- विज्ञापन (Article Top Ad) -
चम्बा , 17 जुलाई [ शिवानी ] ! बुधवार को तेज हवा के कारण एक सफेदे का पेड़ गिर गया। गनीमत रही कि हादसे के दौरान कोई भी आसपास मौजूद नहीं था जिस कारण एक बड़ा हादसा टल गया। आपको बता दें कि आज छुट्टी होने के कारण काफी कम संख्या में यहां लोग मौजूद थे और जब घटना घटी तो यहां से कोई गुजर भी रहा था अन्यथा एक बड़ा हादसा पेश आ सकता था। जिस स्थान पर ये पेड़ गिरा ह वहां पर आए दिन कोई न कोई विश्राम करता दिख जाता है। नगर के विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर मौजूद सूखे पेड़ किसी के लिए भी कभी भी खतरनाक साबित हो सकते हैं। क्योंकि ये पेड़ जहां विशालकाय हैं तो साथ ही यह इस कदर सूख चुके हैं कि जब भी जोर की हवा चलती है तो इनकी टहनियां अक्सर टूट कर गिर जाती हैं। अब तक करीब आधा दर्जन लोग ऐसे सूखे पेड़ों की टहनियों की चपेट में आकर घायल हो चुके हैं। लोगों की मांग के साथ इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने इन्हें हटाने की मुहिम छेड़ी थी लेकिन यह मुहिम अधूरी ही रह गई। अब तो अदालत ने भी सूखे पेड़ों को काटने पर पाबंदी लगा रखी है लेकिन इन पेड़ों की टहनियों की काट-छांट तो की ही जा सकती है। इस बारे में समाजसेवी मानसिंह ठाकुर ने प्रशासन से मांग की है कि उन्होंने अपनी जो मुहिम इस कार्य के लिए शुरू की थी उसे जारी रखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से लोगों के लिए खतरा बन चुके सूखे पेड़ों को हटाया जाए या फिर उनकी टहनियों की काट-छांट की जाए।
चम्बा , 17 जुलाई [ शिवानी ] ! बुधवार को तेज हवा के कारण एक सफेदे का पेड़ गिर गया। गनीमत रही कि हादसे के दौरान कोई भी आसपास मौजूद नहीं था जिस कारण एक बड़ा हादसा टल गया।
आपको बता दें कि आज छुट्टी होने के कारण काफी कम संख्या में यहां लोग मौजूद थे और जब घटना घटी तो यहां से कोई गुजर भी रहा था अन्यथा एक बड़ा हादसा पेश आ सकता था।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
जिस स्थान पर ये पेड़ गिरा ह वहां पर आए दिन कोई न कोई विश्राम करता दिख जाता है। नगर के विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर मौजूद सूखे पेड़ किसी के लिए भी कभी भी खतरनाक साबित हो सकते हैं। क्योंकि ये पेड़ जहां विशालकाय हैं तो साथ ही यह इस कदर सूख चुके हैं कि जब भी जोर की हवा चलती है तो इनकी टहनियां अक्सर टूट कर गिर जाती हैं। अब तक करीब आधा दर्जन लोग ऐसे सूखे पेड़ों की टहनियों की चपेट में आकर घायल हो चुके हैं। लोगों की मांग के साथ इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने इन्हें हटाने की मुहिम छेड़ी थी लेकिन यह मुहिम अधूरी ही रह गई। अब तो अदालत ने भी सूखे पेड़ों को काटने पर पाबंदी लगा रखी है लेकिन इन पेड़ों की टहनियों की काट-छांट तो की ही जा सकती है।
इस बारे में समाजसेवी मानसिंह ठाकुर ने प्रशासन से मांग की है कि उन्होंने अपनी जो मुहिम इस कार्य के लिए शुरू की थी उसे जारी रखते हुए सुरक्षा की दृष्टि से लोगों के लिए खतरा बन चुके सूखे पेड़ों को हटाया जाए या फिर उनकी टहनियों की काट-छांट की जाए।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -