!!"नगर निगम हाउस में सभी पार्षदों ने किया प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव पास "!!
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शिमला,28 सितम्बर,[ विशाल सूद ] ! राजधानी शिमला के नगर निगम हाउस में शनिवार को मेयर सुरेंद्र चौहान और डिप्टी मेयर की अध्यक्षता में प्रस्ताव पास हुआ है कि रिज मैदान के दौलत सिंह परमार पार्क में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित होगी। इसके लिए हाउस ने जिला प्रशासन को भी पत्र भेज दिया है। बता दें कि नगर निगम से स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित करने के लिए स्थान चिन्हित करने का काम सौंपा था। नगर निगम हाउस में यह तय किया गया है कि दौलत सिंह और डॉ. यश्वंतर सिंह परमार के बीच प्रतिमा स्थापित की जाएगी। मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि स्वर्गीय वीरभद्र सिंह हम सभी के प्रेरणास्रोत हैं। शिमला में उनकी प्रतिमा स्थापित की जाएगी। रिज मैदान पर राष्ट्रीय नेताओं की प्रतिमाएं लगी हुई हैं। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की प्रतिमा दौलत सिंह पार्क में स्थापित की जाएगी। हालांकि हाउस में यह तय नहीं किया गया है कि प्रतिमा कितनी बड़ी होगी और इसमें कितना खर्च होगा। इस विषय पर अब जिला प्रशासन को नगर निगम ने पत्र भेज दिया है। बता दें कि नगर निगम को सिर्फ स्थान देना था और बाकि प्रतिमा को लगाने का सारा काम प्रदेश सरकार स्वयं करेगी। इसी मांग पर विक्रमादित्य ने दिया था त्यागपत्र विधानसभा के बजट सत्र के दौरान लोक निर्माण मंत्री व स्व. वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था। विक्रमादित्य सिंह ने विधानसभा परिसर में अपने पिता के अपमान की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि अपनी ही सरकार में पिता की प्रतिमा लगाने के लिए दो गज भूमि तक नहीं दी। इस दौरान उनकी आंखों से आंसू छलक गए थे। हालांकि पार्टी हाईकमान ने उनका त्यागपत्र स्वीकार नहीं किया था। ऐासे में अब वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित करने के लिए नगर निगम ने हरी झंडी दिखा दी है। दीपावली पर नगर निगम कर्मचारियों को मिलेगा विशेष तोहफा सभी कर्मचारियों को मिलेगा 30 हजार रुपए तक का त्रण नगर निगम के हाउस में शनिवार को नगर निगम के सभी कर्मचारियों की मांग को पूरा करते हुए फैसला लिया गया है। दीपावली पर नगर निगम में कार्यरत नियमित, अनुबंध, दैनिकभोगी को नगर निगम निधि से वर्षद 2024-25 में अग्रिम राशि 30 हजार सभी कर्मचारियों के हिसाब से त्रण दिया जाएगा। अग्रिम के लिए लगभग 415 इच्छुक कर्मचारियों जिसमें से 400 नियमित कर्मचारी व 15 अनुबंध, दैनिकभोगी कर्मचारी के आवेदन की अपेक्षा की जा रही है। जिसके लिए नगर निगम निधि से लगभग 1 करोड़ 22 लाख 25 हजार रुपए की आवश्कता होगी। इसलिए कर्मचारियों की मांग पर नगर निगम निधिप से अग्रिम ऋण का भुगतान करने पर नगर निगम कोष पर कोई भी अतिरिक्त वितीय बोझ नहीं पड़ेगा। क्योंकि ऋण की वसूली ब्याज सहित कर्मचारियों के मासिक वेतन से दस किश्तों में ली जाएगी। इस मामले पर नगर निगम हाउस में सभी पार्षदों ने मंजूरी दी है। संजौली मस्जिद विवाद में पानी खोलने पर एमसी कर्मचारियों पर केस दर्ज नगर निगम हाउस में