23 साल गुजर जाने के बाद भी पटरी पर नहीं आ रही सफाई व्यवस्था
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
सोलन [ बद्दी ] , 19 अगस्त [ पंकज गोल्डी ] ! एशिया के सबसे बड़े फार्मा हब बद्दी का नाम संसार के मानचित्र पर उभर रहा है लेकिन यहा की सफाई व्यवस्था सुधर नही पाई। नगर परिषद की सुस्त कार्यप्रणाली के कारण बदतर हुई शहर की सफाई व्यवस्था लोगो के लिए नासूर बनती जा रही है। शहर की मुख्य सडक, चौक चौराहे पर पसरी गंदगी और जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि नगर परिषद करोड़ो खर्च करने के बाद भी शहर को स्वच्छ रखने में नाकामयाब साबित हो रही है। अगर बात करे भटौलीकलां के औद्योगिक क्षेत्र को जोड़ने वाले नगर परिषद के वार्ड न 7 की तो वहा की सफाई व्यवस्था 23 साल गुजर जाने के बाद भी पटरी पर नहीं आ पाई है। शहर के अन्य वार्डों की अपेक्षा इस वार्ड में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। स्थानीय लोगो द्वारा नगर परिषद के अधिकारियो को सफाई के संबंध में दर्जनों शिकायते करने के बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके चलते नालियां गंदगी से भरी पड़ी है तथा नालियों की नियमित सफाई न होने के कारण गंदगी से ओवरफ्लो हुई पड़ी है। गंदगी से महामारी फैलने का डर लगा रहता है। वार्ड में फैले कचरे को डालने के लिए डस्टबिन की कमी बनी हुई है। डस्टबिन नहीं रहने से वार्डवासी जहां खाली जगह मिली वहां कचरा फेंकने को मजबूर है। ऐसे में चारों तरफ गंदगी ही नजर आती है। इस संबंध में अनेकों बार अवगत कराने के बाद भी कचरा फेंकने के लिए उचित व्यवस्था नहीं की है। वार्डों में फैली जगह -जगह गंदगी व नालियों में भरा कचरा वार्ड के विकास की गाथा बयां कर रहा है।वार्डवासियों राजिंदर, अमरजीत, अंकित, सोनू, रोहित, तेर्सेम, बबलू, निर्मल, चन्दन, प्रेम सिंह, गुड्डी देवी, जय देवी आदि ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहर के हर गली व मोहल्ले को साफ व स्वच्छ रखने का संदेश दिया था। लेकिन इसका पालन होते वार्ड में नजर नहीं आ रहा है। नगर परिषद द्वारा स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत दिन में ही मात्र औपचारिकता निभाने के लिए अधिकारी व कर्मचारी दिखाई देते है पर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर लेते है। कई अभियानों के बाद से अब तक वार्ड की व्यवस्था देखने ना पार्षद पहुंचे और ना ही नप के कर्मचारी। आपको बता दें कि नगर पालिका प्रशासन शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने का दम भरता है। लेकिन जब गली मोहल्लों में पसरी गंदगी को देखा जाता है तो मालूम पड़ता है कि नगर पालिका प्रशासन शहर में सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रहा है। शहर की साफ सफाई को लेकर नगर परिषद द्वारा इस समय 70 से अधिक सफाई कर्मचारी, कई ट्रैक्टर, घरों से कूड़ा इकट्ठा करने वाले वाहनों के अलावा अन्य मैनपावर का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन बावजूद इसके शहर में स्वच्छता अभियान का न केवल पलीता लगाया जा रहा है, बल्कि करोड़ो रुपये बर्बाद भी किए जा रहे हैं। सफाई के नाम पर गोलमाल किया जा रहा है। वही नगर परिषद के ई.ओ. आर. एस. वर्मा ने बताया कि उन्होंने सभी ठेकेदारों को निर्देश जारी किए है जब तक ठीक सफाई की रिपोर्ट नहीं देते तब तक उनका भुगतान नहीं किया जाएगा।
