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चम्बा , 17 मार्च [ सलीम खान ] ! जिला के दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों की हालत आज भी बद से बदतर है।कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर अभी तक गाड़ियों के लिए सड़क नहीं बनाई गई है और अगर इन ग्रामीण क्षेत्र में पैदल चलने योग्य फुटपाथ सड़क का निर्माण हुआ भी है तो उन बनाई गई सड़कों पर लोग पैदल तक नही चल पाते। बताते चले कि इन पथरीली सड़को पर हर किसी ग्रामीण या फिर स्कूल तक के बच्चो को अपने घर से सकूल तक पहुंचने के लिए 2 से 3 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। तब कहीं जाकर वह लोग अपने घरों तक पहुंच पाते है। अगर बात करे चुराह विधानसभा की सनवाल पंचायत के कंडोलू व मलून गांव की तो यहां के रास्ते की हालत इतनी खस्ता है कि यहां पर आना जाना काफी मुश्किल है। खासकर रात के समय इस पैदल मार्ग पर पूरी तरह से गिरने का खतरा रहता है। एक तरफ पत्थर और दूसरी तरफ सड़क में फैला कीचड़। लोगों की माने तो उनका कहना है कि गांव में यहां पर इतना पैसा खर्च किए जाने और तीन-तीन बार इस सड़क को बनाए जाने के बावजूद भी अगर धरातल पर देखा जाए तो हालत बहुत ही खराब है। इस बात के लिए अब सरकार व विभाग को भी दोषी नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि सड़क बनाने के लिए तो लाखों रुपए का बजट मुहैया करवा दिया गया था लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा धरातल में इस तरह का कार्य किया गया है। इसे भ्रष्टाचार नहीं तो और क्या कहें। हालांकि विभाग व सरकार की यहां यह भी गलती है कि लोगों द्वारा शिकायत करने पर उनकी कोई जांच भी नहीं की जाती है। यही वजह है कि पंचायत प्रतिनिधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि पैसा खर्च करने के बावजूद भी वहां पर कार्य नहीं किया जाता है। नाम मात्र कार्य ही किया जाता है जिसकी वजह से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में जो पैदल सड़क बनी है उसकी हालत बहुत ही खस्ता है। उन्होंने कहा कि इस मार्ग को दो तीन बार बनाया गया है लेकिन इसकी हालत ठीक नहीं हुई। उन्होंने कहा कि खर्चा तो यहां बहुत किया जाता है लेकिन सड़क ठीक नहीं हो पाती है। उन्होंने विभाग से आग्रह किया है कि इस सड़क को ठीक तरह से बनाया जाए ताकि लोगों को आने जाने में कोई परेशानी न रहे। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा , 17 मार्च [ सलीम खान ] ! जिला के दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों की हालत आज भी बद से बदतर है।कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर अभी तक गाड़ियों के लिए सड़क नहीं बनाई गई है और अगर इन ग्रामीण क्षेत्र में पैदल चलने योग्य फुटपाथ सड़क का निर्माण हुआ भी है तो उन बनाई गई सड़कों पर लोग पैदल तक नही चल पाते।
बताते चले कि इन पथरीली सड़को पर हर किसी ग्रामीण या फिर स्कूल तक के बच्चो को अपने घर से सकूल तक पहुंचने के लिए 2 से 3 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। तब कहीं जाकर वह लोग अपने घरों तक पहुंच पाते है।
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अगर बात करे चुराह विधानसभा की सनवाल पंचायत के कंडोलू व मलून गांव की तो यहां के रास्ते की हालत इतनी खस्ता है कि यहां पर आना जाना काफी मुश्किल है। खासकर रात के समय इस पैदल मार्ग पर पूरी तरह से गिरने का खतरा रहता है। एक तरफ पत्थर और दूसरी तरफ सड़क में फैला कीचड़।
लोगों की माने तो उनका कहना है कि गांव में यहां पर इतना पैसा खर्च किए जाने और तीन-तीन बार इस सड़क को बनाए जाने के बावजूद भी अगर धरातल पर देखा जाए तो हालत बहुत ही खराब है। इस बात के लिए अब सरकार व विभाग को भी दोषी नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि सड़क बनाने के लिए तो लाखों रुपए का बजट मुहैया करवा दिया गया था लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा धरातल में इस तरह का कार्य किया गया है। इसे भ्रष्टाचार नहीं तो और क्या कहें।
हालांकि विभाग व सरकार की यहां यह भी गलती है कि लोगों द्वारा शिकायत करने पर उनकी कोई जांच भी नहीं की जाती है। यही वजह है कि पंचायत प्रतिनिधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि पैसा खर्च करने के बावजूद भी वहां पर कार्य नहीं किया जाता है। नाम मात्र कार्य ही किया जाता है जिसकी वजह से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में जो पैदल सड़क बनी है उसकी हालत बहुत ही खस्ता है। उन्होंने कहा कि इस मार्ग को दो तीन बार बनाया गया है लेकिन इसकी हालत ठीक नहीं हुई। उन्होंने कहा कि खर्चा तो यहां बहुत किया जाता है लेकिन सड़क ठीक नहीं हो पाती है। उन्होंने विभाग से आग्रह किया है कि इस सड़क को ठीक तरह से बनाया जाए ताकि लोगों को आने जाने में कोई परेशानी न रहे।
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