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धर्मशाला , 07 मई ! जम्मू के राजौरी में आंतकवादी मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए कांगड़ा जिला के सुलह उपमंडल के तहत मारहूँ गांव के अरविंद कुमार का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। सैंकड़ों नम आंखों ने उन्हे अंतिम विधाई दी। इस मौके पर प्रदेश के कृषि एवं पशु पालन मंत्री चौधरी चंद्र कुमार, सीपीएस अषीश बुटेल सहित कई नेता, सैनय अधिकारी व जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे। शहीद अरविंद कुमार को मुखअग्नि उनके बड़े भाई भूपेंद्र कुमार ने दी। हजारों की संख्या में शहीद के अंतिम दर्शन को पहुंचे लोगों की आंखों से आंसू छलक रहे थे। शहीद की पत्नी, बुजुर्ग माता-पिता और बड़े भाई का रो-रो कर बुरा हाल है। शहीद अरविंद कुमार बचपन से बेहद साहसी और प्रतिभाशाली था. साल 2010 में पंजाब रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। उसके महज चंद सालों में ही उसने स्पेशल फोर्स में अपनी जगह बना ली थी, फिलहाल, वह 9 पैरा कमांडो के तहत अपनी सेवाएं दे रहे थे। अरविंद ने जर्मन कम्पीटीशन में भी अवॉर्ड हासिल किये थे. वह सर्जिकल स्ट्राइक जैसे मिशन में भी अपनी अहम भूमिका अरविंद निभा चुके हैं. अरविंद अपने पीछे 2 बेटियां, धर्मपत्नी, बुजुर्ग माता-पिता और बड़े भाई और छोटी बहन को छोड़ गये है। इस मौके पर कृषि एवं पशु पालन मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि देश शहीद अरविंद कुमार के बलिदान को हमेशा याद रखेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की और से शहीद के परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि अरविंद कुमार के जाने से उनके परिवार को जो हानि हुई है भगवान उन्हे उससे उभरने की शक्ति प्रदान करे। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
धर्मशाला , 07 मई ! जम्मू के राजौरी में आंतकवादी मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए कांगड़ा जिला के सुलह उपमंडल के तहत मारहूँ गांव के अरविंद कुमार का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। सैंकड़ों नम आंखों ने उन्हे अंतिम विधाई दी। इस मौके पर प्रदेश के कृषि एवं पशु पालन मंत्री चौधरी चंद्र कुमार, सीपीएस अषीश बुटेल सहित कई नेता, सैनय अधिकारी व जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे। शहीद अरविंद कुमार को मुखअग्नि उनके बड़े भाई भूपेंद्र कुमार ने दी। हजारों की संख्या में शहीद के अंतिम दर्शन को पहुंचे लोगों की आंखों से आंसू छलक रहे थे। शहीद की पत्नी, बुजुर्ग माता-पिता और बड़े भाई का रो-रो कर बुरा हाल है। शहीद अरविंद कुमार बचपन से बेहद साहसी और प्रतिभाशाली था. साल 2010 में पंजाब रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। उसके महज चंद सालों में ही उसने स्पेशल फोर्स में अपनी जगह बना ली थी, फिलहाल, वह 9 पैरा कमांडो के तहत अपनी सेवाएं दे रहे थे। अरविंद ने जर्मन कम्पीटीशन में भी अवॉर्ड हासिल किये थे. वह सर्जिकल स्ट्राइक जैसे मिशन में भी अपनी अहम भूमिका अरविंद निभा चुके हैं. अरविंद अपने पीछे 2 बेटियां, धर्मपत्नी, बुजुर्ग माता-पिता और बड़े भाई और छोटी बहन को छोड़ गये है।
इस मौके पर कृषि एवं पशु पालन मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने कहा कि देश शहीद अरविंद कुमार के बलिदान को हमेशा याद रखेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की और से शहीद के परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि अरविंद कुमार के जाने से उनके परिवार को जो हानि हुई है भगवान उन्हे उससे उभरने की शक्ति प्रदान करे।
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