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चम्बा ! जिला चंबा के किसानों द्वारा प्राकृतिक खेती से उगाई गई मक्खी हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 रुपए प्रति किलो की दर से खरीद प्रक्रिया 18 नवंबर को बालू में आरंभ हो गई, जिसका विधिवत शुभारंभ उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि खेती में रासायनिक खाद और जहरीले कीटनाशकों के अत्यधिक इस्तेमाल से कई दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं जिसको देखते हुए प्रदेश सरकार बड़े पैमाने पर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती में रासायनिक खाद व जहरीले कीटनाशकों का इस्तेमाल वर्जित है तथा प्राकृतिक विधि से तैयार फसलें न केवल सेहत के लिए सुरक्षित एवं पौष्टिक हैं वहीं इससे इससे पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती द्वारा तैयार गेहूं और मक्की के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है तथा प्रदेश के किसान इस विधि को अपनाकर अपनी आय में अच्छी बढ़ोतरी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि जिला चंबा में महिलाएं पुरुषों की तुलना काफी ज्यादा संख्या में कृषि को व्यवसाय के रूप में अपना रही हैं तथा अपने परिवार सहित जिला की आर्थिकी को मजबूती प्रदान कर रही हैं। उपायुक्त ने प्राकृतिक खेती से जुड़े किसानों का आह्वान किया कि वे अपने आसपास के क्षेत्रों में अन्य किसानों को भी प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करें। मुकेश रेपसवाल ने कृषि, बागवानी तथा आत्मा परियोजना से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किसानों को प्राकृतिक खेती के साथ-साथ फसल विविधीकरण के लिए अधिक से अधिक जागरूक व प्रशिक्षित करें ताकि जिला के अधिक से अधिक लोग कृषि व बागवानी को व्यवसाय के रूप में अपना सकें। इससे पूर्व मुख्य अतिथि का विधिवत स्वागत करने के उपरांत आत्मा परियोजना के उप परियोजना निदेशक डॉ ओम प्रकाश अहीर ने बताया कि चंबा जिला के विभिन्न विकास खंडों में पांच खरीद केंद्रों में 324 किसानों से इस वर्ष 78.65 मीट्रिक टन मक्की की खरीद की जा रही है। डॉक्टर अहीर ने बताया कि चंबा में 71 किसानों से 48.65 मेट्रिक टन, तीसा में 165 किसानों से 19 टन, भरमौर में 20 किसानों से एक मीट्रिक टन, चुवाड़ी में 38 किसानों से 7 मीट्रिक टन तथा बनीखेत में 30 किसानों से 3 मीट्रिक टन प्राकृतिक खेती से तैयार की गई मक्की की खरीद की जा रही है। डॉक्टर अहीर ने जानकारी दी की जिला चंबा की समस्त 309 ग्राम पंचायत में 2575 हेक्टेयर भूमि पर 15800 किसानों द्वारा प्राकृतिक विधि से कृषि व बागवानी की जा रही है इनमें से 14088 किसानों-बागवानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि जिला के किसान प्राकृतिक विधि द्वारा अनाज, सब्जियां तथा फलों का बड़े स्तर पर उत्पादन कर रहे हैं। कार्यक्रम में जिला चंबा के विभिन्न हिस्सों के प्राकृतिक खेती से जुड़े किसानों ने सरकार द्वारा प्राकृतिक विधि से तैयार की गई मक्की व गेहूं की खरीद के लिए दिए जा रहे न्यूनतम समर्थन मूल्य की सराहना की तथा प्राकृतिक कृषि व बागवानी के क्षेत्र में अपने-अपने अनुभव सांझा किए।
चम्बा ! जिला चंबा के किसानों द्वारा प्राकृतिक खेती से उगाई गई मक्खी हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 रुपए प्रति किलो की दर से खरीद प्रक्रिया 18 नवंबर को बालू में आरंभ हो गई, जिसका विधिवत शुभारंभ उपायुक्त मुकेश रेपसवाल ने किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि खेती में रासायनिक खाद और जहरीले कीटनाशकों के अत्यधिक इस्तेमाल से कई दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं जिसको देखते हुए प्रदेश सरकार बड़े पैमाने पर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती में रासायनिक खाद व जहरीले कीटनाशकों का इस्तेमाल वर्जित है तथा प्राकृतिक विधि से तैयार फसलें न केवल सेहत के लिए सुरक्षित एवं पौष्टिक हैं वहीं इससे इससे पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती द्वारा तैयार गेहूं और मक्की के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है तथा प्रदेश के किसान इस विधि को अपनाकर अपनी आय में अच्छी बढ़ोतरी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि जिला चंबा में महिलाएं पुरुषों की तुलना काफी ज्यादा संख्या में कृषि को व्यवसाय के रूप में अपना रही हैं तथा अपने परिवार सहित जिला की आर्थिकी को मजबूती प्रदान कर रही हैं। उपायुक्त ने प्राकृतिक खेती से जुड़े किसानों का आह्वान किया कि वे अपने आसपास के क्षेत्रों में अन्य किसानों को भी प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करें। मुकेश रेपसवाल ने कृषि, बागवानी तथा आत्मा परियोजना से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे किसानों को प्राकृतिक खेती के साथ-साथ फसल विविधीकरण के लिए अधिक से अधिक जागरूक व प्रशिक्षित करें ताकि जिला के अधिक से अधिक लोग कृषि व बागवानी को व्यवसाय के रूप में अपना सकें।
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इससे पूर्व मुख्य अतिथि का विधिवत स्वागत करने के उपरांत आत्मा परियोजना के उप परियोजना निदेशक डॉ ओम प्रकाश अहीर ने बताया कि चंबा जिला के विभिन्न विकास खंडों में पांच खरीद केंद्रों में 324 किसानों से इस वर्ष 78.65 मीट्रिक टन मक्की की खरीद की जा रही है। डॉक्टर अहीर ने बताया कि चंबा में 71 किसानों से 48.65 मेट्रिक टन, तीसा में 165 किसानों से 19 टन, भरमौर में 20 किसानों से एक मीट्रिक टन, चुवाड़ी में 38 किसानों से 7 मीट्रिक टन तथा बनीखेत में 30 किसानों से 3 मीट्रिक टन प्राकृतिक खेती से तैयार की गई मक्की की खरीद की जा रही है। डॉक्टर अहीर ने जानकारी दी की जिला चंबा की समस्त 309 ग्राम पंचायत में 2575 हेक्टेयर भूमि पर 15800 किसानों द्वारा प्राकृतिक विधि से कृषि व बागवानी की जा रही है इनमें से 14088 किसानों-बागवानों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि जिला के किसान प्राकृतिक विधि द्वारा अनाज, सब्जियां तथा फलों का बड़े स्तर पर उत्पादन कर रहे हैं।
कार्यक्रम में जिला चंबा के विभिन्न हिस्सों के प्राकृतिक खेती से जुड़े किसानों ने सरकार द्वारा प्राकृतिक विधि से तैयार की गई मक्की व गेहूं की खरीद के लिए दिए जा रहे न्यूनतम समर्थन मूल्य की सराहना की तथा प्राकृतिक कृषि व बागवानी के क्षेत्र में अपने-अपने अनुभव सांझा किए।
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