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धर्मशाला , 24 मई ! राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल के निर्माण से पूरे देश में उत्कृष्ट सरकारी स्कूलों का एक सफल मॉडल विकसित होगा। जिला कांगड़ा के दौरे पर पहुंचे शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कांगड़ा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में डे-बोर्डिंग स्कूलों के लिए चिन्हित जमीन का निरीक्षण करते हुए यह शब्द कहे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सुक्खू के निर्देशानुसार वे जिला कांगड़ा में डे-बोर्डिंग स्कूलों के निर्माण के लिए चयनित भूमि के निरीक्षण के लिए दौरे पर आए हैं। उन्होंने बताया कि जवाली विधानसभा के अन्तर्गत ठंगर में लगभग 53 कनाल और शाहपुर के डोहब में लगभग 76 कनाल भूमि डे-बोर्डिंग स्कूल के निर्माण के लिए चिन्हित कर ली गई है। उन्होंने बताया कि इन दोनों स्थानों में बहुत जल्द निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। वहीं फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के मंजार में डे-बोर्डिंग स्कूल के निर्माण के लिए लगभग 80 कनाल भूमि उन्होंने आज देखी। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के नाम होने के बाद यहां भी डे-बोर्डिंग स्कूल का निर्माण शुरु कर दिया जाएगा। रोहित ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश के बच्चों के लिए शिक्षा के उत्कृष्ट केंद्र विकसित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विधानसभा में बनने वाला डे-बोर्डिंग स्कूल विश्वस्तरीय व्यवस्थाओं से लैस होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेशानुसार लगभग 100 कनाल भूमि पर लगभग 70 करोड़ की लागत से इन स्कूलों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में इन स्कूलों में पांचवी कक्षा तक पढ़ाई करवाई जाएगी। उसके बाद चरणबद्ध तरीके से इन्हें बारहवीं कक्षा तक स्तरोन्नयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को हर सुविधा उपलब्ध हो इसलिए इनका निर्माण जिला या उपमंडल मुख्यालय के 5 किलोमीटर रेडियस में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन स्कूलों में आईसीटी सहित सभी आधुनिक तकनीकों के जरिए विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इनका भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर भी अत्याधुनिक होगा। रोहित ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री का ध्येय है कि बच्चे स्कूल में शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी निपुण हों। उन्होंने कहा कि इस हेतु इन डे-बोर्डिंग स्कूलों में कुल क्षेत्र का लगभग एक तिहाई हिस्सा खेल गतिविधियों और खेल इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए उपयोग किया जाएगा। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
धर्मशाला , 24 मई ! राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल के निर्माण से पूरे देश में उत्कृष्ट सरकारी स्कूलों का एक सफल मॉडल विकसित होगा। जिला कांगड़ा के दौरे पर पहुंचे शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कांगड़ा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में डे-बोर्डिंग स्कूलों के लिए चिन्हित जमीन का निरीक्षण करते हुए यह शब्द कहे।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सुक्खू के निर्देशानुसार वे जिला कांगड़ा में डे-बोर्डिंग स्कूलों के निर्माण के लिए चयनित भूमि के निरीक्षण के लिए दौरे पर आए हैं। उन्होंने बताया कि जवाली विधानसभा के अन्तर्गत ठंगर में लगभग 53 कनाल और शाहपुर के डोहब में लगभग 76 कनाल भूमि डे-बोर्डिंग स्कूल के निर्माण के लिए चिन्हित कर ली गई है।
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उन्होंने बताया कि इन दोनों स्थानों में बहुत जल्द निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। वहीं फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र के मंजार में डे-बोर्डिंग स्कूल के निर्माण के लिए लगभग 80 कनाल भूमि उन्होंने आज देखी। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग के नाम होने के बाद यहां भी डे-बोर्डिंग स्कूल का निर्माण शुरु कर दिया जाएगा।
रोहित ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश के बच्चों के लिए शिक्षा के उत्कृष्ट केंद्र विकसित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विधानसभा में बनने वाला डे-बोर्डिंग स्कूल विश्वस्तरीय व्यवस्थाओं से लैस होगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेशानुसार लगभग 100 कनाल भूमि पर लगभग 70 करोड़ की लागत से इन स्कूलों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में इन स्कूलों में पांचवी कक्षा तक पढ़ाई करवाई जाएगी। उसके बाद चरणबद्ध तरीके से इन्हें बारहवीं कक्षा तक स्तरोन्नयन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को हर सुविधा उपलब्ध हो इसलिए इनका निर्माण जिला या उपमंडल मुख्यालय के 5 किलोमीटर रेडियस में किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इन स्कूलों में आईसीटी सहित सभी आधुनिक तकनीकों के जरिए विद्यार्थियों को पढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इनका भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर भी अत्याधुनिक होगा। रोहित ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री का ध्येय है कि बच्चे स्कूल में शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी निपुण हों। उन्होंने कहा कि इस हेतु इन डे-बोर्डिंग स्कूलों में कुल क्षेत्र का लगभग एक तिहाई हिस्सा खेल गतिविधियों और खेल इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए उपयोग किया जाएगा।
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