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चम्बा ! आज राजकीय महाविद्यालय चम्बा की राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर "सहयोग 2024" का शुभारंभ किया गया। इस सात दिवसीय विशेष शिविर का थीम *यूथ फॉर माय भारत, यूथ फॉर डिजिटल लिटरेसी* रहेगा । शुभारंभ समारोह में महाविद्यालय के इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष एवं सह प्रोफेसर इतिहास प्रोफेसर परविंदर कुमार ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की । उक्त जानकारी देते हुए कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर अविनाश ने कहा कि सर्वप्रथम कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर अविनाश व प्रोफेसर संतोष द्वारा मुख्यातिथि व विशिष्ट अतिथियों को बैज लगाकर सम्मानित किया गया। इसके उपरांत प्रोफेसर अविनाश द्वारा मुख्यातिथि व सभी अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया गया। प्रोफेसर अविनाश ने कहा कि यह शिविर सात दिनों तक चलेगा व सात जनवरी को शिविर का समापन होगा । प्रोफेसर अविनाश व प्रोफेसर संतोष ने अपने सम्बोधन में एन एस एस का इतिहास, लक्ष्य, ध्येय, गीत, राष्ट्रनिर्माण में योगदान विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान को बेहतरीन मौका बताते हुए पूरी निष्ठा से कार्य करने का आह्वान स्वयंसेवियों से किया । अपने सम्बोधन में मुख्यातिथि प्रोफेसर परविंदर कुमार ने कहा कि राष्ट्र की सेवा व समाज की सेवा ही सही स्वयंसेविपन है । उन्होंने कहा कि समुदाय की सेवा के साथ ही व्यकितत्व एवम चरित्र निर्माण होता है । निःस्वार्थ एवम निष्काम समुदाय सेवा ही राष्ट्रीय सेवा योजना का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। कार्य करने में आनन्द की अनुभूति होनी चाहिए । कार्य संस्कृति में हाथ के काम को बुरा माना जाता है । व्यक्तित्व विकास के बिना जीवन में सफलता मुश्किल है । जीवन में कार्य करने की आदत होनी चाहिए । सभी लोग अपने घर से शुरू करें, गांव से होते हुए देश सेवा तक ले कर जाएं । विषम परिस्थितियों में कार्य करने के लिए अपने आप को सशक्त बनाएं। उन्होंने जिम्मेवार नागरिक के नैतिक मूल्यों, राष्ट्र निर्माण के किसी भी रूप में योगदान देने को बात कही । उन्होंने राजकीय महाविद्यालय चम्बा के एन एस एस स्वयंसेवियों के कार्यों की सराहना की । अकादमिक सत्र के दौरान प्राणी विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मनेश वर्मा ने स्त्रोत व्यक्ति के रूप में शिरकत की। उन्होंने आपसी सामंजस्य, सहयोग, समर्थन, नेतृत्व, नेतृत्व क्षमता के महत्व को दर्शाते हुए कुछ गतिविधियों का आयोजन करवाया। इसके इलावा उन्होंने साधारण स्वास्थ्य, किशोर स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, किताबों का जीवन में महत्व, सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास, महिला स्वास्थ सबंधित विचार रखे तथा स्वयंसेवियों से गतिविधियां करवाईं। उन्होंने स्वयंसेवियों के प्रश्नों का हर सम्भव उत्तर देकर निवारण भी किया। इसके उपरांत मुख्यातिथि व विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रोफेसर पी सी आर नेगी, डॉ मनेश वर्मा, डॉ पवन कुमार, डॉ संतोष कुमार, डॉ सुनील शर्मा, अधीक्षक ग्रेड 1 मनमोहन सिंह, व कार्यक्रम अधिकारियों में प्रोफेसर अविनाश, प्रोफेसर संतोष, रविंद्र सिंह, हितेश सलवानिया व स्वयंसेवियों में कुलदीप, सूजल, वर्षा जरयाल, पिंकू, चुना, अक्षिता, आरती, शालू, जितेंद्र, विशाल, अश्विन, अभिषेक, नीरज, अखिल, निखिल गौतम, दिशा, स्नेहा, मनु, लतू, प्रिया शर्मा, ज्योति, सुनीता, अंजली इत्यादि उपस्थित रहे ।
