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चम्बा , 19 अगस्त [ शिवानी ] ! रक्षा बंधन के सुअवसर पर चम्बा के ऐतिहासिक चौगान में आने वाले नवरात्रे के दशहरे पर बजरंग बली हनुमान जी द्वारा स्थापित ध्वज को भूमि में गाढ़े जाने की परंपरा अभी भी चली आ रही है। बताते चले कि प्रभु श्री राम जिनकी जन्म से लेकर उनके वनवास तक की भूमिका जिनको की अपने देश में श्री राम जी को अपना आदर्श मानते है उनकी लीलाओं का व्याख्यान इन्ही नवरात्रे में किया जाता है पर इससे पूर्व आज के रक्षा बंधन के पावन पर्व पर भगवान श्री राम जी के प्रिय भगत हनुमान जी की एक विशाल रैली निकाली जाती है जिसमे भारी संख्या में लोग इस झांखी में समलित होकर इस पावन पर्व को मानते हुए चंबा के ऐतिहासिक चौगान में इस पावन ध्वज को लगाया जाता है। आज भी इस मौके पर सैकड़ो की संख्या में चम्बा के प्रबुद्ध लोगों के युवा लोगों ने भी भगवान श्री राम और भगत हनुमान जी की रथ यात्रा और पालकी को अपना कंधा देकर अपने को भाग्य शाली बनाया। ये प्रथा सदियों से आज भी वैसे ही चली आ रही है जिसको की लोग बड़ी धूमधाम से मनाते है।
चम्बा , 19 अगस्त [ शिवानी ] ! रक्षा बंधन के सुअवसर पर चम्बा के ऐतिहासिक चौगान में आने वाले नवरात्रे के दशहरे पर बजरंग बली हनुमान जी द्वारा स्थापित ध्वज को भूमि में गाढ़े जाने की परंपरा अभी भी चली आ रही है।
बताते चले कि प्रभु श्री राम जिनकी जन्म से लेकर उनके वनवास तक की भूमिका जिनको की अपने देश में श्री राम जी को अपना आदर्श मानते है उनकी लीलाओं का व्याख्यान इन्ही नवरात्रे में किया जाता है पर इससे पूर्व आज के रक्षा बंधन के पावन पर्व पर भगवान श्री राम जी के प्रिय भगत हनुमान जी की एक विशाल रैली निकाली जाती है जिसमे भारी संख्या में लोग इस झांखी में समलित होकर इस पावन पर्व को मानते हुए चंबा के ऐतिहासिक चौगान में इस पावन ध्वज को लगाया जाता है।
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आज भी इस मौके पर सैकड़ो की संख्या में चम्बा के प्रबुद्ध लोगों के युवा लोगों ने भी भगवान श्री राम और भगत हनुमान जी की रथ यात्रा और पालकी को अपना कंधा देकर अपने को भाग्य शाली बनाया। ये प्रथा सदियों से आज भी वैसे ही चली आ रही है जिसको की लोग बड़ी धूमधाम से मनाते है।
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