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चम्बा , 17 मार्च [ सलीम खान ] ! चम्बा जिला के विधानसभा क्षेत्र चुराह की सनवाल पंचायत में सेब के पौधों की खरीद में वहां के ही पंचायत प्रतिनिधियों व स्थानीय ग्रामीणों ने पंचायत पर धांधली का आरोप लगाया है। उनकी माने तो चुराह की सनवाल पंचायत में करीब 1 करोड़ 20 लाख के सेब के पौधों की खरीद में धांधली हुई है। हालांकि पंचायत द्वारा इस कार्य को महात्मा गांधी नेशनल रूरल एंप्लॉयमेंट गारंटी एक्ट के तहत करवाया गया साथ ही लोगों के इसमें मस्टरोल भरे गए थे जिस में भी धांधली की शिकायत की गई है। सनवाल पंचायत के लोगों ने सेब के पौधों को लगाने के नाम पर धांधली की शिकायत मुख्य सचिव भारत सरकार से भी की है। इसी को लेकर प्रशासन द्वारा एक जाँच टीम का गठन किया गया है और उन्हें इसकी जांच प्रक्रिया के लिए सनवाल पंचायत भेजा गया गया है। दरअसल सनवाल पंचायत में पंचायत द्वारा वहां की नर्सरी के लिए उद्यान विभाग से 40,000 से अधिक के सेब के पौधे खरीदे गए जबकि वहां की नर्सरी पर उन पौधों को लगाने की प्राप्त जगह ही उपलब्ध नहीं थी। इसी को लेकर वहां के कुछ पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की थी जिसकी अब जांच शुरू हो चुकी है और जल्द ही इसकी रिपोर्ट प्रशासन के पास पहुंच जाएगी। ग्रामीणों ने इसी कार्य की रिपोर्ट विभाग से आरटीआई के माध्यम से भी मांगी है ताकि उन्हें इसकी पूर्ण जानकारी मिल पाए। जैसे ही मिडिया की टीम ग्राउंड पर जांच कमेटी द्वारा की जा रही जांच के दौरान वहां पहुंची तो जांच कमेटी भी पूरी तरह से सतर्क हो गई। गड़बड़ी करने वाले लोगों ने हेराफेरी को जांच टीम से छुपाने के लिए सेब के पौधों के लिए जमीन में गड्ढे करना भी शुरू कर दिए। जिसका वीडियो भी वहां पर ग्रामीणों ने वायरल कर दिया। अब देखना यह होगा कि विभाग द्वारा बनाई गई जांच कमेटी कितनी निष्पक्षता से इस कार्य की जांच को पूरा करती है और अगर कोई इसमें दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है यह देखने वाली बात जरूर होगी। सनवाल पंचायत के ग्रामीणों व यहां के कुछ पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया की पंचायत में 1 करोड़ 20 लाख के सेब के पौधों की खरीद में धांधली हुई है। उन्होंने कहा कि सनवाल पंचायत में एक करोड़ 20 लाख की लागत से करीब 48000 सेब के पौधे खरीदे थे और जिस नर्सरी के लिए पौधे खरीदे गए हैं। उस नर्सरी की क्षमता इससे आधी भी नहीं है साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि बिना गुणवत्ता जांचे विभागीय जांच परख से यह पौधे खरीदे गए हैं। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी जान की गई थी लेकिन उसमें भी अधिकारियों की मिलीभगत नजर आ रही थी बाद में पंचायत प्रतिनिधियों को नोटिस देने पर उन्हें मजबूरन दोबारा से जांच करनी पड़ी है और इस जांच से बचने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपनाये जा रहे हैं। उन्होंने यह मांग की है कि इस धांधली की निष्पक्ष जांच की जाए और जो भी इस हेराफेरी में शामिल है उसके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। जाँच कमेटी के पहुंचने पर जब वहां पर सेब के पौधे लगाने के लिए रातों रात गढ़े किए जा रहे तो इसके बारे में जब वहां के पंचायत सेक्रेटरी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह जो भी कार्य हो रहा है उन्हें इस कार्य के कोई जानकारी नहीं है। हालांकि उसे जब कार्य के मस्टरोल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए कोई भी मस्टरोल नहीं दिए गए हैं लेकिन इसकी जांच की जाएगी की यह कार्य कौन करवा रहे हैं और किस तहत एक कार्य हो रहा है। वही उद्यान विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजीब चंद्रा ने बताया कि सही बात है कि सेबों की खरीद-फरोख्त में सनवाल पंचायत में एक शिकायत की गई थी और उपायुक्त चम्बा द्वारा एक जांच कमेटी गठित की गई है जिसमें उद्यान विभाग को भी सदस्य बनाया गया है। उपायुक्त के आदेश में सामूहिक जांच के आदेश दिए गए जो एसडीएम तीसा की अध्यक्षता में होगी। उन्होंने कहा कि जो भी टेक्निकली विषय उद्यान विभाग से विषय रहेगा उसके लिए उन्होंने अपने एक अधिकारी को नियुक्त किया है और ज्वाइट इंस्पेक्शन के बाद ही पता चल पाएगा कि सही मायने में वास्तविक स्थिति क्या है। उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग के पास खुद की नर्सरी होती है और अगर वहां कुछ कमी पड़ जाए तो कुछ निजी लोगों को भी नर्सरी के लिए रजिस्ट्रेस्शन की गई है फिर उसी के तहत करीब पूरे जिला में 22 निजी तौर पर रजिस्ट्रेस्शन की गई है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा , 17 मार्च [ सलीम खान ] ! चम्बा जिला के विधानसभा क्षेत्र चुराह की सनवाल पंचायत में सेब के पौधों की खरीद में वहां के ही पंचायत प्रतिनिधियों व स्थानीय ग्रामीणों ने पंचायत पर धांधली का आरोप लगाया है। उनकी माने तो चुराह की सनवाल पंचायत में करीब 1 करोड़ 20 लाख के सेब के पौधों की खरीद में धांधली हुई है।
