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चम्बा , 16 अगस्त [ शिवानी ] ! जल शक्ति विभाग मंडल तीसा के तहत गुनु घराट पेयजल योजना का कार्य इन दिनों काफी प्रगति पर लगा हुआ है। इस योजना से एक तरफ जहां 18500 की आबादी को पानी की सुविधा मिलेगी। वहीं इस योजना से वन संपदा को लाखों रुपए का नुकसान हो चुका है। न जाने क्यों वन विभाग मूकदर्शक बना हुआ है। जानकारी के लिए बता दें कि ग्राम पंचायत मसरूण्ड के तहत गुनु घराट पेयजल योजना का कार्य काफी प्रगति पर लगा हुआ है। जिस स्थान पर इस योजना के वाटर फिल्टर टैंक बनाए गए हैं। वहां पर अवैध तरीके से खनन किया जा रहा है और अवैध तरीके से सारा मलबा बैरा सीयूल नदी में फेंका जा रहा है। जिससे बैरा सीयूल नदी प्रदूषित हो रही है। जाहिर सी बात है कि एक तरफ जहां कंपनी को 26 करोड़ का कार्य विभाग की ओर से सोपा गया है। वहीं कंपनी सारे कानून को तहस-नहस करके अपनी मनमर्जी से हर जगह मलबा फेंक रही है। जिससे कि सपडाह गांव के लोगों की उपजाऊ जमीनें भी पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। जाहिर सी बात है कि कंपनी को कानून नाम से डर नहीं है ना ही वन संपदा को नुकसान पहुंचाने से डर है। इस मामले में कहीं ना कहीं वन विभाग पर सवाल जरूर उठता है कि आखिर इतना नुकसान होने के बाद भी वन विभाग द्वारा कोई कार्रवाई अमल में क्यों नहीं लाई गई। वहीं दूसरी और वन परिक्षेत्र अधिकारी मसरूण्ड कबीरचंद नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि अवैध तरीके से डंपिंग की जा रही है। और बहुत जल्द निशानदही करवाई जाएगी और वन विभाग कंपनी के ऊपर सख्त कार्रवाई अमल में लेगा।
चम्बा , 16 अगस्त [ शिवानी ] ! जल शक्ति विभाग मंडल तीसा के तहत गुनु घराट पेयजल योजना का कार्य इन दिनों काफी प्रगति पर लगा हुआ है। इस योजना से एक तरफ जहां 18500 की आबादी को पानी की सुविधा मिलेगी। वहीं इस योजना से वन संपदा को लाखों रुपए का नुकसान हो चुका है। न जाने क्यों वन विभाग मूकदर्शक बना हुआ है।
जानकारी के लिए बता दें कि ग्राम पंचायत मसरूण्ड के तहत गुनु घराट पेयजल योजना का कार्य काफी प्रगति पर लगा हुआ है। जिस स्थान पर इस योजना के वाटर फिल्टर टैंक बनाए गए हैं। वहां पर अवैध तरीके से खनन किया जा रहा है और अवैध तरीके से सारा मलबा बैरा सीयूल नदी में फेंका जा रहा है। जिससे बैरा सीयूल नदी प्रदूषित हो रही है।
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जाहिर सी बात है कि एक तरफ जहां कंपनी को 26 करोड़ का कार्य विभाग की ओर से सोपा गया है। वहीं कंपनी सारे कानून को तहस-नहस करके अपनी मनमर्जी से हर जगह मलबा फेंक रही है। जिससे कि सपडाह गांव के लोगों की उपजाऊ जमीनें भी पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है।
जाहिर सी बात है कि कंपनी को कानून नाम से डर नहीं है ना ही वन संपदा को नुकसान पहुंचाने से डर है। इस मामले में कहीं ना कहीं वन विभाग पर सवाल जरूर उठता है कि आखिर इतना नुकसान होने के बाद भी वन विभाग द्वारा कोई कार्रवाई अमल में क्यों नहीं लाई गई।
वहीं दूसरी और वन परिक्षेत्र अधिकारी मसरूण्ड कबीरचंद नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि अवैध तरीके से डंपिंग की जा रही है। और बहुत जल्द निशानदही करवाई जाएगी और वन विभाग कंपनी के ऊपर सख्त कार्रवाई अमल में लेगा।
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