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चम्बा , 31 अगस्त [ शिवानी ] ! पंजाब के पठानकोट में शुक्रवार दोपहर बाद हुई एक सनसनीखेज घटना में, एक बच्चे को किडनैप करने के लिए हिमाचल प्रदेश के डलहौजी उपमंडल के नंबर की कार का इस्तेमाल किया गया। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है। लेकिन पंजाब और हिमाचल पुलिस के संयुक्त प्रयासों से महज आठ घंटे के भीतर बच्चे को नूरपुर, हिमाचल से सुरक्षित बरामद कर लिया गया। इस घटना में इस्तेमाल की गई कार को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। किडनैपिंग के मुख्य आरोपी के रूप में बीएसएफ के पूर्व कांस्टेबल अमित राणा की पहचान की गई है जिसने अपने एक साथी के साथ मिल कर इस वारदात को अंजाम दिया। पुलिस के अधिकारियों ने बताया की अमित राणा पहले भी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहा है और इसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। ऐसा माना जा रहा है की किडनैपिंग में इस्तेमाल की गई कार पर जाली नंबर प्लेट लगाई गई थी। जब कार के असली मालिक का पता लगाया गया तो उसने बताया कि वह कार को टांडा मेडिकल कॉलेज में पार्क करके गया था, जिसके बाद पुलिस ने अपनी जाँच का दायरा और भी बढ़ा दिया। किडनैपिंग की यह घटना पठानकोट के शैली मार्ग से हुई, जहां किडनैपरों ने बच्चे को किडनैप कर उसके परिजनों से दो करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की। पंजाब पुलिस ने इस घटना की जांच के दौरान मार्ग पर लगे सीसीटीवी कैमरों में उस कार की पहचान की, जो डलहौजी उपमंडल के नंबर प्लेट की थी। इसके बाद पंजाब पुलिस ने हिमाचल पुलिस से संपर्क किया और संयुक्त प्रयासों से बच्चे को सुरक्षित बरामद किया गया। हिमाचल पुलिस ने पंजाब पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर तुनुहट्टी बैरियर पर चौकसी बढ़ा दी और विभिन्न व्हाट्सऐप ग्रुप्स में सूचना शेयर कर दी। डलहौजी पुलिस थाना के प्रभारी इंस्पेक्टर जगवीर सिंह ने बताया कि किडनैपिंग में प्रयोग की गई कार सलूणी उपमंडल के ज्वांस गांव के व्यक्ति की है, जिसने पुष्टि की कि उसकी कार टांडा मेडिकल कॉलेज में पार्क है। पंजाब पुलिस ने हिमाचल पुलिस के साथ सीसीटीवी फुटेज, बच्चे का हुलिया और किडनैपरों द्वारा भेजे गए फिरौती पत्र को साझा किया। इस सूचना के आधार पर, हिमाचल पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और किडनैपरों का पता लगाकर बच्चे को सुरक्षित बरामद किया।
चम्बा , 31 अगस्त [ शिवानी ] ! पंजाब के पठानकोट में शुक्रवार दोपहर बाद हुई एक सनसनीखेज घटना में, एक बच्चे को किडनैप करने के लिए हिमाचल प्रदेश के डलहौजी उपमंडल के नंबर की कार का इस्तेमाल किया गया। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है। लेकिन पंजाब और हिमाचल पुलिस के संयुक्त प्रयासों से महज आठ घंटे के भीतर बच्चे को नूरपुर, हिमाचल से सुरक्षित बरामद कर लिया गया। इस घटना में इस्तेमाल की गई कार को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है।
किडनैपिंग के मुख्य आरोपी के रूप में बीएसएफ के पूर्व कांस्टेबल अमित राणा की पहचान की गई है जिसने अपने एक साथी के साथ मिल कर इस वारदात को अंजाम दिया। पुलिस के अधिकारियों ने बताया की अमित राणा पहले भी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहा है और इसके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं।
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ऐसा माना जा रहा है की किडनैपिंग में इस्तेमाल की गई कार पर जाली नंबर प्लेट लगाई गई थी। जब कार के असली मालिक का पता लगाया गया तो उसने बताया कि वह कार को टांडा मेडिकल कॉलेज में पार्क करके गया था, जिसके बाद पुलिस ने अपनी जाँच का दायरा और भी बढ़ा दिया।
किडनैपिंग की यह घटना पठानकोट के शैली मार्ग से हुई, जहां किडनैपरों ने बच्चे को किडनैप कर उसके परिजनों से दो करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की। पंजाब पुलिस ने इस घटना की जांच के दौरान मार्ग पर लगे सीसीटीवी कैमरों में उस कार की पहचान की, जो डलहौजी उपमंडल के नंबर प्लेट की थी। इसके बाद पंजाब पुलिस ने हिमाचल पुलिस से संपर्क किया और संयुक्त प्रयासों से बच्चे को सुरक्षित बरामद किया गया।
हिमाचल पुलिस ने पंजाब पुलिस से मिले इनपुट के आधार पर तुनुहट्टी बैरियर पर चौकसी बढ़ा दी और विभिन्न व्हाट्सऐप ग्रुप्स में सूचना शेयर कर दी। डलहौजी पुलिस थाना के प्रभारी इंस्पेक्टर जगवीर सिंह ने बताया कि किडनैपिंग में प्रयोग की गई कार सलूणी उपमंडल के ज्वांस गांव के व्यक्ति की है, जिसने पुष्टि की कि उसकी कार टांडा मेडिकल कॉलेज में पार्क है।
पंजाब पुलिस ने हिमाचल पुलिस के साथ सीसीटीवी फुटेज, बच्चे का हुलिया और किडनैपरों द्वारा भेजे गए फिरौती पत्र को साझा किया। इस सूचना के आधार पर, हिमाचल पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और किडनैपरों का पता लगाकर बच्चे को सुरक्षित बरामद किया।
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