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चम्बा ! हाल ही में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र शेखावत ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी साँझा की जिसमें केंद्र द्वारा स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट स्कीम के तहत 23 राज्यों को 3296 करोड़ रुपये की राशि का विस्तृत विवरण है। इस सूची में हिमाचल प्रदेश का नाम न होने पर आम आदमी पार्टी प्रदेश प्रवक्ता मनीष सरीन ने राज्य सरकार, विपक्ष व हिमाचल प्रदेश के सांसदों पर हमला बोला है। मनीष ने कहा की प्रदेश की ऐसी अनदेखी पर प्रदेश सरकार व विपक्ष की चुप्पी हैरान करने वाली है। प्रदेश के चारों लोकसभा सांसद भाजपा के हैं परन्तु फिर भी प्रदेश के अधिकारों के साथ खिलवाड़ इन सांसदों की अक्षमता को दर्शाता है। पूर्वकथित स्कीम के तहत हिमाचल के पडोसी पंजाब व उत्तराखंड भी सूची का हिस्सा हैं लेकिन केंद्र द्वारा हिमाचल प्रदेश की पर्यटन परियोजनाओं को अनदेखा करना दुखद है। मनीष ने कहा की हिमाचल प्रदेश एक पर्यटन प्रधान प्रदेश है व कोरोना काल में पर्यटन उद्योग को हुई क्षति से अभी तक उभरने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट स्कीम की सूची में हिमाचल प्रदेश के नाम का न होना प्रदेश के पर्यटन उद्योग को एक बड़ा झटका है। मनीष ने कहा की केंद्र द्वारा हर क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश के साथ किये सौतेले व्यवहार के लिए प्रदेश का कमज़ोर नेतृत्व ज़िम्मेदार है।
चम्बा ! हाल ही में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र शेखावत ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी साँझा की जिसमें केंद्र द्वारा स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट स्कीम के तहत 23 राज्यों को 3296 करोड़ रुपये की राशि का विस्तृत विवरण है।
इस सूची में हिमाचल प्रदेश का नाम न होने पर आम आदमी पार्टी प्रदेश प्रवक्ता मनीष सरीन ने राज्य सरकार, विपक्ष व हिमाचल प्रदेश के सांसदों पर हमला बोला है। मनीष ने कहा की प्रदेश की ऐसी अनदेखी पर प्रदेश सरकार व विपक्ष की चुप्पी हैरान करने वाली है। प्रदेश के चारों लोकसभा सांसद भाजपा के हैं परन्तु फिर भी प्रदेश के अधिकारों के साथ खिलवाड़ इन सांसदों की अक्षमता को दर्शाता है।
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पूर्वकथित स्कीम के तहत हिमाचल के पडोसी पंजाब व उत्तराखंड भी सूची का हिस्सा हैं लेकिन केंद्र द्वारा हिमाचल प्रदेश की पर्यटन परियोजनाओं को अनदेखा करना दुखद है। मनीष ने कहा की हिमाचल प्रदेश एक पर्यटन प्रधान प्रदेश है व कोरोना काल में पर्यटन उद्योग को हुई क्षति से अभी तक उभरने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में स्पेशल असिस्टेंट टू स्टेट्स फॉर कैपिटल इन्वेस्टमेंट स्कीम की सूची में हिमाचल प्रदेश के नाम का न होना प्रदेश के पर्यटन उद्योग को एक बड़ा झटका है।
मनीष ने कहा की केंद्र द्वारा हर क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश के साथ किये सौतेले व्यवहार के लिए प्रदेश का कमज़ोर नेतृत्व ज़िम्मेदार है।
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