चम्बा ! आज राजकीय महाविद्यालय चम्बा की राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर "सहयोग 2024" का शुभारंभ किया गया। इस सात दिवसीय विशेष शिविर का थीम *यूथ फॉर माय भारत, यूथ फॉर डिजिटल लिटरेसी* रहेगा । शुभारंभ समारोह में महाविद्यालय के इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष एवं सह प्रोफेसर इतिहास प्रोफेसर परविंदर कुमार ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की । उक्त जानकारी देते हुए कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर अविनाश ने कहा कि सर्वप्रथम कार्यक्रम अधिकारी प्रोफेसर अविनाश व प्रोफेसर संतोष द्वारा मुख्यातिथि व विशिष्ट अतिथियों को बैज लगाकर सम्मानित किया गया। इसके उपरांत प्रोफेसर अविनाश द्वारा मुख्यातिथि व सभी अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया गया। प्रोफेसर अविनाश ने कहा कि यह शिविर सात दिनों तक चलेगा व सात जनवरी को शिविर का समापन होगा ।
प्रोफेसर अविनाश व प्रोफेसर संतोष ने अपने सम्बोधन में एन एस एस का इतिहास, लक्ष्य, ध्येय, गीत, राष्ट्रनिर्माण में योगदान विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान को बेहतरीन मौका बताते हुए पूरी निष्ठा से कार्य करने का आह्वान स्वयंसेवियों से किया ।
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अपने सम्बोधन में मुख्यातिथि प्रोफेसर परविंदर कुमार ने कहा कि राष्ट्र की सेवा व समाज की सेवा ही सही स्वयंसेविपन है । उन्होंने कहा कि समुदाय की सेवा के साथ ही व्यकितत्व एवम चरित्र निर्माण होता है । निःस्वार्थ एवम निष्काम समुदाय सेवा ही राष्ट्रीय सेवा योजना का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। कार्य करने में आनन्द की अनुभूति होनी चाहिए । कार्य संस्कृति में हाथ के काम को बुरा माना जाता है । व्यक्तित्व विकास के बिना जीवन में सफलता मुश्किल है । जीवन में कार्य करने की आदत होनी चाहिए । सभी लोग अपने घर से शुरू करें, गांव से होते हुए देश सेवा तक ले कर जाएं । विषम परिस्थितियों में कार्य करने के लिए अपने आप को सशक्त बनाएं। उन्होंने जिम्मेवार नागरिक के नैतिक मूल्यों, राष्ट्र निर्माण के किसी भी रूप में योगदान देने को बात कही । उन्होंने राजकीय महाविद्यालय चम्बा के एन एस एस स्वयंसेवियों के कार्यों की सराहना की ।
अकादमिक सत्र के दौरान प्राणी विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मनेश वर्मा ने स्त्रोत व्यक्ति के रूप में शिरकत की। उन्होंने आपसी सामंजस्य, सहयोग, समर्थन, नेतृत्व, नेतृत्व क्षमता के महत्व को दर्शाते हुए कुछ गतिविधियों का आयोजन करवाया। इसके इलावा उन्होंने साधारण स्वास्थ्य, किशोर स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, किताबों का जीवन में महत्व, सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास, महिला स्वास्थ सबंधित विचार रखे तथा स्वयंसेवियों से गतिविधियां करवाईं। उन्होंने स्वयंसेवियों के प्रश्नों का हर सम्भव उत्तर देकर निवारण भी किया।
इसके उपरांत मुख्यातिथि व विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर प्रोफेसर पी सी आर नेगी, डॉ मनेश वर्मा, डॉ पवन कुमार, डॉ संतोष कुमार, डॉ सुनील शर्मा, अधीक्षक ग्रेड 1 मनमोहन सिंह, व कार्यक्रम अधिकारियों में प्रोफेसर अविनाश, प्रोफेसर संतोष, रविंद्र सिंह, हितेश सलवानिया व स्वयंसेवियों में कुलदीप, सूजल, वर्षा जरयाल, पिंकू, चुना, अक्षिता, आरती, शालू, जितेंद्र, विशाल, अश्विन, अभिषेक, नीरज, अखिल, निखिल गौतम, दिशा, स्नेहा, मनु, लतू, प्रिया शर्मा, ज्योति, सुनीता, अंजली इत्यादि उपस्थित रहे ।
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