- विज्ञापन (Article Top Ad) -
चम्बा ,09 सितम्बर , [ रीना सहोत्रा ] ! चम्बा के ऐतिहासिक चरपट नाथ मंदिर से भगवान भोले नाथ कैलाश मानसरोवर के लिए यह अखरी छड़ी रवाना हुई। आपको बता दे कि इससे पूर्व नागा साधु और अन्य साधु समाज द्वारा 4,सितंबर को चम्बा के दशनामी अखाड़े से इस पवित्र छड़ी को निकाला गया था, और ठीक तीन दिनों के बाद आज सांय को चम्बा में ही स्थित बाबा चरपट नाथ जिनको कि भगवान भोले नाथ का ही स्वरूप माना जाता है उनकी इस पवित्र छड़ी को चंबा में ही स्थित बाबा चरपट नाथ मंदिर से निकाला जाता है। आपको बता दे कि बाबा चरपट नाथ भगवान भोले नाथ के उन 9,प्रिय रत्नों में से एक थे जिनको भगवान भोले शंकर का आशीर्वाद था, जिनका आज भी सवरुप चौरासी भरमौर प्राचीन शिव मंदिर के प्रांगण में स्थित है।वाइस ओवर, भगवान भोले नाथ के जयकारों के साथ निकली यह पवित्र छड़ी बाबा चरपट नाथ की है। हर वर्ष की भांति यह पवित्र छड़ी दशनामी अखाड़े के साधु समाज द्वारा निकाली गई छड़ी के तीन दिनों के बाद चंबा में स्थित बाबा चरपट नाथ के ऐतिहासिक मंदिर से निकली जाती है। इसमें चंबा के लोग निकाली गई इस छड़ी के साथ लोग राधा कृष्ण मंदिर जुलाकडी तक साथ चलते है। इस बारे चरपट नाथ के पुजारी माणिक नाथ ने बताया कि आगामी 11,सितंबर को होने वाले बड़े स्नान जिसको राधाष्टमी का नोहन कहा जाता आज यह छड़ी चरपट नाथ कुटिया से मणिमहेश के लिए प्रस्थान करेगी। इसके उपरांत यह छड़ी चौरासी भरमौर पहुंचेगी और नन्ही पर स्तिथ लखनामाता मंदिर में विश्राम करेगी। इसी तरह पड़ाव दर पड़ाव यह छड़ी विश्राम करती हुई 10, सितंबर की सुबह 4, से 5, बजे की बीच पवित्र डलझिल में चौमुखी पिंडी में सामने स्थापित कर दी जायेगी। उन्होंने बताया कि भगवान शिव के वंशज तिरलोचन महादेव के चेले इस झील को तोड़ेंगे उसके उपरांत ही ब्रह्ममुहरत सुबह चार बजे से पर्व शुरू होगी और सारा दिन शिव भगत इस पवित्र डलझिल में स्नान करने के बाद माथा टेक अपने को धन्य करेंगे।
चम्बा ,09 सितम्बर , [ रीना सहोत्रा ] ! चम्बा के ऐतिहासिक चरपट नाथ मंदिर से भगवान भोले नाथ कैलाश मानसरोवर के लिए यह अखरी छड़ी रवाना हुई। आपको बता दे कि इससे पूर्व नागा साधु और अन्य साधु समाज द्वारा 4,सितंबर को चम्बा के दशनामी अखाड़े से इस पवित्र छड़ी को निकाला गया था, और ठीक तीन दिनों के बाद आज सांय को चम्बा में ही स्थित बाबा चरपट नाथ जिनको कि भगवान भोले नाथ का ही स्वरूप माना जाता है उनकी इस पवित्र छड़ी को चंबा में ही स्थित बाबा चरपट नाथ मंदिर से निकाला जाता है।
आपको बता दे कि बाबा चरपट नाथ भगवान भोले नाथ के उन 9,प्रिय रत्नों में से एक थे जिनको भगवान भोले शंकर का आशीर्वाद था, जिनका आज भी सवरुप चौरासी भरमौर प्राचीन शिव मंदिर के प्रांगण में स्थित है।
वाइस ओवर,
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
भगवान भोले नाथ के जयकारों के साथ निकली यह पवित्र छड़ी बाबा चरपट नाथ की है। हर वर्ष की भांति यह पवित्र छड़ी दशनामी अखाड़े के साधु समाज द्वारा निकाली गई छड़ी के तीन दिनों के बाद चंबा में स्थित बाबा चरपट नाथ के ऐतिहासिक मंदिर से निकली जाती है। इसमें चंबा के लोग निकाली गई इस छड़ी के साथ लोग राधा कृष्ण मंदिर जुलाकडी तक साथ चलते है।
इस बारे चरपट नाथ के पुजारी माणिक नाथ ने बताया कि आगामी 11,सितंबर को होने वाले बड़े स्नान जिसको राधाष्टमी का नोहन कहा जाता आज यह छड़ी चरपट नाथ कुटिया से मणिमहेश के लिए प्रस्थान करेगी। इसके उपरांत यह छड़ी चौरासी भरमौर पहुंचेगी और नन्ही पर स्तिथ लखनामाता मंदिर में विश्राम करेगी। इसी तरह पड़ाव दर पड़ाव यह छड़ी विश्राम करती हुई 10, सितंबर की सुबह 4, से 5, बजे की बीच पवित्र डलझिल में चौमुखी पिंडी में सामने स्थापित कर दी जायेगी।
उन्होंने बताया कि भगवान शिव के वंशज तिरलोचन महादेव के चेले इस झील को तोड़ेंगे उसके उपरांत ही ब्रह्ममुहरत सुबह चार बजे से पर्व शुरू होगी और सारा दिन शिव भगत इस पवित्र डलझिल में स्नान करने के बाद माथा टेक अपने को धन्य करेंगे।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -