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धर्मशाला , 11 अप्रैल ! हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी धर्मशाला के गुरुद्वारा साहिब में बैसाखी पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा इसी के साथ गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने के लिए आने वाली संगत के लिए लंगर का प्रवधान भी किया जाएगा इस बैसाखी पर्व को मनाने के लिए अभी से तैयारियां भी शुरू कर दी गई है वही धर्मशाला गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथि परमजीत सिंह ने बताया कि इस बार भी गुरुद्वारा साहिब धर्मशाला में बैसाखी का पर्व हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाएगा। परमजीत सिंह ने बताया कि दसवें बादशाह गुरु गोविंद सिंह जी ने वर्ष 1699 में पंजाब के आनंदपुर साहिब में पांच प्यारों की अगुवाई में खालसा पंथ की स्थापना की थी उन्होंने कहा कि इसमें गुरु साहिब द्वारा कोई जात पात नही की गई और सभी पांच प्यारों को एक सम्मान रखा उन्होंने बताया कि 12 अप्रेल को धर्मशाला के गुरुद्वार साहिब में अखंड पाठ शुरू किया जाएगा और उसके उपरांत कल यानी 14 अप्रेल को पाठ के भोग के बाद कीर्तन किया जाएगा व उसके बाद गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने के लिए आने वाली संगत के लिए लंगर भी लगाया जाएगा इसी के साथ बैसाखी पर्व पर किसानों द्वारा अपनी पकी हुई फसल की भी कटाई की जाती है इसलिए किसानों द्वारा भी बैसाखी के पर्व को हर्षोल्लास के साथ मानते है वही बात अगर जिला कांगड़ा की कि जाए तो जिला कांगड़ा के भी कई स्थानों पर किसानों द्वारा अपनी पकी हुई फसल को काट लिया जाता है और किसान भी इस बैसाखी पर्व को धूमधाम के साथ मनाते है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
धर्मशाला , 11 अप्रैल ! हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी धर्मशाला के गुरुद्वारा साहिब में बैसाखी पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा इसी के साथ गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने के लिए आने वाली संगत के लिए लंगर का प्रवधान भी किया जाएगा इस बैसाखी पर्व को मनाने के लिए अभी से तैयारियां भी शुरू कर दी गई है वही धर्मशाला गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथि परमजीत सिंह ने बताया कि इस बार भी गुरुद्वारा साहिब धर्मशाला में बैसाखी का पर्व हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाएगा।
परमजीत सिंह ने बताया कि दसवें बादशाह गुरु गोविंद सिंह जी ने वर्ष 1699 में पंजाब के आनंदपुर साहिब में पांच प्यारों की अगुवाई में खालसा पंथ की स्थापना की थी उन्होंने कहा कि इसमें गुरु साहिब द्वारा कोई जात पात नही की गई और सभी पांच प्यारों को एक सम्मान रखा उन्होंने बताया कि 12 अप्रेल को धर्मशाला के गुरुद्वार साहिब में अखंड पाठ शुरू किया जाएगा और उसके उपरांत कल यानी 14 अप्रेल को पाठ के भोग के बाद कीर्तन किया जाएगा व उसके बाद गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने के लिए आने वाली संगत के लिए लंगर भी लगाया जाएगा इसी के साथ बैसाखी पर्व पर किसानों द्वारा अपनी पकी हुई फसल की भी कटाई की जाती है इसलिए किसानों द्वारा भी बैसाखी के पर्व को हर्षोल्लास के साथ मानते है वही बात अगर जिला कांगड़ा की कि जाए तो जिला कांगड़ा के भी कई स्थानों पर किसानों द्वारा अपनी पकी हुई फसल को काट लिया जाता है और किसान भी इस बैसाखी पर्व को धूमधाम के साथ मनाते है।
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