सोलन [ बद्दी ] , 19 अगस्त [ पंकज गोल्डी ] ! एशिया के सबसे बड़े फार्मा हब बद्दी का नाम संसार के मानचित्र पर उभर रहा है लेकिन यहा की सफाई व्यवस्था सुधर नही पाई। नगर परिषद की सुस्त कार्यप्रणाली के कारण बदतर हुई शहर की सफाई व्यवस्था लोगो के लिए नासूर बनती जा रही है। शहर की मुख्य सडक, चौक चौराहे पर पसरी गंदगी और जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि नगर परिषद करोड़ो खर्च करने के बाद भी शहर को स्वच्छ रखने में नाकामयाब साबित हो रही है।
अगर बात करे भटौलीकलां के औद्योगिक क्षेत्र को जोड़ने वाले नगर परिषद के वार्ड न 7 की तो वहा की सफाई व्यवस्था 23 साल गुजर जाने के बाद भी पटरी पर नहीं आ पाई है। शहर के अन्य वार्डों की अपेक्षा इस वार्ड में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। स्थानीय लोगो द्वारा नगर परिषद के अधिकारियो को सफाई के संबंध में दर्जनों शिकायते करने के बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
जिसके चलते नालियां गंदगी से भरी पड़ी है तथा नालियों की नियमित सफाई न होने के कारण गंदगी से ओवरफ्लो हुई पड़ी है। गंदगी से महामारी फैलने का डर लगा रहता है। वार्ड में फैले कचरे को डालने के लिए डस्टबिन की कमी बनी हुई है। डस्टबिन नहीं रहने से वार्डवासी जहां खाली जगह मिली वहां कचरा फेंकने को मजबूर है। ऐसे में चारों तरफ गंदगी ही नजर आती है।
इस संबंध में अनेकों बार अवगत कराने के बाद भी कचरा फेंकने के लिए उचित व्यवस्था नहीं की है। वार्डों में फैली जगह -जगह गंदगी व नालियों में भरा कचरा वार्ड के विकास की गाथा बयां कर रहा है।वार्डवासियों राजिंदर, अमरजीत, अंकित, सोनू, रोहित, तेर्सेम, बबलू, निर्मल, चन्दन, प्रेम सिंह, गुड्डी देवी, जय देवी आदि ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहर के हर गली व मोहल्ले को साफ व स्वच्छ रखने का संदेश दिया था। लेकिन इसका पालन होते वार्ड में नजर नहीं आ रहा है।
नगर परिषद द्वारा स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत दिन में ही मात्र औपचारिकता निभाने के लिए अधिकारी व कर्मचारी दिखाई देते है पर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर लेते है। कई अभियानों के बाद से अब तक वार्ड की व्यवस्था देखने ना पार्षद पहुंचे और ना ही नप के कर्मचारी।
आपको बता दें कि नगर पालिका प्रशासन शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने का दम भरता है। लेकिन जब गली मोहल्लों में पसरी गंदगी को देखा जाता है तो मालूम पड़ता है कि नगर पालिका प्रशासन शहर में सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रहा है।
शहर की साफ सफाई को लेकर नगर परिषद द्वारा इस समय 70 से अधिक सफाई कर्मचारी, कई ट्रैक्टर, घरों से कूड़ा इकट्ठा करने वाले वाहनों के अलावा अन्य मैनपावर का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन बावजूद इसके शहर में स्वच्छता अभियान का न केवल पलीता लगाया जा रहा है, बल्कि करोड़ो रुपये बर्बाद भी किए जा रहे हैं। सफाई के नाम पर गोलमाल किया जा रहा है।
वही नगर परिषद के ई.ओ. आर. एस. वर्मा ने बताया कि उन्होंने सभी ठेकेदारों को निर्देश जारी किए है जब तक ठीक सफाई की रिपोर्ट नहीं देते तब तक उनका भुगतान नहीं किया जाएगा।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -