- विज्ञापन (Article Top Ad) -
धर्मशाला , 01 मई ! पुलिस मैदान धर्मशाला में 3 अप्रैल से 7 मई तक चलने वाले विरासत फेस्टिवल में दिव्यांग बच्चों के हाथों से बने बांध के उत्पाद आकर्षण का केंद्र बने हैं। आपको बता दें विरासत फेस्टिवल में देश के विभिन्न राज्य से व्यापारी यहाँ पहुँचे हुए हैं। इसी बीच धर्मशाला सूर्य उदय चेरिटेबल ट्रस्ट के दिव्यांग बच्चों ने भी बांस व चीड़ की पत्तियों से बनाए उत्पादों को सजाया है जोकि हर किसी के लिए आकर्षण का केंद्र बना है। बताते चलें कि धर्मशाला में होने वाले फेस्टिवल दिव्यांगों की प्रतिभा को पहचान दिलाने महत्वपूर्ण योगदान अदा करते हैं। ट्रस्ट के दिव्यांग बच्चों ने धर्मशाला ब्लॉक कार्यालय के माध्यम से बांस के उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण लेने के बाद इन उत्पादों को तैयार किया जाता है। जिन्हें विरासत फेस्टिवल में सजाया जा रहा है। उधर जानकारी देते हुए सूर्य उदय चेरिटेबल ट्रस्ट में कार्यरत रेखा देवी ने कहा कि स्टोल में ट्रस्ट के स्पेशल बच्चों के हाथों से बने बांस व चीड़ की पत्तियों से बने उत्पाद सजाए गए हैं। उन्होंने कहा कि स्पेशल बच्चों द्वारा इन उत्पादों को दो तीन दिन में बनाकर तैयार किया जाता है। रेखा ने कहा कि स्पेशल बच्चों द्वारा बनाए बांस के उत्पादों को लोगों द्वारा खूब पसंद किया जाता है और इन्हें खरीदने में भी दिलचस्पी दिखाते हैं। रेखा का कहना है कि उत्पादों को तैयार करने से पहले बच्चों को प्रशिक्षण भी दिलाया जाता है उसके बाद ही उत्पादों को प्रदर्शनी में सजाया जाता है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
धर्मशाला , 01 मई ! पुलिस मैदान धर्मशाला में 3 अप्रैल से 7 मई तक चलने वाले विरासत फेस्टिवल में दिव्यांग बच्चों के हाथों से बने बांध के उत्पाद आकर्षण का केंद्र बने हैं।
आपको बता दें विरासत फेस्टिवल में देश के विभिन्न राज्य से व्यापारी यहाँ पहुँचे हुए हैं। इसी बीच धर्मशाला सूर्य उदय चेरिटेबल ट्रस्ट के दिव्यांग बच्चों ने भी बांस व चीड़ की पत्तियों से बनाए उत्पादों को सजाया है जोकि हर किसी के लिए आकर्षण का केंद्र बना है। बताते चलें कि धर्मशाला में होने वाले फेस्टिवल दिव्यांगों की प्रतिभा को पहचान दिलाने महत्वपूर्ण योगदान अदा करते हैं।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
उन्होंने कहा कि स्पेशल बच्चों द्वारा इन उत्पादों को दो तीन दिन में बनाकर तैयार किया जाता है। रेखा ने कहा कि स्पेशल बच्चों द्वारा बनाए बांस के उत्पादों को लोगों द्वारा खूब पसंद किया जाता है और इन्हें खरीदने में भी दिलचस्पी दिखाते हैं। रेखा का कहना है कि उत्पादों को तैयार करने से पहले बच्चों को प्रशिक्षण भी दिलाया जाता है उसके बाद ही उत्पादों को प्रदर्शनी में सजाया जाता है।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -