बददी पुलिस साई रोड का गलियारा नहीं करवा सकी खाली हादसों का केंद्र बन रहा साई मार्ग, पुलिस ने नहीं लिया सबक: उर्मिला चौधरी - रविवार के दिन सडक़ों पर हजारों की संख्या में लग रही रेहड़ी मार्किट अधिकारी अगर प्राईवेट गाडियों में आए तो चलेगा पता: कौशल
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सोलन , 21 जुलाई [ पंकज गोल्डी ] ! बददी-साई रोड अब कसाई रोड बनता जा रहा है। सडक़ के दोनो ओर रेहडी फहडी वालों ने इस कदर कब्जा कर रखा है कि यहां पर गाडी चलाना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। रविवार को तो आप बददी बस स्टैंड से रोटरी चौक तक पैदल पहुंचना ही एक मिशन बन चुका है। पुलिस की गाडियां लगातार साई रोड पर गश्त करती है और दिन में कई बार यहां से आती जाती है लेकिन फिर भी रेहडी फहडी व अवैध तौर पर तहबाजारी करने वालों को वहां से हटा सकी। व्यापार मंडल, अग्रवाल सभा सहित रोड सेफटी क्लब बददी के पदाधिकारी बददी पुलिस को कई बार अवगत करवा चुके हैं कि साई रोड को रेहडी फहडी मुक्त किया जाए लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। अगर कोई व्यक्ति साई रोड पर दो मिनट सामान लेने चला जाता है तो तुरंत उसका चालान हो जाता है लेकिन रास्त में अवरोध पैदा करने वाले रेहडी फहडी पर कोई कार्यवाही नहीं होती। औद्योगिक क्षेत्र बद्दी का केंद्र व लाइफ लाइन कहलाने वाला साई मार्ग रविवार के दिन कई हादसों का केंद्र बनता जा रहा है। इस तरफ जिला पुलिस बद्दी का कोई ध्यान नहीं है। रविवार को अधिकतर श्रमिक व शहरवासी अवकाश पर होते हैं और शहर में खरीददारी के लिए निकलते हैं। ऐसे में सडक़ों पर अपना सामान बेचने के लिए बिना अनुमति हजारों की संख्या में अवैध रूप से रेहड़ी व फड़ी चालक पहुंच रहे हैं। इन्हें हटाने के लिए कई महीनों से न तो नगर परिषद ने कोई अभियान छेड़ा और न ही क्षेत्र की पुलिस ने साई मार्ग पर यातायात को सुधारने की दिशा में कोई प्रयास किए हैं। नतीजतन अब तक कई बच्चों की जान इस साई मार्ग की अवैध रेहड़ी फड़ी व पुलिस प्रशासन की अव्यवस्था ने ली है। साई मार्ग पर रविवार के दिन सुबह से शाम तक रेहड़ी फड़ी इतनी अधिक संख्या में बढ़ जाती है कि सडक़ों पर पैदल चलना तक मुश्किल हो जाता है। इतनी भीड़ के बीच कई शरारती तत्व भी भोले भाले लोगों की जेब काटने और छीना झपटी की घटनाओं को अंजाम देते हैं। समय रहते यदि पुलिस प्रशासन ने इस अवैध रेहड़ी फड़ी को साई मार्ग से नहीं हटाया तो यह बाजार घटनाओं व अपराधों का केंद्र के रूप में पहचाना जाएगा। एसपी बद्दी को चाहिए कि शहर की व्यवस्था को सुधारने के लिए साई मार्ग पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल रविवार के दिन तैनात होना चाहिए, उद्यमी और शहरवासी इस सडक़ पर आसानी से अपना वाहन लेकर गुजर सके। रविवार के दिन यदि कोई आपात स्थिति में एंबुलेंस लेकर गुजरना चाहता है तो उसे भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शहर बद्दी की अधिकतर आबादी भी साई मार्ग के दोनों किनारों पर बसी है और ऐसे में रोजाना कई एंबुलेंस इस मार्ग से होकर पीजीआई चंडीगढ़ या फिर सीएचसी बद्दी या फिर नालागढ़ अस्पताल के लिए निकलती हैं, लेकिन रविवार के दिन एंबुलेंस तक के लिए रास्ता उपलब्ध नहीं होता। रविवार के दिन पुलिस प्रशासन का कोई स्टाफ सडक़ों पर नजर नहीं आता है। यही वजह है कि संडे मार्किट ने अब