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चम्बा, { भरमौर } , 2 जुलाई, [ रीना सहोत्रा ] ! व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर प्रदेश में कांग्रेस की यह सरकार सता में आई थी लेकिन इसी व्यवस्था से तंग आकर लोगों ने अपनी जरूरतों को खुद पूरा करने का बीड़ा उठाया है। ताजा मामला जनजातीय क्षेत्र भरमौर की होली तहसील के अंर्तगत आती ग्राम पंचायत गरोला के पिल्ली गांव का है जहां इस गांव के लोगों द्वारा बार बार गांव तक पहुंचने वाले सड़क मार्ग की मुरम्मत की मांग लोक निर्माण विभाग से की लेकिन विभाग के कान पर जूं न रेंगी और इसलिए उन्होंने खुद ही सड़क मुरम्मत का बीड़ा उठा लिया शनिवार को पिल्ली गांव के समस्त गांव वासियों ने गांव तक पहुंचने वाले सड़क की मुरम्मत का कार्य शुरू कर दिया मामले की जानकारी देते हुए पिली वार्ड की वार्ड मेंबर सीमा देवी ने बताया कि हमारे गांव तक पहुंचने वाली सड़क की हालत खस्ता थी और जिसकी शिकायत हमने लोक निर्माण विभाग गरोला से कई बार की लेकिन विभाग द्वारा इस सड़क मार्ग की मुरम्मत नही कर पाया लिहाजा अब गांववासियों ने स्वयं ही इस सड़क का मुरम्मत कार्य शुरू कर दिया है। गौरतलब है जनजातिय क्षेत्र भरमौर में सबसे अधिक गांव आज सड़क समस्या से आज भी जूझ रहे हैं। सड़क सुविधा न होने के कारण आज भी कई गांवों के मरीजों को पालकी पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।
चम्बा, { भरमौर } , 2 जुलाई, [ रीना सहोत्रा ] ! व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर प्रदेश में कांग्रेस की यह सरकार सता में आई थी लेकिन इसी व्यवस्था से तंग आकर लोगों ने अपनी जरूरतों को खुद पूरा करने का बीड़ा उठाया है। ताजा मामला जनजातीय क्षेत्र भरमौर की होली तहसील के अंर्तगत आती ग्राम पंचायत गरोला के पिल्ली गांव का है जहां इस गांव के लोगों द्वारा बार बार गांव तक पहुंचने वाले सड़क मार्ग की मुरम्मत की मांग लोक निर्माण विभाग से की लेकिन विभाग के कान पर जूं न रेंगी और इसलिए उन्होंने खुद ही सड़क मुरम्मत का बीड़ा उठा लिया शनिवार को पिल्ली गांव के समस्त गांव वासियों ने गांव तक पहुंचने वाले सड़क की मुरम्मत का कार्य शुरू कर दिया मामले की जानकारी देते हुए पिली वार्ड की वार्ड मेंबर सीमा देवी ने बताया कि हमारे गांव तक पहुंचने वाली सड़क की हालत खस्ता थी और जिसकी शिकायत हमने लोक निर्माण विभाग गरोला से कई बार की लेकिन विभाग द्वारा इस सड़क मार्ग की मुरम्मत नही कर पाया लिहाजा अब गांववासियों ने स्वयं ही इस सड़क का मुरम्मत कार्य शुरू कर दिया है।
गौरतलब है जनजातिय क्षेत्र भरमौर में सबसे अधिक गांव आज सड़क समस्या से आज भी जूझ रहे हैं। सड़क सुविधा न होने के कारण आज भी कई गांवों के मरीजों को पालकी पर उठाकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।
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