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चम्बा , 05 सितंबर [ शिवानी ] ! वर्तमान खरीफ मौसम में जिला चम्बा में मक्की व धान की पैदावार कितनी होगी इसका आंकलन करने के लिए पिछले दो दिनों में राजस्व अधिकारियों व कृषि अधिकारियों के लिए कृषि विभाग द्वारा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। उप कृषि निदेशक डॉ. कुलदीप धीमान ने बताया कि 80 प्रतिशत क्षेत्र में पैदावार का आंकलन राजस्व अधिकारियों द्वारा तथा 20 प्रतिशत क्षेत्र में पैदावार का आंकलन कृषि अधिकारियों द्वारा किया जाता है। इस बार जिला चम्बा में मक्की और धान की फसल की पैदावार के आंकलन के लिए कुल 318 क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स किये जायेंगे। जिसमे से 264 क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स करने का लक्ष्य राजस्व विभाग विभाग के अधिकारियों व 54 क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स करने का लक्ष्य कृषि विभाग के अधिकारियों को दिया गया है। डॉ कुलदीप धीमान ने बताया कि हर फसल की कटाई से पहले सभी अधिकारियों को "क्रॉप कटिंग" करने के तरीके तथा इसके बाद फसल की पैदावार के आंकलन की जानकारी दी जाती है। उन्होंने बताया कि किसी भी फसल की पैदावार का आंकलन करने के लिए किसानों के खेतों के खसरा नम्बरों का चयन एक तकनीक से पहले ही कर लिया जाता है। उन्होंने इस बार फसल पैदावार के आंकलन के लिए सभी क्रॉप कटिंग के कार्य व इसके परिणाम मोबाइल एप में दर्ज किये जायेंगे । उन्होंने कहा की फसल की पैदावार का सही आंकलन करना एक महत्वपूरण कार्य है। क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स द्वारा किये गए फसल की पैदावार के आंकलन के आधार पर आगामी वर्षों में पैदावार व गुणवत्ता बढ़ाने के लिए योजनाएं बनाई जाती है। इसी आधार पर किसानों को प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना का लाभ दिया जाता है। इसी आधार पर पूरे देश में आयात, निर्यात, भंडारण व परिवहन से संबंधित नीति का निर्धारण किया जाता है । डॉ धीमान ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रशिक्षण कार्य कृषि निदेशालय से नामित तकनीकी सहायक, संदेसा देवी तथा भारत सरकार से नामित वरिष्ठ सांख्यकी अधिकारी विनोद कुमार द्वारा दिया गया।
चम्बा , 05 सितंबर [ शिवानी ] ! वर्तमान खरीफ मौसम में जिला चम्बा में मक्की व धान की पैदावार कितनी होगी इसका आंकलन करने के लिए पिछले दो दिनों में राजस्व अधिकारियों व कृषि अधिकारियों के लिए कृषि विभाग द्वारा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।
उप कृषि निदेशक डॉ. कुलदीप धीमान ने बताया कि 80 प्रतिशत क्षेत्र में पैदावार का आंकलन राजस्व अधिकारियों द्वारा तथा 20 प्रतिशत क्षेत्र में पैदावार का आंकलन कृषि अधिकारियों द्वारा किया जाता है।
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इस बार जिला चम्बा में मक्की और धान की फसल की पैदावार के आंकलन के लिए कुल 318 क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स किये जायेंगे। जिसमे से 264 क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स करने का लक्ष्य राजस्व विभाग विभाग के अधिकारियों व 54 क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स करने का लक्ष्य कृषि विभाग के अधिकारियों को दिया गया है।
डॉ कुलदीप धीमान ने बताया कि हर फसल की कटाई से पहले सभी अधिकारियों को "क्रॉप कटिंग" करने के तरीके तथा इसके बाद फसल की पैदावार के आंकलन की जानकारी दी जाती है। उन्होंने बताया कि किसी भी फसल की पैदावार का आंकलन करने के लिए किसानों के खेतों के खसरा नम्बरों का चयन एक तकनीक से पहले ही कर लिया जाता है। उन्होंने इस बार फसल पैदावार के आंकलन के लिए सभी क्रॉप कटिंग के कार्य व इसके परिणाम मोबाइल एप में दर्ज किये जायेंगे ।
उन्होंने कहा की फसल की पैदावार का सही आंकलन करना एक महत्वपूरण कार्य है। क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट्स द्वारा किये गए फसल की पैदावार के आंकलन के आधार पर आगामी वर्षों में पैदावार व गुणवत्ता बढ़ाने के लिए योजनाएं बनाई जाती है। इसी आधार पर किसानों को प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना का लाभ दिया जाता है।
इसी आधार पर पूरे देश में आयात, निर्यात, भंडारण व परिवहन से संबंधित नीति का निर्धारण किया जाता है । डॉ धीमान ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रशिक्षण कार्य कृषि निदेशालय से नामित तकनीकी सहायक, संदेसा देवी तथा भारत सरकार से नामित वरिष्ठ सांख्यकी अधिकारी विनोद कुमार द्वारा दिया गया।
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