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चम्बा ! वैश्विक आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रवि शंकर की ओर से शनिवार(21 दिसंबर) को विश्वभर के लोगों को ध्यान करवाया गया। गुरु ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित किए जाने के बाद एक ऐतिहासिक लाइव वैश्विक ध्यान का मार्गदर्शन किया। करोड़ों लोगों ने शीतकालीन संक्रांति के अवसर पर एक साथ ध्यान किया। गुरुदेव के इस कार्यक्रम से जिला चंबा के हजारों लोग भी आनलाइन माध्यम से जुड़े। शनिवार को दिन के समय जहां जिला मुख्यालय चंबा के अलावा जिला कारागार राजपुरा, प्राथमिक एवं माध्यमिक पाठशाला कलौता, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बरौर, कन्या विद्यालय चंबा, सीसे स्कूल सरोल, करियां, डीएवी हरदासपुर, राइजिंग स्टार स्कूल उदयपुर, गुरुकुल, भरमौर, पांगी, चुराह, डलहौजी, सलूणी, भटियात सहित अन्य क्षेत्रों में लोगों ने प्राणायाम व ध्यान किया। वहीं, शाम के समय गुरु श्रीश्री रवि शंकर की ओर से करवाए गए ध्यान का हिस्सा बने। आर्ट आफ लिविंग के जिला मीडिया प्रबंधक चंबा मनुज शर्मा ने बताया कि विश्वभर के लोगों के साथ मिलकर चंबा जिला के लोगों ने विभिन्न स्थानों पर ध्यान किया। इस दौरान गुरु की ओर से लोगों को ध्यान का महत्व भी बताया गया। साथ ही ध्यान को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने पर होने वाले लाभों से भी अवगत करवाया गया। मनुज शर्मा ने बताया कि यह दिन एक नई शुरुआत का प्रतीक है। यह ध्यान के अद्भुत और परिवर्तनकारी लाभों को वैश्विक स्तर पर स्वीकार किए जाने का दिन साबित हुआ है। ध्यान न केवल लोगों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, बल्कि यह समाज में शांति और एकता का संदेश भी देता है। विश्व ध्यान दिवस एक वार्षिक उत्सव बनने जा रहा है जो पूरी दुनिया को एकसूत्र में जुड़ने का अवसर प्रदान करेगा। आर्ट आफ लिविंग मुख्य प्रशिक्षक रतन, प्रशिक्षक समन्वयक हेमंत पुरी, डा. काजल, स्वयंसेवी आशीष, विशाल, सुमित, विशाल कामराय व अल्का ने भी ध्यान को लेकर लोगों का मार्गदर्शन किया। ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा विश्व ध्यान दिवस को सर्वसम्मति से स्वीकार किया जाना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो यह दर्शाता है कि ध्यान बढ़ते तनाव, हिंसा और समाज में विश्वास और संबंधों के क्षय जैसी आधुनिक जीवन की समस्याओं का समाधान प्रदान कर सकता है। गुरुदेव के मार्गदर्शन में पिछले 43 वर्षों में 180 देशों के करोड़ों लोग ध्यान से होने वाले अनन्य लाभों का अनुभव कर चुके हैं। गुरुदेव का मानना है कि ध्यान मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक संतुलन और सामाजिक सामंजस्य की दिशा में सबसे प्रभावी उपकरण है।मनुज शर्मा ने आर्ट आफ लिविंग की ओर से सभी को विश्व ध्यान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए इसे जीवन का अभिन्न अंग बनाने का आह्वान किया।
चम्बा ! वैश्विक आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रवि शंकर की ओर से शनिवार(21 दिसंबर) को विश्वभर के लोगों को ध्यान करवाया गया। गुरु ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित किए जाने के बाद एक ऐतिहासिक लाइव वैश्विक ध्यान का मार्गदर्शन किया। करोड़ों लोगों ने शीतकालीन संक्रांति के अवसर पर एक साथ ध्यान किया। गुरुदेव के इस कार्यक्रम से जिला चंबा के हजारों लोग भी आनलाइन माध्यम से जुड़े। शनिवार को दिन के समय जहां जिला मुख्यालय चंबा के अलावा जिला कारागार राजपुरा, प्राथमिक एवं माध्यमिक पाठशाला कलौता, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बरौर, कन्या विद्यालय चंबा, सीसे स्कूल सरोल, करियां, डीएवी हरदासपुर, राइजिंग स्टार स्कूल उदयपुर, गुरुकुल, भरमौर, पांगी, चुराह, डलहौजी, सलूणी, भटियात सहित अन्य क्षेत्रों में लोगों ने प्राणायाम व ध्यान किया।
वहीं, शाम के समय गुरु श्रीश्री रवि शंकर की ओर से करवाए गए ध्यान का हिस्सा बने। आर्ट आफ लिविंग के जिला मीडिया प्रबंधक चंबा मनुज शर्मा ने बताया कि विश्वभर के लोगों के साथ मिलकर चंबा जिला के लोगों ने विभिन्न स्थानों पर ध्यान किया। इस दौरान गुरु की ओर से लोगों को ध्यान का महत्व भी बताया गया। साथ ही ध्यान को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने पर होने वाले लाभों से भी अवगत करवाया गया। मनुज शर्मा ने बताया कि यह दिन एक नई शुरुआत का प्रतीक है। यह ध्यान के अद्भुत और परिवर्तनकारी लाभों को वैश्विक स्तर पर स्वीकार किए जाने का दिन साबित हुआ है। ध्यान न केवल लोगों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, बल्कि यह समाज में शांति और एकता का संदेश भी देता है। विश्व ध्यान दिवस एक वार्षिक उत्सव बनने जा रहा है जो पूरी दुनिया को एकसूत्र में जुड़ने का अवसर प्रदान करेगा। आर्ट आफ लिविंग मुख्य प्रशिक्षक रतन, प्रशिक्षक समन्वयक हेमंत पुरी, डा. काजल, स्वयंसेवी आशीष, विशाल, सुमित, विशाल कामराय व अल्का ने भी ध्यान को लेकर लोगों का मार्गदर्शन किया। ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा विश्व ध्यान दिवस को सर्वसम्मति से स्वीकार किया जाना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो यह दर्शाता है कि ध्यान बढ़ते तनाव, हिंसा और समाज में विश्वास और संबंधों के क्षय जैसी आधुनिक जीवन की समस्याओं का समाधान प्रदान कर सकता है।
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गुरुदेव के मार्गदर्शन में पिछले 43 वर्षों में 180 देशों के करोड़ों लोग ध्यान से होने वाले अनन्य लाभों का अनुभव कर चुके हैं। गुरुदेव का मानना है कि ध्यान मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक संतुलन और सामाजिक सामंजस्य की दिशा में सबसे प्रभावी उपकरण है।मनुज शर्मा ने आर्ट आफ लिविंग की ओर से सभी को विश्व ध्यान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए इसे जीवन का अभिन्न अंग बनाने का आह्वान किया।
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