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धर्मशाला , 15 जून ! जिला कांगड़ा में कोविड-19 के दौरान स्वास्थ्य विभाग में सेवाएं प्रदान करने वाले 1800 कर्मियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते पिछले तीन माह से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज जिलाधीश कार्यालय में आउटसोर्स कर्मचारियों ने डीसी कांगड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सहित अन्य को अपनी मांगों में ज्ञापन भेजा है। नोवा वेक्स कोविड-19 यूनियन की अध्यक्ष निशिता वर्मा का कहना है कि मुशिकल दौर कोरोना काल में नौकरी की है। उन्होंने कहा कि मुश्किल हालात में कोरोना काल में आउट सोर्स कर्मचारियों ने अपनी सेवाएं प्रदान की है लेकिन आज सरकार ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया है और बिना नोटिस ही उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है, जिससे उनके परिवार का भरण पोषण करना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना में पीपीपी किट पहनकर मुशिकल हालातों के बीच काम किया है। उन्होंने कहा कि 2022 से वेतन ही नहीं मिल रहा है। अब हमारा रोजगार ही छीन लिया गया है। ऐसे में उन्होंने सवाल उठाया कि महामारी में कर्मियों को रखा गया है। जबकि आने वाले समय में भी कोई आपदा आती है, तो कैसे सरकार कर्मियों को रख पाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में अलग-अलग ट्रेड में 1800 कर्मी सेवाएं प्रदान कर रहे है, जिन्हें वेतन नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि ड्यूटी पर रिजोइन भी करवाया गया। उन्होंने सरकार से जब उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आग्रह किया। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
धर्मशाला , 15 जून ! जिला कांगड़ा में कोविड-19 के दौरान स्वास्थ्य विभाग में सेवाएं प्रदान करने वाले 1800 कर्मियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते पिछले तीन माह से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज जिलाधीश कार्यालय में आउटसोर्स कर्मचारियों ने डीसी कांगड़ा के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सहित अन्य को अपनी मांगों में ज्ञापन भेजा है।
नोवा वेक्स कोविड-19 यूनियन की अध्यक्ष निशिता वर्मा का कहना है कि मुशिकल दौर कोरोना काल में नौकरी की है। उन्होंने कहा कि मुश्किल हालात में कोरोना काल में आउट सोर्स कर्मचारियों ने अपनी सेवाएं प्रदान की है लेकिन आज सरकार ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया है और बिना नोटिस ही उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है, जिससे उनके परिवार का भरण पोषण करना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना में पीपीपी किट पहनकर मुशिकल हालातों के बीच काम किया है। उन्होंने कहा कि 2022 से वेतन ही नहीं मिल रहा है। अब हमारा रोजगार ही छीन लिया गया है। ऐसे में उन्होंने सवाल उठाया कि महामारी में कर्मियों को रखा गया है। जबकि आने वाले समय में भी कोई आपदा आती है, तो कैसे सरकार कर्मियों को रख पाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में अलग-अलग ट्रेड में 1800 कर्मी सेवाएं प्रदान कर रहे है, जिन्हें वेतन नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि ड्यूटी पर रिजोइन भी करवाया गया। उन्होंने सरकार से जब उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आग्रह किया।
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