सडक़ों पर भी डेरा जमाना शुरू कर दिया है। सामाजिक कार्यकर्ता उर्मिला चौधरी ने कहा कि हाल ही में एक ट्रैक्टर द्वारा 13 वर्षीय बच्चे को कुचल दिया गया था। इस मामले से भी पुलिस ने कोई सबक नहीं लिया कि क्यों यह हादसे हो रहे हैं। अगर साई रोड पर ऐसे ही रेहडी फहडी का कब्जा रहा तो ऐसे ही हादसे होते रहेंगे। कोई न कोई रणनीति ऐसी बने कि सडकों पर अनाधिकृत तौर पर बैठे लोग दूर हो और वाहनों को चलने के लिए पूरा स्पेस मिले। जब वाहनों को चलने को कोई जगह नहीं है तो पैदल कहां चलेंगे यह बात पुलिस को सोचनी होगी। संयुक्त व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजीव कौशल ने कहा कि हमने कई बार पुलिस को अवगत कराया कि रेहडी फहडी को हटाकर सडकों को खुला करवाया जाए लेकिन कोई कार्यवाही नहीं है। आज साई रोड बाजार में गाडी चलाना तो दूर पैदल चलाना भी मुश्किल हो चुका है। सडकों पर वाहन चलाने के लिए जगह नहीं है लेकिन रेहडी लगाकर रास्ता रोकने वालों के लिए जगह है। हमने कई बार दिया लिखित में -सुरेंद्ररोड सेफटी क्लब के अध्यक्ष सुरेंद्र अत्री ने कहा कि आज हमें साई रोड पर लगातार जाम से जूझना पड़ रहा है। दो दो घंटे जाम लगता है। साई रोड पर ट्रकों व भारी वाहनों पर प्रतिबंध लगना चाहिए। ट्रको की एंट्री गैस प्लांट व मलकूमाजरा व सिक्का होटल से होनी चाहिए। ट्रको के चलने से बच्चों की बसें भी समय पर नहीं पहुंचा पाती। हमने कई बार लिखित में अवगत कराय है आगे भी करवाते रहेंगे। रेहडी फहडी को सडकों से मुक्त करना पुलिस के लिए बहुत आसान है लेकिन बिल्ली के गले में घंटी बांधे कौन। वहीं इस विषय में एएसपी अशोक वर्मा ने कहा कि पुलिस समय समय पर हर मामले पर कार्यवाही करती रहती है। जो भी लिखित शिकायत आती है उस पर पुलिस जिला बददी अवश्य कार्यवाही करता है।
सोलन , 21 जुलाई [ पंकज गोल्डी ] ! बददी-साई रोड अब कसाई रोड बनता जा रहा है। सडक़ के दोनो ओर रेहडी फहडी वालों ने इस कदर कब्जा कर रखा है कि यहां पर गाडी चलाना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। रविवार को तो आप बददी बस स्टैंड से रोटरी चौक तक पैदल पहुंचना ही एक मिशन बन चुका है। पुलिस की गाडियां लगातार साई रोड पर गश्त करती है और दिन में कई बार यहां से आती जाती है लेकिन फिर भी रेहडी फहडी व अवैध तौर पर तहबाजारी करने वालों को वहां से हटा सकी।
व्यापार मंडल, अग्रवाल सभा सहित रोड सेफटी क्लब बददी के पदाधिकारी बददी पुलिस को कई बार अवगत करवा चुके हैं कि साई रोड को रेहडी फहडी मुक्त किया जाए लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। अगर कोई व्यक्ति साई रोड पर दो मिनट सामान लेने चला जाता है तो तुरंत उसका चालान हो जाता है लेकिन रास्त में अवरोध पैदा करने वाले रेहडी फहडी पर कोई कार्यवाही नहीं होती। औद्योगिक क्षेत्र बद्दी का केंद्र व लाइफ लाइन कहलाने वाला साई मार्ग रविवार के दिन कई हादसों का केंद्र बनता जा रहा है।
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इस तरफ जिला पुलिस बद्दी का कोई ध्यान नहीं है। रविवार को अधिकतर श्रमिक व शहरवासी अवकाश पर होते हैं और शहर में खरीददारी के लिए निकलते हैं। ऐसे में सडक़ों पर अपना सामान बेचने के लिए बिना अनुमति हजारों की संख्या में अवैध रूप से रेहड़ी व फड़ी चालक पहुंच रहे हैं। इन्हें हटाने के लिए कई महीनों से न तो नगर परिषद ने कोई अभियान छेड़ा और न ही क्षेत्र की पुलिस ने साई मार्ग पर यातायात को सुधारने की दिशा में कोई प्रयास किए हैं। नतीजतन अब तक कई बच्चों की जान इस साई मार्ग की अवैध रेहड़ी फड़ी व पुलिस प्रशासन की अव्यवस्था ने ली है।
साई मार्ग पर रविवार के दिन सुबह से शाम तक रेहड़ी फड़ी इतनी अधिक संख्या में बढ़ जाती है कि सडक़ों पर पैदल चलना तक मुश्किल हो जाता है। इतनी भीड़ के बीच कई शरारती तत्व भी भोले भाले लोगों की जेब काटने और छीना झपटी की घटनाओं को अंजाम देते हैं। समय रहते यदि पुलिस प्रशासन ने इस अवैध रेहड़ी फड़ी को साई मार्ग से नहीं हटाया तो यह बाजार घटनाओं व अपराधों का केंद्र के रूप में पहचाना जाएगा। एसपी बद्दी को चाहिए कि शहर की व्यवस्था को सुधारने के लिए साई मार्ग पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल रविवार के दिन तैनात होना चाहिए, उद्यमी और शहरवासी इस सडक़ पर आसानी से अपना वाहन लेकर गुजर सके।
रविवार के दिन यदि कोई आपात स्थिति में एंबुलेंस लेकर गुजरना चाहता है तो उसे भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शहर बद्दी की अधिकतर आबादी भी साई मार्ग के दोनों किनारों पर बसी है और ऐसे में रोजाना कई एंबुलेंस इस मार्ग से होकर पीजीआई चंडीगढ़ या फिर सीएचसी बद्दी या फिर नालागढ़ अस्पताल के लिए निकलती हैं, लेकिन रविवार के दिन एंबुलेंस तक के लिए रास्ता उपलब्ध नहीं होता। रविवार के दिन पुलिस प्रशासन का कोई स्टाफ सडक़ों पर नजर नहीं आता है। यही वजह है कि संडे मार्किट ने अब सडक़ों पर भी डेरा जमाना शुरू कर दिया है।
सामाजिक कार्यकर्ता उर्मिला चौधरी ने कहा कि हाल ही में एक ट्रैक्टर द्वारा 13 वर्षीय बच्चे को कुचल दिया गया था। इस मामले से भी पुलिस ने कोई सबक नहीं लिया कि क्यों यह हादसे हो रहे हैं। अगर साई रोड पर ऐसे ही रेहडी फहडी का कब्जा रहा तो ऐसे ही हादसे होते रहेंगे। कोई न कोई रणनीति ऐसी बने कि सडकों पर अनाधिकृत तौर पर बैठे लोग दूर हो और वाहनों को चलने के लिए पूरा स्पेस मिले। जब वाहनों को चलने को कोई जगह नहीं है तो पैदल कहां चलेंगे यह बात पुलिस को सोचनी होगी।
संयुक्त व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजीव कौशल ने कहा कि हमने कई बार पुलिस को अवगत कराया कि रेहडी फहडी को हटाकर सडकों को खुला करवाया जाए लेकिन कोई कार्यवाही नहीं है। आज साई रोड बाजार में गाडी चलाना तो दूर पैदल चलाना भी मुश्किल हो चुका है। सडकों पर वाहन चलाने के लिए जगह नहीं है लेकिन रेहडी लगाकर रास्ता रोकने वालों के लिए जगह है।
हमने कई बार दिया लिखित में -सुरेंद्ररोड सेफटी क्लब के अध्यक्ष सुरेंद्र अत्री ने कहा कि आज हमें साई रोड पर लगातार जाम से जूझना पड़ रहा है। दो दो घंटे जाम लगता है। साई रोड पर ट्रकों व भारी वाहनों पर प्रतिबंध लगना चाहिए। ट्रको की एंट्री गैस प्लांट व मलकूमाजरा व सिक्का होटल से होनी चाहिए। ट्रको के चलने से बच्चों की बसें भी समय पर नहीं पहुंचा पाती। हमने कई बार लिखित में अवगत कराय है आगे भी करवाते रहेंगे। रेहडी फहडी को सडकों से मुक्त करना पुलिस के लिए बहुत आसान है लेकिन बिल्ली के गले में घंटी बांधे कौन।
वहीं इस विषय में एएसपी अशोक वर्मा ने कहा कि पुलिस समय समय पर हर मामले पर कार्यवाही करती रहती है। जो भी लिखित शिकायत आती है उस पर पुलिस जिला बददी अवश्य कार्यवाही करता है।
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