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चम्बा ! मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी निखिल अग्रवाल की अध्यक्षता में आज ग्राम पंचायत बाथरी के पंचायत सामुदायिक भवन में विधिक सेवा प्राधिकरण का जागरूकता शिविर आयोजित किया गया।शिविर में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने महिलाओं को विभिन्न कानूनी सहायतों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्राधिकरण महिलाओं और असहाय लोगों के लिए निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि इस शिविर को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम, निषेध और निवारण अधिनियम-2013 के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करना है। उन्होंने इस दौरान नालसा टोल फ्री नम्बर 15100 के बारे में विस्तृत जानकारी दी। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने जागरूकता शिविर में कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न करना एक कानूनी अपराध है जिस पर पीड़ित महिलाएं कानून के तहत अपनी आवाज उठा सकती है जिसके लिए प्राधिकरण ने विभिन्न कानूनी सहायता का प्रावधान किया है। उन्होंने इस दौरान घरेलू हिंसा अधिनियम,सूचना का अधिकार अधिनियम-2005, मौलिक अधिकार, पंचायती राज अधिनियम,उपभोक्ता संरक्षण,सूचना का अधिकार, शिक्षा के अधिकार अधिनियम, वूमेन हेल्पलाइन नंबर व महिलाओं से जुड़े विभिन्न अधिकारों और कर्तव्य के बारे में विस्तृत रूप से बताया। उन्होंने यह भी कहा कि तीन लाख से कम आय अर्जित करने वाले लोगों को अपने अधिकारों की सुरक्षा करने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण मुफ्त में कानूनी सहायता उपलब्ध करवाता है ताकि लोगों को अन्याय का सामना ना करना पड़ शिविर में अधिवक्ता दीपिका धर्मानी ने भी विधिक साक्षरता कानून संबंधी महत्त्वपूर्ण जानकारी उपस्थित लोंगों को दी। शिविर में पंचायत प्रतिनिधि, आंगनवाड़ी व आशा वर्कर सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों मौजूद रहे।
चम्बा ! मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी निखिल अग्रवाल की अध्यक्षता में आज ग्राम पंचायत बाथरी के पंचायत सामुदायिक भवन में विधिक सेवा प्राधिकरण का जागरूकता शिविर आयोजित किया गया।शिविर में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने महिलाओं को विभिन्न कानूनी सहायतों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्राधिकरण महिलाओं और असहाय लोगों के लिए निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि इस शिविर को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम, निषेध और निवारण अधिनियम-2013 के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करना है।
उन्होंने इस दौरान नालसा टोल फ्री नम्बर 15100 के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
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मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने जागरूकता शिविर में कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न करना एक कानूनी अपराध है जिस पर पीड़ित महिलाएं कानून के तहत अपनी आवाज उठा सकती है जिसके लिए प्राधिकरण ने विभिन्न कानूनी सहायता का प्रावधान किया है। उन्होंने इस दौरान घरेलू हिंसा अधिनियम,सूचना का अधिकार अधिनियम-2005, मौलिक अधिकार, पंचायती राज अधिनियम,उपभोक्ता संरक्षण,सूचना का अधिकार, शिक्षा के अधिकार अधिनियम, वूमेन हेल्पलाइन नंबर व महिलाओं से जुड़े विभिन्न अधिकारों और कर्तव्य के बारे में विस्तृत रूप से बताया।
उन्होंने यह भी कहा कि तीन लाख से कम आय अर्जित करने वाले लोगों को अपने अधिकारों की सुरक्षा करने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण मुफ्त में कानूनी सहायता उपलब्ध करवाता है ताकि लोगों को अन्याय का सामना ना करना पड़
शिविर में अधिवक्ता दीपिका धर्मानी ने भी विधिक साक्षरता कानून संबंधी महत्त्वपूर्ण जानकारी उपस्थित लोंगों को दी। शिविर में पंचायत प्रतिनिधि, आंगनवाड़ी व आशा वर्कर सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों मौजूद रहे।
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