हालांकि पंचायत द्वारा इस कार्य को महात्मा गांधी नेशनल रूरल एंप्लॉयमेंट गारंटी एक्ट के तहत करवाया गया साथ ही लोगों के इसमें मस्टरोल भरे गए थे जिस में भी धांधली की शिकायत की गई है।
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सनवाल पंचायत के लोगों ने सेब के पौधों को लगाने के नाम पर धांधली की शिकायत मुख्य सचिव भारत सरकार से भी की है। इसी को लेकर प्रशासन द्वारा एक जाँच टीम का गठन किया गया है और उन्हें इसकी जांच प्रक्रिया के लिए सनवाल पंचायत भेजा गया गया है।
दरअसल सनवाल पंचायत में पंचायत द्वारा वहां की नर्सरी के लिए उद्यान विभाग से 40,000 से अधिक के सेब के पौधे खरीदे गए जबकि वहां की नर्सरी पर उन पौधों को लगाने की प्राप्त जगह ही उपलब्ध नहीं थी। इसी को लेकर वहां के कुछ पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की थी जिसकी अब जांच शुरू हो चुकी है और जल्द ही इसकी रिपोर्ट प्रशासन के पास पहुंच जाएगी।
ग्रामीणों ने इसी कार्य की रिपोर्ट विभाग से आरटीआई के माध्यम से भी मांगी है ताकि उन्हें इसकी पूर्ण जानकारी मिल पाए। जैसे ही मिडिया की टीम ग्राउंड पर जांच कमेटी द्वारा की जा रही जांच के दौरान वहां पहुंची तो जांच कमेटी भी पूरी तरह से सतर्क हो गई। गड़बड़ी करने वाले लोगों ने हेराफेरी को जांच टीम से छुपाने के लिए सेब के पौधों के लिए जमीन में गड्ढे करना भी शुरू कर दिए। जिसका वीडियो भी वहां पर ग्रामीणों ने वायरल कर दिया।
अब देखना यह होगा कि विभाग द्वारा बनाई गई जांच कमेटी कितनी निष्पक्षता से इस कार्य की जांच को पूरा करती है और अगर कोई इसमें दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है यह देखने वाली बात जरूर होगी।
सनवाल पंचायत के ग्रामीणों व यहां के कुछ पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया की पंचायत में 1 करोड़ 20 लाख के सेब के पौधों की खरीद में धांधली हुई है। उन्होंने कहा कि सनवाल पंचायत में एक करोड़ 20 लाख की लागत से करीब 48000 सेब के पौधे खरीदे थे और जिस नर्सरी के लिए पौधे खरीदे गए हैं। उस नर्सरी की क्षमता इससे आधी भी नहीं है साथ ही उन्होंने आरोप लगाया है कि बिना गुणवत्ता जांचे विभागीय जांच परख से यह पौधे खरीदे गए हैं।
उन्होंने बताया कि इससे पहले भी जान की गई थी लेकिन उसमें भी अधिकारियों की मिलीभगत नजर आ रही थी बाद में पंचायत प्रतिनिधियों को नोटिस देने पर उन्हें मजबूरन दोबारा से जांच करनी पड़ी है और इस जांच से बचने के लिए अलग-अलग हथकंडे अपनाये जा रहे हैं।
उन्होंने यह मांग की है कि इस धांधली की निष्पक्ष जांच की जाए और जो भी इस हेराफेरी में शामिल है उसके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
जाँच कमेटी के पहुंचने पर जब वहां पर सेब के पौधे लगाने के लिए रातों रात गढ़े किए जा रहे तो इसके बारे में जब वहां के पंचायत सेक्रेटरी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह जो भी कार्य हो रहा है उन्हें इस कार्य के कोई जानकारी नहीं है।
हालांकि उसे जब कार्य के मस्टरोल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए कोई भी मस्टरोल नहीं दिए गए हैं लेकिन इसकी जांच की जाएगी की यह कार्य कौन करवा रहे हैं और किस तहत एक कार्य हो रहा है।
वही उद्यान विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजीब चंद्रा ने बताया कि सही बात है कि सेबों की खरीद-फरोख्त में सनवाल पंचायत में एक शिकायत की गई थी और उपायुक्त चम्बा द्वारा एक जांच कमेटी गठित की गई है जिसमें उद्यान विभाग को भी सदस्य बनाया गया है।
उपायुक्त के आदेश में सामूहिक जांच के आदेश दिए गए जो एसडीएम तीसा की अध्यक्षता में होगी। उन्होंने कहा कि जो भी टेक्निकली विषय उद्यान विभाग से विषय रहेगा उसके लिए उन्होंने अपने एक अधिकारी को नियुक्त किया है और ज्वाइट इंस्पेक्शन के बाद ही पता चल पाएगा कि सही मायने में वास्तविक स्थिति क्या है। उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग के पास खुद की नर्सरी होती है और अगर वहां कुछ कमी पड़ जाए तो कुछ निजी लोगों को भी नर्सरी के लिए रजिस्ट्रेस्शन की गई है फिर उसी के तहत करीब पूरे जिला में 22 निजी तौर पर रजिस्ट्रेस्शन की गई है।
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