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धर्मशाला , 12 नवंबर ! वर्तमान कांग्रेस सरकार ने मिनी सचिवालय धर्मशाला में पूर्व के नेताओं द्वारा संजोई गई परंपराओं को तोड़ दिया है। करीब दो वर्ष के कार्यकाल में मुझे नहीं लगता कि सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू धमशाला मिनी सचिवालय स्थित सीएम ऑफिस में एक बार भी बैठे हों, जबकि देहरा में सीएम कार्यालय खोल दिया गया है। यह बात सुलह के विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता विपिन सिंह परमार ने मंगलवार को धर्मशाला में प्रेसवार्ता में कही। उन्होंने आरोप लगाया कि देहरा को चार माह में जितनी सौगातें दी गई हैं, ऐसे वक्त में सीएम का आर्थिक प्रबंधन कहा चला गया है। परमार ने कहा कि पूर्व में कांगे्रस व भाजपा सरकारों के समय शीतकालीन प्रवास की परंपरा थी, मिनी सचिवालय में सीएम और मंत्री जनसमस्याएं सुनते थे, इन परंपराओं को तोड़ दिया गया है। परमार ने कहा कि जिस तरह से देहरा में सीएम ऑफिस खोला गया है, क्या प्रदेश सरकार हर विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कार्यालय खोलेगी। परमार ने तंज कसते हुए कहा कि समोसा मामले के बजाय सरकार को प्रदेश में माफिया और नशा तस्करी की जांच करवानी चाहिए थी। महिलाओं से 1500 रुपये के लिए भरवाए गए फार्म धूल फांक रहे हैं। ओपीएस के लिए बिजली बोर्ड के कर्मी हड़ताल कर रहे हैं। परमार ने आरोप लगाया कि केंद्र के पैसे को सरकार खर्च नहीं कर पा रही है और पैसा लैप्स हो रहा है।
धर्मशाला , 12 नवंबर ! वर्तमान कांग्रेस सरकार ने मिनी सचिवालय धर्मशाला में पूर्व के नेताओं द्वारा संजोई गई परंपराओं को तोड़ दिया है। करीब दो वर्ष के कार्यकाल में मुझे नहीं लगता कि सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू धमशाला मिनी सचिवालय स्थित सीएम ऑफिस में एक बार भी बैठे हों, जबकि देहरा में सीएम कार्यालय खोल दिया गया है।
यह बात सुलह के विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता विपिन सिंह परमार ने मंगलवार को धर्मशाला में प्रेसवार्ता में कही। उन्होंने आरोप लगाया कि देहरा को चार माह में जितनी सौगातें दी गई हैं, ऐसे वक्त में सीएम का आर्थिक प्रबंधन कहा चला गया है। परमार ने कहा कि पूर्व में कांगे्रस व भाजपा सरकारों के समय शीतकालीन प्रवास की परंपरा थी, मिनी सचिवालय में सीएम और मंत्री जनसमस्याएं सुनते थे, इन परंपराओं को तोड़ दिया गया है।
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परमार ने कहा कि जिस तरह से देहरा में सीएम ऑफिस खोला गया है, क्या प्रदेश सरकार हर विधानसभा क्षेत्र में ऐसे कार्यालय खोलेगी। परमार ने तंज कसते हुए कहा कि समोसा मामले के बजाय सरकार को प्रदेश में माफिया और नशा तस्करी की जांच करवानी चाहिए थी।
महिलाओं से 1500 रुपये के लिए भरवाए गए फार्म धूल फांक रहे हैं। ओपीएस के लिए बिजली बोर्ड के कर्मी हड़ताल कर रहे हैं। परमार ने आरोप लगाया कि केंद्र के पैसे को सरकार खर्च नहीं कर पा रही है और पैसा लैप्स हो रहा है।
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