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धर्मशाला , 18 मई ! धर्मशाला के कांगड़ा आर्ट म्यूजियम में अंतराष्ट्रीय संग्राहलय दिवस पर तीन दिवसीय इंटरनेशनल पेंटिंग एग्जीबिशन का वीरवार को शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम 18 से 20 मई तक चलेगा। तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में लोगों को संग्राहालय के प्रति जागरुक किया जाएगा साथ ही बच्चों को केलीग्राफी के बारे में जानकारी दी जाएगी। कांगड़ा आर्ट म्यूजियम अध्यक्ष डा. रितु मलकोटिया ने बताया कि अंतराष्ट्रीय संग्राहलय दिवस के रुप में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। 1983 में संयुक्त राष्ट्र संग्राहलय की विशेषता व महत्व को देखते हुए इस प्रकार के कार्यक्रम के आयोजन का निर्णय लिया गया था। उन्होंने कहा इस कार्यक्रम का मुख्य मकसद लोगों को संग्राहलय प्रति जागरुक करना है, क्योंकि अभी लोगों को संग्राहलय में रखी गई प्राचीन वस्तुओं के बारे में ज्यादा जानकारी नही है। उन्होंने बताया कि आज बुडकार्विन व बर्कऑफ एग्जीबिशन की वर्कशाप भी शुरु हुई है। 19 मई को संस्कृति को लेकर कार्यक्रम का अयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम स्कूली बच्चों को भी बुलाया जा रहा है ताकि कला संग्रहालय से जुड़ी जानकारियो का लाभ उठा सकें। साथ ही तीन दिनों तक केलीग्राफी की वर्कशाप भी रखी हुई है। केलीग्राफर हरीश वर्मा ने स मौके पर बताया कि केलीग्राफी डिफरेंट व युनीक आर्ट है, जो धीरे-धीरे लुप्त होजा जा रहा है। देश में चंद केलिग्राफर ही हैं जो केलीग्राफी को जिंदा रखने की कोशिश में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि लगता है कि उन्हे लगता है हिमाचल मे इससे पहले केलीग्राफी का कोई डेमो नही हुई है। उन्होंने कहा कि केली्रग्रफी को सीखने के लिए लगन का होना जरुरी है। स्कूल व कालेजों में भी इसके लिए बुलाया जाता है। उन्होंने कहा कि पाठयक्रम से हट कर बच्चों को रोजाना केलीग्राफी को लेकर कुछ जरुर लिखना चाहिए। उन्होंने कहा दुआ को लेकर भी उनके द्वारा कुछ कलाकृतियों को तैयार किया गया है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
धर्मशाला , 18 मई ! धर्मशाला के कांगड़ा आर्ट म्यूजियम में अंतराष्ट्रीय संग्राहलय दिवस पर तीन दिवसीय इंटरनेशनल पेंटिंग एग्जीबिशन का वीरवार को शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम 18 से 20 मई तक चलेगा। तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में लोगों को संग्राहालय के प्रति जागरुक किया जाएगा साथ ही बच्चों को केलीग्राफी के बारे में जानकारी दी जाएगी।
कांगड़ा आर्ट म्यूजियम अध्यक्ष डा. रितु मलकोटिया ने बताया कि अंतराष्ट्रीय संग्राहलय दिवस के रुप में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। 1983 में संयुक्त राष्ट्र संग्राहलय की विशेषता व महत्व को देखते हुए इस प्रकार के कार्यक्रम के आयोजन का निर्णय लिया गया था। उन्होंने कहा इस कार्यक्रम का मुख्य मकसद लोगों को संग्राहलय प्रति जागरुक करना है, क्योंकि अभी लोगों को संग्राहलय में रखी गई प्राचीन वस्तुओं के बारे में ज्यादा जानकारी नही है। उन्होंने बताया कि आज बुडकार्विन व बर्कऑफ एग्जीबिशन की वर्कशाप भी शुरु हुई है। 19 मई को संस्कृति को लेकर कार्यक्रम का अयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम स्कूली बच्चों को भी बुलाया जा रहा है ताकि कला संग्रहालय से जुड़ी जानकारियो का लाभ उठा सकें। साथ ही तीन दिनों तक केलीग्राफी की वर्कशाप भी रखी हुई है।
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केलीग्राफर हरीश वर्मा ने स मौके पर बताया कि केलीग्राफी डिफरेंट व युनीक आर्ट है, जो धीरे-धीरे लुप्त होजा जा रहा है। देश में चंद केलिग्राफर ही हैं जो केलीग्राफी को जिंदा रखने की कोशिश में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि लगता है कि उन्हे लगता है हिमाचल मे इससे पहले केलीग्राफी का कोई डेमो नही हुई है। उन्होंने कहा कि केली्रग्रफी को सीखने के लिए लगन का होना जरुरी है। स्कूल व कालेजों में भी इसके लिए बुलाया जाता है। उन्होंने कहा कि पाठयक्रम से हट कर बच्चों को रोजाना केलीग्राफी को लेकर कुछ जरुर लिखना चाहिए। उन्होंने कहा दुआ को लेकर भी उनके द्वारा कुछ कलाकृतियों को तैयार किया गया है।
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