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चम्बा , 26 अक्टूबर [ शिवानी ] ! प्रदेश मे मछली पालकों की सुदृढ़ आर्थिकी को सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं का कार्यान्वयन किया जा रहा है। वहीं अब कम समय मे अधिक व गुणवत्ता पूर्ण मछली के उत्पादन व प्रजनन के लिए प्रदेश मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालकों को सिफाब्रुड पोषक आहार प्रदान किया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए मत्स्य रिस्क फंड कमेटी हिमाचल प्रदेश के गैर सरकारी सदस्य जितेंद्र मैहरा ने कहा कि जहाँ मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालन को प्रोत्साहन देने के लिए टैंक निर्माण जैसी योजनाओं पर सबसिडी दी जा रही है। वहीं अब इन टैकों व लघु जलाशयों मे मछलियों को पोषण देने के लिए सिफाब्रुड नामक अति पोषक तत्वों से परिपूर्ण आहार तैयार किया गया जो कि तीव्र गति से मछली के प्रजनन व उत्पादन के लिए सहायक है। उन्होंने बताया कि इससे जहाँ एक तरफ कम समय मे ज्यादा मछली का उत्पादन होगा तो इसके फलस्वरूप मछली पालकों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी। उन्होंने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केंद्रिय मीठा जलकृषि संस्थान भुवनेश्वर ( आईसीएआर-सीआईएफए ) और हिमाचल प्रदेश मत्स्य पालन विभाग के बीच हुए एक महत्वपूर्ण समझौते के फलस्वरूप संभव हुआ है। सिफाब्रुड जो विशेष रूप से मछलियों की प्रजनन क्षमता बढाने के लिए तैयार किया गया पौष्टिक आहार है, प्रदेश के मत्स्य व्यवसाय के लिए लाभदायक साबित होगा। उन्होंने नजर बताया कि बहरहाल ऊना जिला के गगरेट मे दियोली मत्स्य फार्म मे सिफाब्रुड का उत्पादन किया जा रहा है। यह फीड रूपी आहार मछली प्रजनकों को न्यूनतम मूल्य पर उपलब्ध करवाया जाएगा। जिससे मछली पालन मे लागत कम होगी और मछली प्रजनन क्षमता मे बढौतरी होगी। सिफाब्रुड मछलियों के लिए अति उपयोगी आहार है निसंदेह इससे मछली पालकों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी।
चम्बा , 26 अक्टूबर [ शिवानी ] ! प्रदेश मे मछली पालकों की सुदृढ़ आर्थिकी को सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं का कार्यान्वयन किया जा रहा है। वहीं अब कम समय मे अधिक व गुणवत्ता पूर्ण मछली के उत्पादन व प्रजनन के लिए प्रदेश मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालकों को सिफाब्रुड पोषक आहार प्रदान किया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए मत्स्य रिस्क फंड कमेटी हिमाचल प्रदेश के गैर सरकारी सदस्य जितेंद्र मैहरा ने कहा कि जहाँ मत्स्य विभाग द्वारा मछली पालन को प्रोत्साहन देने के लिए टैंक निर्माण जैसी योजनाओं पर सबसिडी दी जा रही है।
वहीं अब इन टैकों व लघु जलाशयों मे मछलियों को पोषण देने के लिए सिफाब्रुड नामक अति पोषक तत्वों से परिपूर्ण आहार तैयार किया गया जो कि तीव्र गति से मछली के प्रजनन व उत्पादन के लिए सहायक है। उन्होंने बताया कि इससे जहाँ एक तरफ कम समय मे ज्यादा मछली का उत्पादन होगा तो इसके फलस्वरूप मछली पालकों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी।
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उन्होंने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केंद्रिय मीठा जलकृषि संस्थान भुवनेश्वर ( आईसीएआर-सीआईएफए ) और हिमाचल प्रदेश मत्स्य पालन विभाग के बीच हुए एक महत्वपूर्ण समझौते के फलस्वरूप संभव हुआ है। सिफाब्रुड जो विशेष रूप से मछलियों की प्रजनन क्षमता बढाने के लिए तैयार किया गया पौष्टिक आहार है, प्रदेश के मत्स्य व्यवसाय के लिए लाभदायक साबित होगा।
उन्होंने नजर बताया कि बहरहाल ऊना जिला के गगरेट मे दियोली मत्स्य फार्म मे सिफाब्रुड का उत्पादन किया जा रहा है। यह फीड रूपी आहार मछली प्रजनकों को न्यूनतम मूल्य पर उपलब्ध करवाया जाएगा। जिससे मछली पालन मे लागत कम होगी और मछली प्रजनन क्षमता मे बढौतरी होगी। सिफाब्रुड मछलियों के लिए अति उपयोगी आहार है निसंदेह इससे मछली पालकों की आर्थिकी सुदृढ़ होगी।
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