सभी पार्षदों ने किया कर्मचारियों की एफआईआर का विरोध संजौली मस्जिद विवाद पर नगर निगम हाउस में भी शनिवार को पार्षदों ने सवाल उठाए हैं। भट्टाकुफर वार्ड के पार्षद नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि संजौली विवाद के दौरान नगर निगम और एसजेपीएनएल के फिल्ड स्टाफ पर एफआईआर दर्ज की गई है। जिसका हम सभी पार्षद विरोध करते हैं। इस मामले पर सभी पार्षदों ने अपनी कुर्सी से खड़े होकर इसका विरोध किया। पार्षदों ने कहा कि यह कर्मचारी दिन रात लोगों की सेवा करते हैं और इनका इस विवाद से कोई लेना देना भी नहीं है। ऐसे में नगर निगम हाउस की ओर से पुलिस प्रशासन को इस केस वापस लेने का आग्रह किया जाए। इस पर नगन निगम हाउस में एसजेपीएनएल के अधिकारी ने कहा कि इस मामले की कोई जानकारी हमें नहीं है और न ही हमारे पास ऐसी कोई शिकायत आई है। यदि ऐसा है तो हम इस मामले की छानबीन करेंगे। वहीं मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि कर्मचारियों के हित के लिए हम बात करेंगे। यदि यह सही है कि केस हुआ है तो हम प्रदेश सरकार से और पुलिस प्रशासन से केस वापस लेने का आग्रह करेंगे। लक्कड़ बाजर में सबलेटिंग मामले पर हुआ हंगामा बिना अनुमति के ही लक्कड़ बाजार का दुकानदार हाउस में हुआ दाखिल मेयर सुरेंद्र चौहान ने दुकानदार पर कार्रवाई करने के दिए निर्देश नगर निगम हाउस में पार्षद सुषमा कुठियाला ने प्रश्न उठाया कि लक्कड़ बाजार में लोगों को 11 महीनों के लिए दुकानें दी थी। लेकिन अब 11 से भी अधिक वर्ष हो गए हैं। लेकिन अभी तक नगर निगम ने इनकी दुकानें खाली नहीं की है। इसी बीच जिस दुकान की बात पार्षद कर रही थी। उसी दुकान का संचालक नगर निगम हाउस में बिना अनुमति के घूस गया और अपनी बात रखने लगा। तो नगर निगम मेयर सुरेंद्र चौहान क्रोधित हो गए और कहा कि आप किस की अनुमति से अंदर आए और कर्मचारियों को आदेश किए कि इन्हें बाहर करें। वहीं इसी बीच सभी पार्षदों न हाउस पर सवाल उठाया कि यदि इस प्रकार निगम हाउस की उल्लघंना की जाएगी तो इस हाउस को करवाने का क्या ही मतलब रह जाएगा। इसी बीच यह फैसला हुआ कि नगर निगम हाउस में किसी भी व्यक्ति को आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि जो व्यक्ति हाउस में घुसा था उसने नगर निगम आयुक्त से हाउस में आने की अनुमति मांगी थी। लेकिन इस पर सभी से बात कर इन्हें अनुमति देने से मना कर दिया गया था। वहीं सुषमा कुठियाला ने कहा कि इस प्रकार से सदन में घुस कर धमकाना गलत है और इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। इस हाउस में मेयर सुरेंद्र चौहान ने अधिकारियों को आदेश दिए कि इस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बता दें कि जिन व्यक्तियों की दुकानों में आग लगी थी। उन्हें नगर निगम ने अपनी दुकानें 11 महिनों के लिए दी थी और जिन्हें दुकानें दी थी उन्होंने अपनी दुकानें सबलेट की थी और नगर निगम ने 11 महिनों तक ही दुकानें दी थी। लेकिन नगर निगम को इन दुकानों से लगातार किराया आ रहा है ऐसे में नगर निगम ने भी अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। ऐसे में अब नगर निगम ने इन दुकानों को खाली करने को लेकर भी फैसला लिया है। नगर निगम आयुक्त ने कहा है कि सभी प्रकार के नियमों और कानून को देखकर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
