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चम्बा , 01 जुलाई [ शिवानी ] ! पिछले 6,महीनो से चम्बा जिले में बारिश का न होना किसानों, बागवानों,वा अन्य लोगों, के लिए चिंता का सबब बनता जा रहा है। इतना ही नहीं लगातार पड रही तेज धूप के कारण तापमान पारा ऊपर चढ़ता ही जा रहा है जिस कारण लोगों को लगातार पानी की कमी सता रही है। बिन बारिश के साफ तौर से देखने को मिल रही है किसानों द्वारा बिजी गई फसले सूखने के कगार पर पहुंचती जा रही है। जिस कारण किसान तो किसान, बागवान वा अन्य ग्रामीण लोग खासा परेशान हो गए है।गर्मी की तपिश से धीरे धीरे सूखते जा रहे किसानों के खेत जोकि मक्की की फसल से गरीब किसानों और उनके परिवार की रोटी दिया करते थे आज खुद बिन बारिश के प्यासे हो चुके है। बारिश हो जाए कुछ उद्धंग शातिर लोगों ने जंगल के जंगल इसलिए जला दिए की जल्दी से बारिश हो जाए और पशुओं के लिए ज्यादा से ज्यादा चारा प्राप्त हो सके। बाबजूद इसके बारिश का नामोनिशान नहीं है।यहां के स्थानीय ग्रामीण लोगों का कहना है कि पिछले 6,महीनो से बिल्कुल भी बारिश नही हुई और जिन किसानों ने अपनी फसल बिजी हुई थी वह भी अब जलने के कगार पर पहुंच चुकी है और अगर जल्दी से बारिश नही होती है हालत और भी बद से बतर हो जायेंगे। उधर किसानों के साथ स्थानीय ग्रामीण दुकानदार भी अपनी दुकानदारी को लेकर खासा परेशान है। इनका कहना है कि जिस किसी भी किसान ने अपने खेतों में मक्की वा सब्जियों की बिजाई की हुई थी वह बिन बारिश के सूखती ही जा रही है। इनका कहना है कि हमारी दुकानदारी भी इन्ही किसानों पर ही निर्भर करती है और अगर इनके पास आपन खुद की नगदी फसल ही पर्याप्त मात्रा में नही होगी तो यह लोग अपने घर के लिए खाने पीने की सामग्री कन्हा से खरीदेंगे। इनका कहना है कि किसानों द्वारा बिजी गई फसल अगर बिन बारिश के ऐसे ही सुख गई तो आने वाले हालत और भी खराब हो सकते है।
चम्बा , 01 जुलाई [ शिवानी ] ! पिछले 6,महीनो से चम्बा जिले में बारिश का न होना किसानों, बागवानों,वा अन्य लोगों, के लिए चिंता का सबब बनता जा रहा है। इतना ही नहीं लगातार पड रही तेज धूप के कारण तापमान पारा ऊपर चढ़ता ही जा रहा है जिस कारण लोगों को लगातार पानी की कमी सता रही है। बिन बारिश के साफ तौर से देखने को मिल रही है किसानों द्वारा बिजी गई फसले सूखने के कगार पर पहुंचती जा रही है। जिस कारण किसान तो किसान, बागवान वा अन्य ग्रामीण लोग खासा परेशान हो गए है।
गर्मी की तपिश से धीरे धीरे सूखते जा रहे किसानों के खेत जोकि मक्की की फसल से गरीब किसानों और उनके परिवार की रोटी दिया करते थे आज खुद बिन बारिश के प्यासे हो चुके है। बारिश हो जाए कुछ उद्धंग शातिर लोगों ने जंगल के जंगल इसलिए जला दिए की जल्दी से बारिश हो जाए और पशुओं के लिए ज्यादा से ज्यादा चारा प्राप्त हो सके। बाबजूद इसके बारिश का नामोनिशान नहीं है।यहां के स्थानीय ग्रामीण लोगों का कहना है कि पिछले 6,महीनो से बिल्कुल भी बारिश नही हुई और जिन किसानों ने अपनी फसल बिजी हुई थी वह भी अब जलने के कगार पर पहुंच चुकी है और अगर जल्दी से बारिश नही होती है हालत और भी बद से बतर हो जायेंगे।
उधर किसानों के साथ स्थानीय ग्रामीण दुकानदार भी अपनी दुकानदारी को लेकर खासा परेशान है। इनका कहना है कि जिस किसी भी किसान ने अपने खेतों में मक्की वा सब्जियों की बिजाई की हुई थी वह बिन बारिश के सूखती ही जा रही है। इनका कहना है कि हमारी दुकानदारी भी इन्ही किसानों पर ही निर्भर करती है और अगर इनके पास आपन खुद की नगदी फसल ही पर्याप्त मात्रा में नही होगी तो यह लोग अपने घर के लिए खाने पीने की सामग्री कन्हा से खरीदेंगे। इनका कहना है कि किसानों द्वारा बिजी गई फसल अगर बिन बारिश के ऐसे ही सुख गई तो आने वाले हालत और भी खराब हो सकते है।
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