिद्वी सिद्वी के दाता भगवान गणेश जी की मूर्ती की लक्कड बजार मे स्थापना की गई। नौ दिन बाद इस मूर्ती को गंगा जी मे विसर्जित किया जायेगा । गणेश चतुर्थी का लोगो में खासा उत्साह देखने को मिला । लोागो ने विधिवत गणेश जी पूजा अर्चना की व उन्हे मोदक, केले का भोग लगाया । हर शुभ कार्य करने से पहले गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है जिस से कार्य सफलता पूर्वक संपन हो सके।
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उल्लेखनीय है कि गणेश चतुर्थी के दिन रात के समय चंद्रमा को देखना वर्जित माना गया है। मान्यता है कि आज यदि कोई चंद्रमा को देखता है तो उसपर झुठे कलंक सहित झुठे इल्जाम लगते है। भगवान श्री कृष्ण पर भी कंलक चतुर्थी का चंद्रमा देखने के कारण झूठे आरोपो का सामना करना पडा था । तो आमजन की तो बात ही क्या है। शास्त्र बताते है कि आज के दिन चंद्रमा को भूल कर भी नहीं देखना चाहिए । वरना रोग , कष्ट इत्यादी सहित विभिन्न सी समस्याएं उतपन्न होती है।
दुर्गा सेवा समीति के सदस्य प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने आज गणेष उत्सव धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। । गणेश जी की मूर्ती की विधिवत पूजा अर्चना कर शोभायात्रा के बाद उनकी स्थापना की गई। तदांपरात 9 दिन बाद गणेष जी को विसर्जित किया जायेगा । उन्होने बताया कि आगामी दस दिनो तक विभिन्न आयोजन इस मौके किये जायेंगे ।
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