शिमला,28 सितम्बर,[ विशाल सूद ] ! राजधानी शिमला के नगर निगम हाउस में शनिवार को मेयर सुरेंद्र चौहान और डिप्टी मेयर की अध्यक्षता में प्रस्ताव पास हुआ है कि रिज मैदान के दौलत सिंह परमार पार्क में पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित होगी। इसके लिए हाउस ने जिला प्रशासन को भी पत्र भेज दिया है। बता दें कि नगर निगम से स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित करने के लिए स्थान चिन्हित करने का काम सौंपा था। नगर निगम हाउस में यह तय किया गया है कि दौलत सिंह और डॉ. यश्वंतर सिंह परमार के बीच प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि स्वर्गीय वीरभद्र सिंह हम सभी के प्रेरणास्रोत हैं। शिमला में उनकी प्रतिमा स्थापित की जाएगी। रिज मैदान पर राष्ट्रीय नेताओं की प्रतिमाएं लगी हुई हैं। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की प्रतिमा दौलत सिंह पार्क में स्थापित की जाएगी। हालांकि हाउस में यह तय नहीं किया गया है कि प्रतिमा कितनी बड़ी होगी और इसमें कितना खर्च होगा। इस विषय पर अब जिला प्रशासन को नगर निगम ने पत्र भेज दिया है। बता दें कि नगर निगम को सिर्फ स्थान देना था और बाकि प्रतिमा को लगाने का सारा काम प्रदेश सरकार स्वयं करेगी।
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इसी मांग पर विक्रमादित्य ने दिया था त्यागपत्र विधानसभा के बजट सत्र के दौरान लोक निर्माण मंत्री व स्व. वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था। विक्रमादित्य सिंह ने विधानसभा परिसर में अपने पिता के अपमान की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि अपनी ही सरकार में पिता की प्रतिमा लगाने के लिए दो गज भूमि तक नहीं दी। इस दौरान उनकी आंखों से आंसू छलक गए थे। हालांकि पार्टी हाईकमान ने उनका त्यागपत्र स्वीकार नहीं किया था। ऐासे में अब वीरभद्र सिंह की प्रतिमा स्थापित करने के लिए नगर निगम ने हरी झंडी दिखा दी है।
दीपावली पर नगर निगम कर्मचारियों को मिलेगा विशेष तोहफा सभी कर्मचारियों को मिलेगा 30 हजार रुपए तक का त्रण नगर निगम के हाउस में शनिवार को नगर निगम के सभी कर्मचारियों की मांग को पूरा करते हुए फैसला लिया गया है। दीपावली पर नगर निगम में कार्यरत नियमित, अनुबंध, दैनिकभोगी को नगर निगम निधि से वर्षद 2024-25 में अग्रिम राशि 30 हजार सभी कर्मचारियों के हिसाब से त्रण दिया जाएगा।
अग्रिम के लिए लगभग 415 इच्छुक कर्मचारियों जिसमें से 400 नियमित कर्मचारी व 15 अनुबंध, दैनिकभोगी कर्मचारी के आवेदन की अपेक्षा की जा रही है। जिसके लिए नगर निगम निधि से लगभग 1 करोड़ 22 लाख 25 हजार रुपए की आवश्कता होगी। इसलिए कर्मचारियों की मांग पर नगर निगम निधिप से अग्रिम ऋण का भुगतान करने पर नगर निगम कोष पर कोई भी अतिरिक्त वितीय बोझ नहीं पड़ेगा। क्योंकि ऋण की वसूली ब्याज सहित कर्मचारियों के मासिक वेतन से दस किश्तों में ली जाएगी। इस मामले पर नगर निगम हाउस में सभी पार्षदों ने मंजूरी दी है।
