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कल हमीरपुर में प्रदर्शन, 24 को सामूहिक छुट्टी की घोषणा, इमरजेंसी सेवा नहीं देंगे
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शिमला , 10 फरवरी [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के बिजली इंजीनियर और कर्मचारी सरकार के युक्तिकरण के फैसले पर भड़क उठे हैं। इसके विरोध में आज प्रदेशभर में काले झंडे लगाकर वर्क टू रूल यानी सुबह 10 से शाम 5 बजे तक काम करेंगे। सुबह 10 बजे से पहले और शाम 5 बजे के बाद इमरजेंसी में भी सेवाएं नहीं देंगे। कल यानी 11 दिसंबर को हमीरपुर में प्रदेशभर के इंजीनियर और कर्मचारी राज्य सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे। युक्तिकरण की प्रक्रिया नहीं रोकी गई तो 24 फरवरी को बोर्ड कर्मी ने सामूहिक छुट्टी पर जाएंगे। दरअसल, आर्थिक संकट से जूझ रही कांग्रेस सरकार ने बिजली बोर्ड में लगभग 700 पद सरप्लस पूल में डाल दिए है। यानी इन पदों से इंजीनियर और कर्मचारियों के रिटायर होने के बाद नई भर्तियां नहीं होगी। इससे बिजली बोर्ड के इंजीनियर और कर्मचारी भड़क उठे हैं। सरकार ने यह फैसला घाटे में चल रहे बोर्ड की वित्तीय हालत में सुधार के लिए लिया है। बिजली बोर्ड के निदेशक मंडल ने इन पदों को समाप्त करने की मंजूरी दे दी है। इसके विरोध में कर्मचारी, इंजीनियर और पेंशनर की जॉइंट एक्शन कमेटी ने आर-पार की लड़ाई का भी ऐलान कर दिया है। हमीरपुर में कल के धरने के बाद आंदोलन की आगामी रणनीति तय होगी। यही नहीं इंजीनियर कर्मचारियों की आंदोलन में बिजली बोर्ड से रिटायर पेंशनर ने भी कूदने का फैसला लिया है। जॉइंट एक्शन कमेटी के सह संयोजक हीरालाल वर्मा ने बताया कि बिजली बोर्ड को कुछ अधिकारी खत्म करने के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू को गलत जानकारियां दे रहे हैं। बिजली बोर्ड पहले ही स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में 700 पद समाप्त करने के बाद कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। अभी एक-एक कर्मचारी तीन से चार लोगों का काम देख रहा है। उन्होंने बताया कि नई भर्तियां भी नहीं की जा रही। इसे देखते हुए आज से वर्क टू रूल के तहत काम करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार ने अब तक ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली का वादा भी पूरा नहीं किया है।
शिमला , 10 फरवरी [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश के बिजली इंजीनियर और कर्मचारी सरकार के युक्तिकरण के फैसले पर भड़क उठे हैं। इसके विरोध में आज प्रदेशभर में काले झंडे लगाकर वर्क टू रूल यानी सुबह 10 से शाम 5 बजे तक काम करेंगे। सुबह 10 बजे से पहले और शाम 5 बजे के बाद इमरजेंसी में भी सेवाएं नहीं देंगे।
कल यानी 11 दिसंबर को हमीरपुर में प्रदेशभर के इंजीनियर और कर्मचारी राज्य सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे। युक्तिकरण की प्रक्रिया नहीं रोकी गई तो 24 फरवरी को बोर्ड कर्मी ने सामूहिक छुट्टी पर जाएंगे।
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दरअसल, आर्थिक संकट से जूझ रही कांग्रेस सरकार ने बिजली बोर्ड में लगभग 700 पद सरप्लस पूल में डाल दिए है। यानी इन पदों से इंजीनियर और कर्मचारियों के रिटायर होने के बाद नई भर्तियां नहीं होगी। इससे बिजली बोर्ड के इंजीनियर और कर्मचारी भड़क उठे हैं। सरकार ने यह फैसला घाटे में चल रहे बोर्ड की वित्तीय हालत में सुधार के लिए लिया है। बिजली बोर्ड के निदेशक मंडल ने इन पदों को समाप्त करने की मंजूरी दे दी है।
इसके विरोध में कर्मचारी, इंजीनियर और पेंशनर की जॉइंट एक्शन कमेटी ने आर-पार की लड़ाई का भी ऐलान कर दिया है। हमीरपुर में कल के धरने के बाद आंदोलन की आगामी रणनीति तय होगी। यही नहीं इंजीनियर कर्मचारियों की आंदोलन में बिजली बोर्ड से रिटायर पेंशनर ने भी कूदने का फैसला लिया है।
जॉइंट एक्शन कमेटी के सह संयोजक हीरालाल वर्मा ने बताया कि बिजली बोर्ड को कुछ अधिकारी खत्म करने के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू को गलत जानकारियां दे रहे हैं। बिजली बोर्ड पहले ही स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में 700 पद समाप्त करने के बाद कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
अभी एक-एक कर्मचारी तीन से चार लोगों का काम देख रहा है। उन्होंने बताया कि नई भर्तियां भी नहीं की जा रही। इसे देखते हुए आज से वर्क टू रूल के तहत काम करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार ने अब तक ओल्ड पेंशन स्कीम बहाली का वादा भी पूरा नहीं किया है।
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