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शिमला , 02 दिसंबर ! राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि भारत की मजबूती उसकी एकता और विविधता में है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों, परंपराओं और प्रथाओं का अनुभव राज्यों के बीच समझ और संबंधों को बढ़ावा देगा। इसके चलते एक भारत श्रेष्ठ भारत के दृष्टिकोण से भारत की एकता और अखंडता और भी सुदृढ़ होगी। राज्यपाल आज राजभवन में नागालैंड और असम के निवासी लोगों से बातचीत कर रहे थे। इस अवसर पर राज्यपाल की पत्नी जानकी शुक्ला भी उपस्थित थीं। राज्यपाल शुक्ल ने कहा कि उत्तर-पूर्वी राज्य अपनी अनूठी संस्कृति, रिवाजों और भौगोलिक विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने कहा कि असम आकर्षक धार्मिक और पर्यटक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है, जो इसको भारत और दुनिया भर के यात्रियों के लिए प्रिय गंतव्य बनाता है। उन्होंने कहा कि असम भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र का एक सुंदर पहाड़ी राज्य है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ चाय बागान, रेशम उत्पादन और आकर्षक पारंपरिक कला और शिल्प के लिए जाना जाता है। यह असम की समृद्ध संस्कृति को दर्शाता है। राज्यपाल ने कहा कि नागालैंड के लोग साहसी और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक हैं। अपने देशभक्ति के उत्साह के साथ, राज्य के लोगों ने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और विविधता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। राज्यपाल ने उन्हें हिमाचली टोपी और शाल पहनाकर सम्मानित भी किया। राज्यपाल के सचिव सी. पी. वर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
शिमला , 02 दिसंबर ! राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि भारत की मजबूती उसकी एकता और विविधता में है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों, परंपराओं और प्रथाओं का अनुभव राज्यों के बीच समझ और संबंधों को बढ़ावा देगा। इसके चलते एक भारत श्रेष्ठ भारत के दृष्टिकोण से भारत की एकता और अखंडता और भी सुदृढ़ होगी।
राज्यपाल आज राजभवन में नागालैंड और असम के निवासी लोगों से बातचीत कर रहे थे। इस अवसर पर राज्यपाल की पत्नी जानकी शुक्ला भी उपस्थित थीं। राज्यपाल शुक्ल ने कहा कि उत्तर-पूर्वी राज्य अपनी अनूठी संस्कृति, रिवाजों और भौगोलिक विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने कहा कि असम आकर्षक धार्मिक और पर्यटक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है, जो इसको भारत और दुनिया भर के यात्रियों के लिए प्रिय गंतव्य बनाता है।
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उन्होंने कहा कि असम भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र का एक सुंदर पहाड़ी राज्य है, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ चाय बागान, रेशम उत्पादन और आकर्षक पारंपरिक कला और शिल्प के लिए जाना जाता है। यह असम की समृद्ध संस्कृति को दर्शाता है।
राज्यपाल ने कहा कि नागालैंड के लोग साहसी और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक हैं। अपने देशभक्ति के उत्साह के साथ, राज्य के लोगों ने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और विविधता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। राज्यपाल ने उन्हें हिमाचली टोपी और शाल पहनाकर सम्मानित भी किया। राज्यपाल के सचिव सी. पी. वर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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