संजौली मस्जिद विवाद में पानी खोलने पर एमसी कर्मचारियों पर केस दर्ज नगर निगम हाउस में सभी पार्षदों ने किया कर्मचारियों की एफआईआर का विरोध संजौली मस्जिद विवाद पर नगर निगम हाउस में भी शनिवार को पार्षदों ने सवाल उठाए हैं। भट्टाकुफर वार्ड के पार्षद नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि संजौली विवाद के दौरान नगर निगम और एसजेपीएनएल के फिल्ड स्टाफ पर एफआईआर दर्ज की गई है। जिसका हम सभी पार्षद विरोध करते हैं। इस मामले पर सभी पार्षदों ने अपनी कुर्सी से खड़े होकर इसका विरोध किया। पार्षदों ने कहा कि यह कर्मचारी दिन रात लोगों की सेवा करते हैं और इनका इस विवाद से कोई लेना देना भी नहीं है।
ऐसे में नगर निगम हाउस की ओर से पुलिस प्रशासन को इस केस वापस लेने का आग्रह किया जाए। इस पर नगन निगम हाउस में एसजेपीएनएल के अधिकारी ने कहा कि इस मामले की कोई जानकारी हमें नहीं है और न ही हमारे पास ऐसी कोई शिकायत आई है। यदि ऐसा है तो हम इस मामले की छानबीन करेंगे। वहीं मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि कर्मचारियों के हित के लिए हम बात करेंगे। यदि यह सही है कि केस हुआ है तो हम प्रदेश सरकार से और पुलिस प्रशासन से केस वापस लेने का आग्रह करेंगे।
लक्कड़ बाजर में सबलेटिंग मामले पर हुआ हंगामा बिना अनुमति के ही लक्कड़ बाजार का दुकानदार हाउस में हुआ दाखिल मेयर सुरेंद्र चौहान ने दुकानदार पर कार्रवाई करने के दिए निर्देश नगर निगम हाउस में पार्षद सुषमा कुठियाला ने प्रश्न उठाया कि लक्कड़ बाजार में लोगों को 11 महीनों के लिए दुकानें दी थी। लेकिन अब 11 से भी अधिक वर्ष हो गए हैं। लेकिन अभी तक नगर निगम ने इनकी दुकानें खाली नहीं की है। इसी बीच जिस दुकान की बात पार्षद कर रही थी।
उसी दुकान का संचालक नगर निगम हाउस में बिना अनुमति के घूस गया और अपनी बात रखने लगा। तो नगर निगम मेयर सुरेंद्र चौहान क्रोधित हो गए और कहा कि आप किस की अनुमति से अंदर आए और कर्मचारियों को आदेश किए कि इन्हें बाहर करें। वहीं इसी बीच सभी पार्षदों न हाउस पर सवाल उठाया कि यदि इस प्रकार निगम हाउस की उल्लघंना की जाएगी तो इस हाउस को करवाने का क्या ही मतलब रह जाएगा। इसी बीच यह फैसला हुआ कि नगर निगम हाउस में किसी भी व्यक्ति को आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
हालांकि जो व्यक्ति हाउस में घुसा था उसने नगर निगम आयुक्त से हाउस में आने की अनुमति मांगी थी। लेकिन इस पर सभी से बात कर इन्हें अनुमति देने से मना कर दिया गया था। वहीं सुषमा कुठियाला ने कहा कि इस प्रकार से सदन में घुस कर धमकाना गलत है और इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। इस हाउस में मेयर सुरेंद्र चौहान ने अधिकारियों को आदेश दिए कि इस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
बता दें कि जिन व्यक्तियों की दुकानों में आग लगी थी। उन्हें नगर निगम ने अपनी दुकानें 11 महिनों के लिए दी थी और जिन्हें दुकानें दी थी उन्होंने अपनी दुकानें सबलेट की थी और नगर निगम ने 11 महिनों तक ही दुकानें दी थी। लेकिन नगर निगम को इन दुकानों से लगातार किराया आ रहा है ऐसे में नगर निगम ने भी अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। ऐसे में अब नगर निगम ने इन दुकानों को खाली करने को लेकर भी फैसला लिया है। नगर निगम आयुक्त ने कहा है कि सभी प्रकार के नियमों और कानून को देखकर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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