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शिमला ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में 10 मार्च, 2025 को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 8वें सत्र के शुभारम्भ अवसर पर राज्यपाल के अभिभाषण के प्रारूप को स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने बजट सत्र में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट 2023-24 को प्रस्तुत करने को भी मंजूरी दी।मंत्रिमंडल ने विभिन्न श्रेणियों के 145 पदों को सृजित कर भरने का निर्णय लिया। नए स्तरोन्नत नगर निगमों में 66 पद, नगर परिषदों में 3 पद, नव सृजित नगर पंचायतों में 70 पद और शहरी विकास विभाग के निदेशालय में 6 पद भरे जाएंगे। मंत्रिमंडल ने शिमला स्थित अटल सुपर स्पेशियलिटी मेडिकल संस्थान, चमियाणा में गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के लिए दो वरिष्ठ रेजिडेंट चिकित्सकों के पद सृजित कर भरने की भी मंजूरी दी।मंत्रिमंडल ने पारंपरिक कत्था भट्टियों को आईबीआर बायलर युक्त कत्था भट्टियों में परिवर्तित करने की स्वीकृति प्रदान की। अब इन्हें राज्य के मुख्य बायलर निरीक्षक के पास अनिवार्य रूप से पंजीकृत करवाना होगा। आईबीआर बायलर के माध्यम से खैर लकड़ी (छाल सहित) को पूरे वर्ष में 5435 से 7500 क्विंटल की सीमा में संसाधित करने की अनुमति होगी।
शिमला ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में 10 मार्च, 2025 को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 8वें सत्र के शुभारम्भ अवसर पर राज्यपाल के अभिभाषण के प्रारूप को स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने बजट सत्र में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट 2023-24 को प्रस्तुत करने को भी मंजूरी दी।मंत्रिमंडल ने विभिन्न श्रेणियों के 145 पदों को सृजित कर भरने का निर्णय लिया। नए स्तरोन्नत नगर निगमों में 66 पद, नगर परिषदों में 3 पद, नव सृजित नगर पंचायतों में 70 पद और शहरी विकास विभाग के निदेशालय में 6 पद भरे जाएंगे।
मंत्रिमंडल ने शिमला स्थित अटल सुपर स्पेशियलिटी मेडिकल संस्थान, चमियाणा में गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के लिए दो वरिष्ठ रेजिडेंट चिकित्सकों के पद सृजित कर भरने की भी मंजूरी दी।मंत्रिमंडल ने पारंपरिक कत्था भट्टियों को आईबीआर बायलर युक्त कत्था भट्टियों में परिवर्तित करने की स्वीकृति प्रदान की। अब इन्हें राज्य के मुख्य बायलर निरीक्षक के पास अनिवार्य रूप से पंजीकृत करवाना होगा। आईबीआर बायलर के माध्यम से खैर लकड़ी (छाल सहित) को पूरे वर्ष में 5435 से 7500 क्विंटल की सीमा में संसाधित करने की अनुमति होगी।
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