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शिमला ! भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं सांसद डॉ राजीव भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस राज में प्रदेश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से खराब हो चुकी है, इसके जिम्मेवार केवल और केवल कांग्रेस पार्टी और उनके नेते है। विधानसभा के दौरान कांग्रेस के मंत्री एवं मुख्या सवालों से भागते दिखाई दे रहे थे, झूठ बोल कर जनता को लगातार गुमराह कर रहे थे। अब तो मुख्यमंत्री सुप्रीम कोर्ट जाने की बात भी कर रहे है पर जा क्यों रहे है वह समझ के बाहर है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के अस्पताल व मेडिकल कालेज चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे हैं। यहां 9 से 56 प्रतिशत चिकित्सक कम है। इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) शिमला से लेकर जिला अस्पतालों में 15 से 69 प्रतिशत विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है। चंबा और सिरमौर जिलों में सबसे अधिक 42 प्रतिशत कमी है। यह खुलसा विधानसभा में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की 2022-23 की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार जिला व सिविल अस्पतालों में जहां नौ से 11 ओपीडी का प्रविधान है, वहां पर दो से पांच ओपीडी ही थी। लाखों रुपये के उपकरणों के खरीदने के बावजूद स्टाफ न होने से उनका लाभ रोगियों को नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी के नेता अब बोलेंगे कि यह भाजपा नेताओं के मनगढ़ंत आंकड़े है पर हम स्पष्ट रूप में बताना चाहेंगे कि आंकड़े सरकार है और वास्तविक है। भारद्वाज ने कहा कि कैग रिपोर्ट में जांचे 18 स्वास्थ्य संस्थानों में से सात संस्थान बिना लाइसेंस एक्सरे सुविधा चला रहे थे। लाइसेंस नवीनीकरण के बिना प्रदेश के चयनित 25 संस्थानों में से 12 स्वास्थ्य संस्थान बिना लाइसेंस नवीनीकरण के रक्त बैंक चला रहे थे। 575 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में से 98 ने जैव चिकित्सा अपशिष्ट के उत्पादन पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति व एनओसी ही नहीं ली। हस्पतालों में बिस्तरों की स्वीकृत संख्या में 45.02 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि इस अवधि के दौरान कैग रिपोर्ट में सामने आया कि वास्तविक उपलब्धता में 20.60 प्रतिशत की वृद्धि हुई। आइजीएमसी में पर्याप्त बिस्तर उपलब्ध तो करवाए, लेकिन एक बिस्तर पर कई वार्ड में दो से तीन रोगी पाए गए। प्रदेश के 12 जिला अस्पतालों में से नौ में बिस्तरों की आठ से 71 प्रतिशत तक कमी पाई गई। उन्होंने कहा कि यह साफ दिखता है कि कांग्रेस सरकार और उनके नेता हिमाचल को आत्मनिर्भर नहीं बल्कि प्रदेश का आत्मसमर्पण करवाने की कोशिश करवा रहे है। उन्होंने कहा कि यह वो ही मुख्यमंत्री है जिन्होंने विधानसभा चुनावों के समय घूम घूम कर कहा थी कि हम हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाएंगे और सरकार बनते ही अपने ही होम डिस्ट्रिक्ट में प्रदेश की तुलना श्रीलंका से कर दी थी। सीएम और उनके नेताओं की मंशा साफ है वो हिमाचल नहीं केवल अपने हितों के बारे में सोच रहे है।
शिमला ! भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं सांसद डॉ राजीव भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस राज में प्रदेश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से खराब हो चुकी है, इसके जिम्मेवार केवल और केवल कांग्रेस पार्टी और उनके नेते है। विधानसभा के दौरान कांग्रेस के मंत्री एवं मुख्या सवालों से भागते दिखाई दे रहे थे, झूठ बोल कर जनता को लगातार गुमराह कर रहे थे। अब तो मुख्यमंत्री सुप्रीम कोर्ट जाने की बात भी कर रहे है पर जा क्यों रहे है वह समझ के बाहर है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के अस्पताल व मेडिकल कालेज चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे हैं। यहां 9 से 56 प्रतिशत चिकित्सक कम है। इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज (आइजीएमसी) शिमला से लेकर जिला अस्पतालों में 15 से 69 प्रतिशत विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है। चंबा और सिरमौर जिलों में सबसे अधिक 42 प्रतिशत कमी है। यह खुलसा विधानसभा में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की 2022-23 की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार जिला व सिविल अस्पतालों में जहां नौ से 11 ओपीडी का प्रविधान है, वहां पर दो से पांच ओपीडी ही थी। लाखों रुपये के उपकरणों के खरीदने के बावजूद स्टाफ न होने से उनका लाभ रोगियों को नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी के नेता अब बोलेंगे कि यह भाजपा नेताओं के मनगढ़ंत आंकड़े है पर हम स्पष्ट रूप में बताना चाहेंगे कि आंकड़े सरकार है और वास्तविक है।
भारद्वाज ने कहा कि कैग रिपोर्ट में जांचे 18 स्वास्थ्य संस्थानों में से सात संस्थान बिना लाइसेंस एक्सरे सुविधा चला रहे थे। लाइसेंस नवीनीकरण के बिना प्रदेश के चयनित 25 संस्थानों में से 12 स्वास्थ्य संस्थान बिना लाइसेंस नवीनीकरण के रक्त बैंक चला रहे थे। 575 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में से 98 ने जैव चिकित्सा अपशिष्ट के उत्पादन पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति व एनओसी ही नहीं ली। हस्पतालों में बिस्तरों की स्वीकृत संख्या में 45.02 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि इस अवधि के दौरान कैग रिपोर्ट में सामने आया कि वास्तविक उपलब्धता में 20.60 प्रतिशत की वृद्धि हुई। आइजीएमसी में पर्याप्त बिस्तर उपलब्ध तो करवाए, लेकिन एक बिस्तर पर कई वार्ड में दो से तीन रोगी पाए गए। प्रदेश के 12 जिला अस्पतालों में से नौ में बिस्तरों की आठ से 71 प्रतिशत तक कमी पाई गई। उन्होंने कहा कि यह साफ दिखता है कि कांग्रेस सरकार और उनके नेता हिमाचल को आत्मनिर्भर नहीं बल्कि प्रदेश का आत्मसमर्पण करवाने की कोशिश करवा रहे है।
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उन्होंने कहा कि यह वो ही मुख्यमंत्री है जिन्होंने विधानसभा चुनावों के समय घूम घूम कर कहा थी कि हम हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाएंगे और सरकार बनते ही अपने ही होम डिस्ट्रिक्ट में प्रदेश की तुलना श्रीलंका से कर दी थी। सीएम और उनके नेताओं की मंशा साफ है वो हिमाचल नहीं केवल अपने हितों के बारे में सोच रहे है।
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