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चम्बा , 10 अप्रैल [ के एस प्रेमी ] ! हिमाचल प्रदेश के जिला चम्बा मे बर्फबारी और बारिश के बाद मौसम खुलने से पर्यटक रोजाना भारी संख्या मे डलहौजी, खज्जियार, चम्बा, भरमौर का रूख कर रहे हैं। गौरतलब है कि अप्रैल माह से नवम्बर माह तक ही जिला मे पर्यटन व्यवसाय चलता है। इससे जहाँ पर्यटकों को चम्बा के मनमोहक नजरों के दीदार हो रहे है तो वही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे है। अगर हम धार्मिक पर्यटन की बात करें तो डलहौजी के डैणकुण्ड मे स्थित महाकाली भगवती पोलहाणी माता के दरबार की तो यहां पर दर्शन करने के लिए हर रोज हजारों श्रद्धालु और पर्यटक पंहुच रहे हैं। जहा धौलाधार पर्वत श्रृंखला के शुरू मे बने इस मंदिर से एक तरफ ब्यास और रावी घाटी के मनमोहक दृश्यों के दर्शन होते है। वहीं धार्मिक आस्था से जुड़े इस मंदिर मे विराजमान पोलहाणी माता साक्षात मंगलाकारी और मन्नते पूरी करने वाली है। उत्तर प्रदेश से आए पर्यटक भी माता पोलहाणी के दर्शन करके और मंदिर के चारों और फैली प्राकृतिक छटा को देखकर आत्मविभोर हो गए। यह बात गौर करने वाली है कि हर साल पोलहाणी मंदिर के दर्शन करने के लिए लाखों पर्यटक आते हैं। मंदिर के चारों और का दृश्य यहाँ आने वाले हर किसी को आकस्माक ही अपनी और खींच लेता है। साथ माता पोलहाणी के पावन दर्शन पाकर हर कोई संतुष्ट हो जाता है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा , 10 अप्रैल [ के एस प्रेमी ] ! हिमाचल प्रदेश के जिला चम्बा मे बर्फबारी और बारिश के बाद मौसम खुलने से पर्यटक रोजाना भारी संख्या मे डलहौजी, खज्जियार, चम्बा, भरमौर का रूख कर रहे हैं। गौरतलब है कि अप्रैल माह से नवम्बर माह तक ही जिला मे पर्यटन व्यवसाय चलता है। इससे जहाँ पर्यटकों को चम्बा के मनमोहक नजरों के दीदार हो रहे है तो वही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे है।
अगर हम धार्मिक पर्यटन की बात करें तो डलहौजी के डैणकुण्ड मे स्थित महाकाली भगवती पोलहाणी माता के दरबार की तो यहां पर दर्शन करने के लिए हर रोज हजारों श्रद्धालु और पर्यटक पंहुच रहे हैं। जहा धौलाधार पर्वत श्रृंखला के शुरू मे बने इस मंदिर से एक तरफ ब्यास और रावी घाटी के मनमोहक दृश्यों के दर्शन होते है। वहीं धार्मिक आस्था से जुड़े इस मंदिर मे विराजमान पोलहाणी माता साक्षात मंगलाकारी और मन्नते पूरी करने वाली है।
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उत्तर प्रदेश से आए पर्यटक भी माता पोलहाणी के दर्शन करके और मंदिर के चारों और फैली प्राकृतिक छटा को देखकर आत्मविभोर हो गए। यह बात गौर करने वाली है कि हर साल पोलहाणी मंदिर के दर्शन करने के लिए लाखों पर्यटक आते हैं। मंदिर के चारों और का दृश्य यहाँ आने वाले हर किसी को आकस्माक ही अपनी और खींच लेता है। साथ माता पोलहाणी के पावन दर्शन पाकर हर कोई संतुष्ट हो जाता है।
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