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शिमला ! एस ई आई एल टूर के अंतिम दिन 6 फरवरी को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश द्वारा सभी प्रतिनिधियों के लिए शिमला के रिज मैदान में स्थित गेयीटी थिएटर के अंदर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सरस्वती वंदना, किन्नौरी नाटी, शिमला नाटी, एवं पूर्वोत्तर राज्य से आए प्रतिनिधियों द्वारा पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक एवं लोक नृत्य प्रस्तुत किया गया। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में एस ई आई एल टूर के प्रत्येक प्रतिनिधि को मंच के माध्यम से अपना अपना अनुभव साझा करने का मौका मिला। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में विद्यार्थी परिषद द्वारा प्रत्येक वर्ष स्कूली छात्रों के बौद्धिक विकास के लिए आयोजित होने वाली सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कार दिए गए। इस एस ई आई एल टूर के अंतिम दिन सभी प्रतिनिधियों ने राजभवन शिमला में माननीय राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ला जी के साथ दोपहर भोजन किया। जिसके दौरान SEIL टूर में आई नागालैंड की एक प्रतिनिधि राजभवन में लगे एक चित्र की और देख कर भावुक हो गई। जानकारी के अनुसार वह चित्र उस प्रतिनिधि के परदादा जी का चित्र था जो कि हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल रह चुके हैं। इन प्रतिनिधियों को हिमाचल के अंदर लगभग 5 दिन रहने का मौका मिला जिसके चलते हिमाचल के लोगों की और पूर्वोत्तर भारत से आए इन सभी प्रतिनिधियों की आपस में एक अच्छी आत्मीयता बनी। इन 5 दिन इन सभी प्रतिनिधियों के लिए हिमाचल के कुछ परिवारों के अंदर रहने की व्यवस्था की गई थी और अंतिम दिन जब वे सभी प्रतिनिधि अपनी अपनी होस्ट फैमिली के घरों से निकले तो वे क्षण इन प्रतिनिधियों के लिए और हिमाचल की सभी होस्ट परिवारों के लिए भावुक हो जाने वाले पल थे। विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिमाचल के राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ला जी का बतौर मुख्य तिथि आना हुआ इसमें उन्होंने समस्त जनता को संबोधित करते हुए कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद केवल आंदोलन के लिए काम नहीं करता बल्कि अपने ज्ञान शील एकता के ध्येय को आगे बढ़ाने के लिए भी काम करता है।विद्यार्थी परिषद भारत की समूह संस्कृति एवं विरासत की पोषक है। पूर्वोत्तर भारत में भारत को तोड़ने वाली बुरी शक्तियां अपने चरम सीमा पर थी परंतु विद्यार्थी परिषद का ऐसे प्रयासों द्वारा पूर्वोत्तर भारत को एवं शेष भारत को जोड़ कर रखने में एक बड़ा योगदान हैं। पूर्वोत्तर भारत के लोगों ने दशकों से चलती आ रही पूजा की पद्धति को नहीं बदला एवं संस्कृति को संजोकर रखा है। एस ई आई एल टूर के माध्यम से देश में केवल एक ही संदेश जाता है कि एकता में ही श्रेष्ठता है। ऐसे ही विशिष्ट अतिथि मनोज निखरा जी ने कहा कि वे स्वयं भी 2010 में ऐसे ही एस ई आई एल टूर का कॉर्डिनेटर बनकर शिमला आए थे। एस ई आई एल टूर के इन सभी प्रतिनिधियों को देख कर उन्होंने अपने उस समय को याद किया।
शिमला ! एस ई आई एल टूर के अंतिम दिन 6 फरवरी को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश द्वारा सभी प्रतिनिधियों के लिए शिमला के रिज मैदान में स्थित गेयीटी थिएटर के अंदर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सरस्वती वंदना, किन्नौरी नाटी, शिमला नाटी, एवं पूर्वोत्तर राज्य से आए प्रतिनिधियों द्वारा पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक एवं लोक नृत्य प्रस्तुत किया गया। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में एस ई आई एल टूर के प्रत्येक प्रतिनिधि को मंच के माध्यम से अपना अपना अनुभव साझा करने का मौका मिला। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में विद्यार्थी परिषद द्वारा प्रत्येक वर्ष स्कूली छात्रों के बौद्धिक विकास के लिए आयोजित होने वाली सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कार दिए गए।
इस एस ई आई एल टूर के अंतिम दिन सभी प्रतिनिधियों ने राजभवन शिमला में माननीय राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ला जी के साथ दोपहर भोजन किया। जिसके दौरान SEIL टूर में आई नागालैंड की एक प्रतिनिधि राजभवन में लगे एक चित्र की और देख कर भावुक हो गई। जानकारी के अनुसार वह चित्र उस प्रतिनिधि के परदादा जी का चित्र था जो कि हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल रह चुके हैं।
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इन प्रतिनिधियों को हिमाचल के अंदर लगभग 5 दिन रहने का मौका मिला जिसके चलते हिमाचल के लोगों की और पूर्वोत्तर भारत से आए इन सभी प्रतिनिधियों की आपस में एक अच्छी आत्मीयता बनी। इन 5 दिन इन सभी प्रतिनिधियों के लिए हिमाचल के कुछ परिवारों के अंदर रहने की व्यवस्था की गई थी और अंतिम दिन जब वे सभी प्रतिनिधि अपनी अपनी होस्ट फैमिली के घरों से निकले तो वे क्षण इन प्रतिनिधियों के लिए और हिमाचल की सभी होस्ट परिवारों के लिए भावुक हो जाने वाले पल थे।
विद्यार्थी परिषद द्वारा आयोजित इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिमाचल के राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ला जी का बतौर मुख्य तिथि आना हुआ इसमें उन्होंने समस्त जनता को संबोधित करते हुए कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद केवल आंदोलन के लिए काम नहीं करता बल्कि अपने ज्ञान शील एकता के ध्येय को आगे बढ़ाने के लिए भी काम करता है।विद्यार्थी परिषद भारत की समूह संस्कृति एवं विरासत की पोषक है। पूर्वोत्तर भारत में भारत को तोड़ने वाली बुरी शक्तियां अपने चरम सीमा पर थी परंतु विद्यार्थी परिषद का ऐसे प्रयासों द्वारा पूर्वोत्तर भारत को एवं शेष भारत को जोड़ कर रखने में एक बड़ा योगदान हैं। पूर्वोत्तर भारत के लोगों ने दशकों से चलती आ रही पूजा की पद्धति को नहीं बदला एवं संस्कृति को संजोकर रखा है। एस ई आई एल टूर के माध्यम से देश में केवल एक ही संदेश जाता है कि एकता में ही श्रेष्ठता है। ऐसे ही विशिष्ट अतिथि मनोज निखरा जी ने कहा कि वे स्वयं भी 2010 में ऐसे ही एस ई आई एल टूर का कॉर्डिनेटर बनकर शिमला आए थे। एस ई आई एल टूर के इन सभी प्रतिनिधियों को देख कर उन्होंने अपने उस समय को याद किया।
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