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धर्मशाला , 25 अप्रैल ! जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय के बाहर यानी मंगलवार को ज़िला परिषद् सदस्य जोगिंद्र सिंह पंकु कांगड़िया, रविंद्र कुमार अनशन पर बैठे। ज़िला परिषद् सदस्य का कहना है की पिछले एक वर्ष से लगातार हमे ज़िला हेडक्वार्टर के बार बार चक्कर लगाने पड़ रहे है जिसका मुख्य कारण बजट का जारी न हो पाना है। ज़िला कांगड़ा में कई पंचायतों में वर्तमान में वार्षिक बजट प्लान 2023 व 24 चला हुआ है परंतु अभी तक विभाग की और से उन्हे पीछले साल का बजट यानी 2022 -2023 का भी बजट जारी नहीं किया गया है जिस कारण उनके क्षेत्र की कई पंचायतों में विकास के कार्य निलंबित पड़े हुए है तथा उनकी इस समस्या को बार बार आश्वासन मात्र से अनसुना किया जा रहा है जिसको लेकर आज उनके द्वारा पंचायती राज कार्यालय के बाहर इसके विरोध में अनशन किया जा रहा है। साथ ही उनका कहना है कि बजट जारी न होने का मुख्य कारण अधिकारियों की नलायकी का सबूत देती है क्योंकि केन्द्र से बजट भेज दिया गया है बस जिला परिषदों को ही बजट जारी नहीं किया जा रहा है । यदि उनकी समस्या को पुरा नहीं किया जाता है तो कार्यालय के बाहर वह अनशन पर बैठे रहने के लिए मजबूर होंगे। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
धर्मशाला , 25 अप्रैल ! जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय के बाहर यानी मंगलवार को ज़िला परिषद् सदस्य जोगिंद्र सिंह पंकु कांगड़िया, रविंद्र कुमार अनशन पर बैठे। ज़िला परिषद् सदस्य का कहना है की पिछले एक वर्ष से लगातार हमे ज़िला हेडक्वार्टर के बार बार चक्कर लगाने पड़ रहे है जिसका मुख्य कारण बजट का जारी न हो पाना है।
ज़िला कांगड़ा में कई पंचायतों में वर्तमान में वार्षिक बजट प्लान 2023 व 24 चला हुआ है परंतु अभी तक विभाग की और से उन्हे पीछले साल का बजट यानी 2022 -2023 का भी बजट जारी नहीं किया गया है जिस कारण उनके क्षेत्र की कई पंचायतों में विकास के कार्य निलंबित पड़े हुए है तथा उनकी इस समस्या को बार बार आश्वासन मात्र से अनसुना किया जा रहा है जिसको लेकर आज उनके द्वारा पंचायती राज कार्यालय के बाहर इसके विरोध में अनशन किया जा रहा है। साथ ही उनका कहना है कि बजट जारी न होने का मुख्य कारण अधिकारियों की नलायकी का सबूत देती है क्योंकि केन्द्र से बजट भेज दिया गया है बस जिला परिषदों को ही बजट जारी नहीं किया जा रहा है । यदि उनकी समस्या को पुरा नहीं किया जाता है तो कार्यालय के बाहर वह अनशन पर बैठे रहने के लिए मजबूर होंगे।
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