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शिमला , 10 मार्च [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस अभिभाषण में सरकार के व्यवस्था परिवर्तन के ज़रिए किए गए नीतिगत बदलाव को प्रस्तुत किया गया. सीएम सुक्खू ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व भाजपा सरकार हिमाचल को आर्थिक दुर्दशा में छोड़कर गई. कांग्रेस ने सत्ता संभाली तो प्रदेश में न तो क्वालिटी एजुकेशन थी न क्वालिटी स्वास्थ्य सेवाएं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण के साथ हुई है. उन्होंने कहा कि इस अभिभाषण में सरकार के व्यवस्था द्वारा की गई नीतिगत बदलावों को प्रस्तुत किया गया है. उन्होंने कहा कि सत्ता संभालने के वक्त प्रदेश में न तो क्वालिटी एजुकेशन थी न क्वालिटी हेल्थ सिस्टम. शिक्षा क्षेत्र में हिमाचल 21वें स्थान पर था नीतिगत परिवर्तन से पहले स्थान पर लाया गया. सीएम सुक्खू ने भाजपा पर प्रदेश सरकार को आर्थिक दुर्दशा में छोड़कर जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर 75,000 करोड़ का कर्ज था 10,000 करोड़ की देनदारियां. जीएसटी लागू होने से प्रदेश के राजस्व को नुकसान हुआ है. जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक कंपनसेशन मिला है लेकिन आने वाले समय में प्रदेश को रेवेन्यू का भारी नुकसान झेलना पड़ेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश संपदाओं से प्रसिद्ध प्रदेश है लेकिन संपदाओं का दोहन करने वाली कंपनियों से हिमाचल को कुछ नहीं मिलता है. यह कंपनियां प्रदेश को उसका हक दे तो हिमाचल देश का सबसे समृद्ध प्रदेश होगा. इस दौरान मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेता हिमाचल आकर प्रदेश के केवल केंद्रीय अनुदान पर चलने की बात कहते हैं यह दुर्भाग्यपूर्ण है. हिमाचल प्रदेश केंद्र से खैरात नहीं मांग रहा है संविधान के अनुसार यह राज्य का हक है. आपदा कहां कंपनसेशन प्रदेश सरकार को अब तक नहीं मिला है. वहीं, मंदिरों से सरकारी योजनाओं के लिए अंशदान मांगने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने विपक्ष को जवाब दिया है. सीएम ने कहा कि मंदिरों में जनहित योजनाएं चलाने के लिए एसओपी बनी होती है. कोविड काल में पूर्व जयराम सरकार ने कोरोना फंड के नाम पर मंदिरों से 28 करोड़ लिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर भाजपा मंदिरों से पैसा ले तो वह पुण्य है और सरकार ले तो पाप. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी योजनाओं के लिए पूरा बजट का प्रावधान किया गया है.
शिमला , 10 मार्च [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस अभिभाषण में सरकार के व्यवस्था परिवर्तन के ज़रिए किए गए नीतिगत बदलाव को प्रस्तुत किया गया. सीएम सुक्खू ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व भाजपा सरकार हिमाचल को आर्थिक दुर्दशा में छोड़कर गई. कांग्रेस ने सत्ता संभाली तो प्रदेश में न तो क्वालिटी एजुकेशन थी न क्वालिटी स्वास्थ्य सेवाएं.
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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण के साथ हुई है. उन्होंने कहा कि इस अभिभाषण में सरकार के व्यवस्था द्वारा की गई नीतिगत बदलावों को प्रस्तुत किया गया है. उन्होंने कहा कि सत्ता संभालने के वक्त प्रदेश में न तो क्वालिटी एजुकेशन थी न क्वालिटी हेल्थ सिस्टम. शिक्षा क्षेत्र में हिमाचल 21वें स्थान पर था नीतिगत परिवर्तन से पहले स्थान पर लाया गया.
सीएम सुक्खू ने भाजपा पर प्रदेश सरकार को आर्थिक दुर्दशा में छोड़कर जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर 75,000 करोड़ का कर्ज था 10,000 करोड़ की देनदारियां. जीएसटी लागू होने से प्रदेश के राजस्व को नुकसान हुआ है. जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक कंपनसेशन मिला है लेकिन आने वाले समय में प्रदेश को रेवेन्यू का भारी नुकसान झेलना पड़ेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश संपदाओं से प्रसिद्ध प्रदेश है लेकिन संपदाओं का दोहन करने वाली कंपनियों से हिमाचल को कुछ नहीं मिलता है. यह कंपनियां प्रदेश को उसका हक दे तो हिमाचल देश का सबसे समृद्ध प्रदेश होगा. इस दौरान मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेता हिमाचल आकर प्रदेश के केवल केंद्रीय अनुदान पर चलने की बात कहते हैं यह दुर्भाग्यपूर्ण है. हिमाचल प्रदेश केंद्र से खैरात नहीं मांग रहा है संविधान के अनुसार यह राज्य का हक है. आपदा कहां कंपनसेशन प्रदेश सरकार को अब तक नहीं मिला है.
वहीं, मंदिरों से सरकारी योजनाओं के लिए अंशदान मांगने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने विपक्ष को जवाब दिया है. सीएम ने कहा कि मंदिरों में जनहित योजनाएं चलाने के लिए एसओपी बनी होती है. कोविड काल में पूर्व जयराम सरकार ने कोरोना फंड के नाम पर मंदिरों से 28 करोड़ लिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर भाजपा मंदिरों से पैसा ले तो वह पुण्य है और सरकार ले तो पाप. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी योजनाओं के लिए पूरा बजट का प्रावधान किया गया है.
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