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चम्बा , 16 जून [ सुभाष महाजन ] ! समुद्रतल से 14500 फीट की ऊंचाई पर स्थित चम्बा-बैरागढ़-किलाड़ वाया साच पास मार्ग इन दिनों सैलानियों के साथ स्थानीय लोगों की भी खूब परीक्षा ले रहा है। भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए देश भर के कोने-कोने से पर्यटक साच पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां पार्किंग न होने के कारण वे अपने वाहनों को सड़क के बीच ही खड़ा कर रहे हैं। इससे मार्ग पर घंटों तक लंबा जाम लग रहा है। ऐसे में पर्यटकों और स्थानीय लोगों ने साच पास में पार्किंग के लिए जगह चिह्नित करने की मांग उठाई है। चम्बा-बैरागढ़-किलाड़ वाया साच पास मार्ग पर स्थित साच दर्रा पर्यटकों के लिए सैरगाह बना हुआ है। रोजाना साच पास में बर्फ, ग्लेशियरों का दीदार करने के लिए 400 से अधिक छोटी और बड़ी गाड़ियों में देश के कोने-कोने से पर्यटक पहुंचते हैं। पर्यटक साच पास में पहुंच कर बर्फ पर चहलकदमी करने के साथ मनोरंजन भी करते हुए नाचते-गाते साफ देखे जा सकते हैं। पर्यटकों में रघुवीर, विनय, प्रीतम, संजीव, सुरेश कुमार, अजीत कुमार, नरेश ने कहा कि प्रकृति ने साच पास को अपनी सुंदरता से सराबोर करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देकर साच पास को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए विशेष प्रयास करने की मांग की है।
चम्बा , 16 जून [ सुभाष महाजन ] ! समुद्रतल से 14500 फीट की ऊंचाई पर स्थित चम्बा-बैरागढ़-किलाड़ वाया साच पास मार्ग इन दिनों सैलानियों के साथ स्थानीय लोगों की भी खूब परीक्षा ले रहा है।
भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए देश भर के कोने-कोने से पर्यटक साच पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां पार्किंग न होने के कारण वे अपने वाहनों को सड़क के बीच ही खड़ा कर रहे हैं।
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इससे मार्ग पर घंटों तक लंबा जाम लग रहा है। ऐसे में पर्यटकों और स्थानीय लोगों ने साच पास में पार्किंग के लिए जगह चिह्नित करने की मांग उठाई है।
चम्बा-बैरागढ़-किलाड़ वाया साच पास मार्ग पर स्थित साच दर्रा पर्यटकों के लिए सैरगाह बना हुआ है। रोजाना साच पास में बर्फ, ग्लेशियरों का दीदार करने के लिए 400 से अधिक छोटी और बड़ी गाड़ियों में देश के कोने-कोने से पर्यटक पहुंचते हैं। पर्यटक साच पास में पहुंच कर बर्फ पर चहलकदमी करने के साथ मनोरंजन भी करते हुए नाचते-गाते साफ देखे जा सकते हैं।
पर्यटकों में रघुवीर, विनय, प्रीतम, संजीव, सुरेश कुमार, अजीत कुमार, नरेश ने कहा कि प्रकृति ने साच पास को अपनी सुंदरता से सराबोर करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। जिला प्रशासन को इस ओर ध्यान देकर साच पास को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए विशेष प्रयास करने की मांग की है।
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