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चम्बा , 21 मार्च [ शिवानी ] ! पर्यटन नगरी डल्हौजी में जमीन की खरीद फरोख्त को लेकर हेराफेरी का मामला सामने आया है। विजिलैंस टीम ने जांच के बाद 6 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इसमें कुछ प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हैं। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि एक व्यक्ति ने 2.24 हैक्टेयर जमीन की खरीद के दौरान हेराफेरी की। वहीं बाद में राजस्व रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ कर इस जमीन को 6.20 हैक्टेयर में बदल दिया गया, जिससे चलते सरकारी खजाने को स्टांप ड्यूटी में नुकसान हुआ। आरोपी ने सेल डीड संख्या 330 के माध्यम से 0.02-24 हैक्टेयर जमीन खरीदी थी, लेकिन बाद में राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी कर खसरा नंबर को मिलाकर कुल 6.20 हैक्टेयर भूमि का इंतकाल अपने नाम करवा लिया। इससे सरकार को करीब 1.56 लाख रुपए की स्टांप ड्यूटी की हानि हुई। बाद में आरोपी के बेटे ने इस संपत्ति को बैंक में गिरवी रखकर 4.15 करोड़ रुपए का लोन भी ले लिया। जांच में पाया गया कि इस धोखाधड़ी में प्रशासनिक व राजस्व अधिकारी तथा विक्रेता पक्ष की भूमिका संदिग्ध पाई गई। जांच के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया है। विजलैंस मामले की गहनता से जांच कर रही है और जल्द ही आरोपियों से पूछताछ की जा सकती है। जांच में आरोप सही पाए जाने पर आरोपियों की संपत्ति जब्त करने के साथ अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। एएसपी विजिलैंस अभिमन्यु वर्मा ने बताया कि एफआईआर दर्ज की गई है। आगामी जांच शुरू है।
चम्बा , 21 मार्च [ शिवानी ] ! पर्यटन नगरी डल्हौजी में जमीन की खरीद फरोख्त को लेकर हेराफेरी का मामला सामने आया है। विजिलैंस टीम ने जांच के बाद 6 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इसमें कुछ प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हैं। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि एक व्यक्ति ने 2.24 हैक्टेयर जमीन की खरीद के दौरान हेराफेरी की। वहीं बाद में राजस्व रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ कर इस जमीन को 6.20 हैक्टेयर में बदल दिया गया, जिससे चलते सरकारी खजाने को स्टांप ड्यूटी में नुकसान हुआ।
आरोपी ने सेल डीड संख्या 330 के माध्यम से 0.02-24 हैक्टेयर जमीन खरीदी थी, लेकिन बाद में राजस्व रिकॉर्ड में हेराफेरी कर खसरा नंबर को मिलाकर कुल 6.20 हैक्टेयर भूमि का इंतकाल अपने नाम करवा लिया। इससे सरकार को करीब 1.56 लाख रुपए की स्टांप ड्यूटी की हानि हुई। बाद में आरोपी के बेटे ने इस संपत्ति को बैंक में गिरवी रखकर 4.15 करोड़ रुपए का लोन भी ले लिया।
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जांच में पाया गया कि इस धोखाधड़ी में प्रशासनिक व राजस्व अधिकारी तथा विक्रेता पक्ष की भूमिका संदिग्ध पाई गई। जांच के बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया है। विजलैंस मामले की गहनता से जांच कर रही है और जल्द ही आरोपियों से पूछताछ की जा सकती है। जांच में आरोप सही पाए जाने पर आरोपियों की संपत्ति जब्त करने के साथ अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। एएसपी विजिलैंस अभिमन्यु वर्मा ने बताया कि एफआईआर दर्ज की गई है। आगामी जांच शुरू है।
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