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धर्मशाला ! भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद ने कहा की 2022 के दिसम्बर या यूं कहे कि जनवरी 2023 में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। कांग्रेस पार्टी के उस समय 40 विधानसभा सदस्य और 3 निर्दलीय विधानसभा सदस्य थे। इनकी कुल संख्या 43 सदस्यों की थी। वही कांग्रेस की बड़ी संख्या के आगे भाजपा के केवल 25 विधानसमा सदस्य बने। हिमाचल की जनता ने बहुत बड़ी बड़ी उम्मीदे कांग्रेस सरकार एवं मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू से लगाई क्योंकि सरकार बनाने से पूर्व बड़ी बड़ी घोषणाएं और गारंटियां दी गई थी। उन्होंने कहा की हिमाचल में हुए चुनावों में भाजपा को लोक सभा चुनावों में बड़ी जीत हासिल हुई और साथ ही उपचुनावों में 3 विधानसभाओं में भाजपा की जीत हुई। इससे भाजपा का संख्या बल 28 हो गया है और मजबूत कांग्रेस 40 पर आ कर खड़ी हो गई है। कश्यप ने कहा की सरकार बनते ही 2023 से ही जनता के सपने टूटने लगे। पहला ब्यान मुख्यमंत्री का आया की प्रदेश सरकार का खजाना खाली है। बस फिर क्या था जनवरी, फरवरी, मार्च 2023 - इसी बहस में बीत गया की खज़ाना खाली है, क्यों और कैसे है। भाजपा प्रमुख दल होने के नाते सरकार पर आक्रमक होने लगा। दिसंबर 2022 तक जिस सरकार के पास जनता की सेवा के लिए सब कुछ था वह खज़ाना कांग्रेस की सरकार आते ही खाली कैसे हो गया, यह बहुत बड़ा सवाल सरकार पर आन खड़ा हुआ है। अभी तक सरकार ने 25000 करोड़ से ज्यादा कर्ज ले लिया है और उस कर्ज को घी की तरह पी लिया गया है। पैसा आया तो गया किधर यह आज तक समझ नहीं आया। उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू व उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का अगला शगूफा आया कि प्रदेश सरकार पर 70,000 करोड़ का कर्ज पूर्व भाजपा की जयराम सरकार ने चढ़ा दिया, यह विषय आग की तरह फैलने लगा। भाजपा ने अपनी भूमिका निभाते हुए जनता का जन जागरण किया की 70000 करोड़ के कर्ज में से 52000 करोड का कर्ज 2017 में पूर्व की कांग्रेस सरकार, स्वर्गीय वीरभद्र सरकार छोड कर गई व 12000 करोड़ की देनदारियाँ भी छोड़कर गई। इस विषय पर भी सरकार द्वारा जनता को गुमराह किया गया।
धर्मशाला ! भाजपा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद ने कहा की 2022 के दिसम्बर या यूं कहे कि जनवरी 2023 में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। कांग्रेस पार्टी के उस समय 40 विधानसभा सदस्य और 3 निर्दलीय विधानसभा सदस्य थे। इनकी कुल संख्या 43 सदस्यों की थी। वही कांग्रेस की बड़ी संख्या के आगे भाजपा के केवल 25 विधानसमा सदस्य बने।
हिमाचल की जनता ने बहुत बड़ी बड़ी उम्मीदे कांग्रेस सरकार एवं मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू से लगाई क्योंकि सरकार बनाने से पूर्व बड़ी बड़ी घोषणाएं और गारंटियां दी गई थी। उन्होंने कहा की हिमाचल में हुए चुनावों में भाजपा को लोक सभा चुनावों में बड़ी जीत हासिल हुई और साथ ही उपचुनावों में 3 विधानसभाओं में भाजपा की जीत हुई। इससे भाजपा का संख्या बल 28 हो गया है और मजबूत कांग्रेस 40 पर आ कर खड़ी हो गई है।
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कश्यप ने कहा की सरकार बनते ही 2023 से ही जनता के सपने टूटने लगे। पहला ब्यान मुख्यमंत्री का आया की प्रदेश सरकार का खजाना खाली है। बस फिर क्या था जनवरी, फरवरी, मार्च 2023 - इसी बहस में बीत गया की खज़ाना खाली है, क्यों और कैसे है। भाजपा प्रमुख दल होने के नाते सरकार पर आक्रमक होने लगा। दिसंबर 2022 तक जिस सरकार के पास जनता की सेवा के लिए सब कुछ था वह खज़ाना कांग्रेस की सरकार आते ही खाली कैसे हो गया, यह बहुत बड़ा सवाल सरकार पर आन खड़ा हुआ है। अभी तक सरकार ने 25000 करोड़ से ज्यादा कर्ज ले लिया है और उस कर्ज को घी की तरह पी लिया गया है। पैसा आया तो गया किधर यह आज तक समझ नहीं आया।
उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू व उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री का अगला शगूफा आया कि प्रदेश सरकार पर 70,000 करोड़ का कर्ज पूर्व भाजपा की जयराम सरकार ने चढ़ा दिया, यह विषय आग की तरह फैलने लगा। भाजपा ने अपनी भूमिका निभाते हुए जनता का जन जागरण किया की 70000 करोड़ के कर्ज में से 52000 करोड का कर्ज 2017 में पूर्व की कांग्रेस सरकार, स्वर्गीय वीरभद्र सरकार छोड कर गई व 12000 करोड़ की देनदारियाँ भी छोड़कर गई। इस विषय पर भी सरकार द्वारा जनता को गुमराह किया गया।
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