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चम्बा , 25 अक्टूबर [ शिवानी ] ! चम्बा मुख्यालय के साथ लगते मैहला पंचायत से बंदला ,चडी, दाडुंई की तरफ जाने वाले मार्ग की हालत दिन प्रतिदिन खस्ता होती जा रही है इस सड़क को बने हुए करीब 5 साल से ज्यादा समय हो चुका है लेकिन इसके रखरखाव का अभी तक कोई भी समाधान नहीं किया गया है। सड़क पर इतने गड्ढे पड़े हुए हैं कि यहां गाड़ी चलाना अक्सर खतरे से खाली नहीं है। रात के समय यहां हमेशा हादसों का डर रहता है। पैदल चलने वाले लोगों को धूल से परेशानी होती है। लोगों ने एक बार फिर प्रशासन व विभाग से आग्रह किया है कि जल्द से इस सड़क तार कॉल बिछाया जाए ताकि लोगों को इससे निजात मिल पाए। वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि ममैहला पंचायत से बंदला ,चडी, दाडुंई की तरफ जाने वाले मार्ग को बने 5 साल का समय हो चुका है लेकिन सड़क की हालत इतनी खस्ता है कि इस पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है। जगह-जगह बड़े-बड़े पत्थर पड़े रहते हैं जिसकी वजह से हमेशा ही हादसों से का डर रहता है। उन्होंने कहा कि यहां पर एक पुली का भी निर्माण होना तय हुआ था लेकिन ना तो वह पुली बनी और ना ही यहां किसी प्रकार का कोई स्क्पर डाला गया जिसकी वजह से यहां बरसात के समय बच्चों को जान जोखिम में डालकर इधर-उधर जाना पड़ता है। उन्होंने विभाग से आग्रह किया जल्द से सड़क पर तारकोल को बिछाया जाए ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो।
चम्बा , 25 अक्टूबर [ शिवानी ] ! चम्बा मुख्यालय के साथ लगते मैहला पंचायत से बंदला ,चडी, दाडुंई की तरफ जाने वाले मार्ग की हालत दिन प्रतिदिन खस्ता होती जा रही है इस सड़क को बने हुए करीब 5 साल से ज्यादा समय हो चुका है लेकिन इसके रखरखाव का अभी तक कोई भी समाधान नहीं किया गया है।
सड़क पर इतने गड्ढे पड़े हुए हैं कि यहां गाड़ी चलाना अक्सर खतरे से खाली नहीं है। रात के समय यहां हमेशा हादसों का डर रहता है। पैदल चलने वाले लोगों को धूल से परेशानी होती है। लोगों ने एक बार फिर प्रशासन व विभाग से आग्रह किया है कि जल्द से इस सड़क तार कॉल बिछाया जाए ताकि लोगों को इससे निजात मिल पाए।
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वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि ममैहला पंचायत से बंदला ,चडी, दाडुंई की तरफ जाने वाले मार्ग को बने 5 साल का समय हो चुका है लेकिन सड़क की हालत इतनी खस्ता है कि इस पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है। जगह-जगह बड़े-बड़े पत्थर पड़े रहते हैं जिसकी वजह से हमेशा ही हादसों से का डर रहता है।
उन्होंने कहा कि यहां पर एक पुली का भी निर्माण होना तय हुआ था लेकिन ना तो वह पुली बनी और ना ही यहां किसी प्रकार का कोई स्क्पर डाला गया जिसकी वजह से यहां बरसात के समय बच्चों को जान जोखिम में डालकर इधर-उधर जाना पड़ता है। उन्होंने विभाग से आग्रह किया जल्द से सड़क पर तारकोल को बिछाया जाए ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो।
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