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डलहौजी , 08 अक्टूबर [ सुभाष महाजन ] ! शहीदे आजम भगत सिंह के भतीजे किरनजीत सिंह अपनी पत्नी मनजीत सहित डलहौजी आए हुए हैं ने कल आर्य समाज डलहौजी छावनी के शताब्दी समारोह की अध्यक्षता की आज वह डलहौजी के पंजपुला में स्थित अपने दादा और स्वतंत्रता सेनानी अजीत सिंह कि स्मारक और समाधि स्थल पर अपने श्रद्धा सुमन और श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए अपनी पत्नी सहित पहुंचे और उन्होंने और उनकी पत्नी ने अपने दादा स्वतंत्रता सेनानी सरदार अजीत सिंह को श्रद्धांजलि दी। यहां यह बताते चले की स्वतंत्रता सेनानी सरदार अजीत सिंह स्वास्थ्य लाभ के लिए डलहौजी आए हुए थे और जैसे ही उन्हें 14 अगस्त और 15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि में पता चला कि देश आजाद हो गया है तो उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा और उन्होंने कहा कि अब हमारा लक्ष्य पूरा हो गया है और उसके बाद डलहौजी में उन्होंने अपने प्राण त्यागे। उनके साथ आर्य समाज डलहौजी छावनी के अजय सहगल, मोनिका सहगल, विनोद महाजन, नीरज महाजन, अनु महाजन और नगर परिषद डलहौजी के कनिष्ठ अभियंता संजीव शर्मा थे। देशभक्त सरदार अजीत सिंह यादगार सभा पंजपुला डलहौजी के सभी सदस्यों ने सभा के प्रधान सुभाष चौहान एवं महा सचिव वीरेंद्र ठाकुर सहित उनका वहां पहुंचने पर हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत किया। इस अवसर पर किरनजीत सिंह ने आर्य समाज डलहौजी छावनी द्वारा सरदार अजीत सिंह के जीवन पर आधारित स्मारक स्थल पर लगवाई गई इतिहास पट्टिका का भी अनावरण किया और इसके लिए अजय सहगल और आर्य समाज डलहौजी छावनी का धन्यवाद भी किया। देशभक्त सरदार अजीत सिंह यादगार सभा के सभी पदाधिकारीयों ने किरनजीत सिंह और उनकी पत्नी मनजीत को शाल और सभा का स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। किरनजीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि उनके सारे परिवार और पूर्वजों में देशभक्ति की भावना पैदा करने और जगाने के लिए महर्षि दयानंद और आर्य समाज का बड़ा योगदान है। उन्होंने देशभक्त सरदार अजीत सिंह यादगार सभा का धन्यवाद किया जो उनके स्मारक का पूरा ध्यान रखती है और देश भक्ति के आयोजन करवाती है। उन्होंने हिमाचल सरकार से मांग की वह उनके स्वतंत्रता सेनानी दादाजी के स्मारक के रखरखाब और सौंदर्यकरण की पूरी जिम्मेवारी ले और ध्यान रखें।
डलहौजी , 08 अक्टूबर [ सुभाष महाजन ] ! शहीदे आजम भगत सिंह के भतीजे किरनजीत सिंह अपनी पत्नी मनजीत सहित डलहौजी आए हुए हैं ने कल आर्य समाज डलहौजी छावनी के शताब्दी समारोह की अध्यक्षता की
आज वह डलहौजी के पंजपुला में स्थित अपने दादा और स्वतंत्रता सेनानी अजीत सिंह कि स्मारक और समाधि स्थल पर अपने श्रद्धा सुमन और श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए अपनी पत्नी सहित पहुंचे और उन्होंने और उनकी पत्नी ने अपने दादा स्वतंत्रता सेनानी सरदार अजीत सिंह को श्रद्धांजलि दी।
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यहां यह बताते चले की स्वतंत्रता सेनानी सरदार अजीत सिंह स्वास्थ्य लाभ के लिए डलहौजी आए हुए थे और जैसे ही उन्हें 14 अगस्त और 15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि में पता चला कि देश आजाद हो गया है तो उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा और उन्होंने कहा कि अब हमारा लक्ष्य पूरा हो गया है और उसके बाद डलहौजी में उन्होंने अपने प्राण त्यागे।
उनके साथ आर्य समाज डलहौजी छावनी के अजय सहगल, मोनिका सहगल, विनोद महाजन, नीरज महाजन, अनु महाजन और नगर परिषद डलहौजी के कनिष्ठ अभियंता संजीव शर्मा थे।
देशभक्त सरदार अजीत सिंह यादगार सभा पंजपुला डलहौजी के सभी सदस्यों ने सभा के प्रधान सुभाष चौहान एवं महा सचिव वीरेंद्र ठाकुर सहित उनका वहां पहुंचने पर हार्दिक अभिनंदन एवं स्वागत किया।
इस अवसर पर किरनजीत सिंह ने आर्य समाज डलहौजी छावनी द्वारा सरदार अजीत सिंह के जीवन पर आधारित स्मारक स्थल पर लगवाई गई इतिहास पट्टिका का भी अनावरण किया और इसके लिए अजय सहगल और आर्य समाज डलहौजी छावनी का धन्यवाद भी किया।
देशभक्त सरदार अजीत सिंह यादगार सभा के सभी पदाधिकारीयों ने किरनजीत सिंह और उनकी पत्नी मनजीत को शाल और सभा का स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। किरनजीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि उनके सारे परिवार और पूर्वजों में देशभक्ति की भावना पैदा करने और जगाने के लिए महर्षि दयानंद और आर्य समाज का बड़ा योगदान है।
उन्होंने देशभक्त सरदार अजीत सिंह यादगार सभा का धन्यवाद किया जो उनके स्मारक का पूरा ध्यान रखती है और देश भक्ति के आयोजन करवाती है। उन्होंने हिमाचल सरकार से मांग की वह उनके स्वतंत्रता सेनानी दादाजी के स्मारक के रखरखाब और सौंदर्यकरण की पूरी जिम्मेवारी ले और ध्यान रखें।
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