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लाहौल , 19 जून [ रंजीत लाहौली ] ! मैदानी इलाकों में गर्मी पड़ने से भेडपालकों ने अब पहाडों की और रूख कर लिया। जैसे जैसे भेड़पालक अपना सफर शुरू करते है वैसे वैसे उनकी कठिनाइयां भी बढ़ती जाती है। उन्हें अपनी भेड़ों को साथ लेकर कई जोत को लांघने पड़ते हैं। पहाडों पर कभी बारिश तो कभी बर्फ होने से उनकी भेडों को भी बहुत नुकसान पहुंचता है। कई बार उनकी भेड़ बकरियां मर जाती हैं तो कई बार भेडपालकों को कई दिनों तक भूखे भी रहना पड़ता हैं।
लाहौल , 19 जून [ रंजीत लाहौली ] ! मैदानी इलाकों में गर्मी पड़ने से भेडपालकों ने अब पहाडों की और रूख कर लिया। जैसे जैसे भेड़पालक अपना सफर शुरू करते है वैसे वैसे उनकी कठिनाइयां भी बढ़ती जाती है। उन्हें अपनी भेड़ों को साथ लेकर कई जोत को लांघने पड़ते हैं।
पहाडों पर कभी बारिश तो कभी बर्फ होने से उनकी भेडों को भी बहुत नुकसान पहुंचता है। कई बार उनकी भेड़ बकरियां मर जाती हैं तो कई बार भेडपालकों को कई दिनों तक भूखे भी रहना पड़ता हैं।
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