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धर्मशाला , 13 मई ! धर्मशाला के साथ लगती पंचायत रक्कड़ के वार्ड नंबर एक में आर्थिक तंगी व धोखाधड़ी के चलते आत्महत्या कर ली। आर्थिक तंगी से परेशान पहले पत्नी ने आत्महत्या की उसके बाद उसके पति ने भी फंदा लगा लिया। मृतकों की पहचान विक्रम थापा और करुणा थापा निवासी रक्कड़ धर्मशाला के रूप में हुई है। पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने वाले दो आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करके उन्हे गिरफतार कर लिया है। कांगड़ा जिला के एएसपी हितेश लखपाल ने शनिवार को धर्मशाला में जानकारी देते हुए बताया कि कुछ साल पहले विक्रम थापा ने अपनी पत्नी करुणा थापा के नाम से मरीन सिक्योरिटी कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई थी। दोनों की कंपनी अच्छी चल रही थी। कुछ समय बाद उन्होंने कंपनी के संचालन का जिम्मा उत्तम चंद निवासी सिद्धबाड़ी धर्मशाला और केरल राज्य के निवासी जेपी बेबी को दिया। शुरुआत में सब ठीक रहा, लेकिन बाद में इन लोगों ने एक सब कंपनी बना ली। मुख्य कंपनी को आने वाले काम अपनी कंपनी से करवाने लगे। विक्रम थापा की कंपनी को खत्म कर दिया। इसके चलते विक्रम और करुणा का परिवार बहुत आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। जब उन्होंने उत्तम चंद और जेपी बेबी को अपनी कंपनी वापस करने के लिए कहा तो इन्होंने इनकार कर दिया और धमकाने लगे। आय का कोई और साधन न होने के चलते इन लोगों का घर भी नीलाम होने की स्थिति में आ गया। आर्थिक तंगी से तनाव में चल रही करुणा थापा ने आत्महत्या कर ली, जिसकी सूचना खुद बिक्रम ने पुलिस को बताई। उसके बाद उसके पति ने भी अगले दिन फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस जांच के बाद रात को विक्रम ने सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उत्तम चंद और जेपी बेबी को मौत का कारण बताते हुए खुद भी आत्महत्या कर ली। विक्रम थापा के बयान और सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। मृत्क आने पीछे 13 साल की बेटी और छह साल का बेटा छोड़ गए हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कांगड़ा हितेश लखनपाल ने बताया कि आत्महत्या का कारण बने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
धर्मशाला , 13 मई ! धर्मशाला के साथ लगती पंचायत रक्कड़ के वार्ड नंबर एक में आर्थिक तंगी व धोखाधड़ी के चलते आत्महत्या कर ली। आर्थिक तंगी से परेशान पहले पत्नी ने आत्महत्या की उसके बाद उसके पति ने भी फंदा लगा लिया। मृतकों की पहचान विक्रम थापा और करुणा थापा निवासी रक्कड़ धर्मशाला के रूप में हुई है। पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने वाले दो आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करके उन्हे गिरफतार कर लिया है।
कांगड़ा जिला के एएसपी हितेश लखपाल ने शनिवार को धर्मशाला में जानकारी देते हुए बताया कि कुछ साल पहले विक्रम थापा ने अपनी पत्नी करुणा थापा के नाम से मरीन सिक्योरिटी कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई थी।
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दोनों की कंपनी अच्छी चल रही थी। कुछ समय बाद उन्होंने कंपनी के संचालन का जिम्मा उत्तम चंद निवासी सिद्धबाड़ी धर्मशाला और केरल राज्य के निवासी जेपी बेबी को दिया। शुरुआत में सब ठीक रहा, लेकिन बाद में इन लोगों ने एक सब कंपनी बना ली। मुख्य कंपनी को आने वाले काम अपनी कंपनी से करवाने लगे। विक्रम थापा की कंपनी को खत्म कर दिया।
इसके चलते विक्रम और करुणा का परिवार बहुत आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। जब उन्होंने उत्तम चंद और जेपी बेबी को अपनी कंपनी वापस करने के लिए कहा तो इन्होंने इनकार कर दिया और धमकाने लगे। आय का कोई और साधन न होने के चलते इन लोगों का घर भी नीलाम होने की स्थिति में आ गया। आर्थिक तंगी से तनाव में चल रही करुणा थापा ने आत्महत्या कर ली, जिसकी सूचना खुद बिक्रम ने पुलिस को बताई।
उसके बाद उसके पति ने भी अगले दिन फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस जांच के बाद रात को विक्रम ने सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उत्तम चंद और जेपी बेबी को मौत का कारण बताते हुए खुद भी आत्महत्या कर ली। विक्रम थापा के बयान और सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। मृत्क आने पीछे 13 साल की बेटी और छह साल का बेटा छोड़ गए हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कांगड़ा हितेश लखनपाल ने बताया कि आत्महत्या का कारण बने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
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