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चम्बा ! शिमला जिले के ठियोग उपमंडल के कुमारसैन में एक दर्दनाक हादसे में सालवां का एक चिराग हमेशा के लिए बुझ गया। दुर्घटना में जे.सी.बी. चालक संतोष (25) पुत्र सीसू की मौके पर ही मौत हो गई। युवक सलूणी तहसील की सालवां पंचायत के बंजोड़ी गांव का रहने वाला था।संतोष कुमार अपने माता-पिता 'का सबसे बड़ा बेटा था। वह अपनी रोजी रोटी कमाने के चक्कर में ठियोग में जाकर जे.सी.बी. मशीन चलाकर अपने परिवार का गुजर बसर करने लगा था, लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनका बेटा अब कभी वापस नहीं आएगा। संतोष कुमार के दो और भाई हैं, लेकिन वह अभी वे छोटे हैं। ऐसे में संतोष ही अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था।सालवां पंचायत की प्रधान वंदना ठाकुर का कहना है कि संतोष कुमार काफी मेहनती व्यक्ति था। अगले महीने उसकी शादी होनी थी। ऐसे में उनके माता-पिता का उसकी शादी करने का सपना अधूरा रह गया। इसकी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। संतोष कुमार की मौत की खबर सुनकर उनके परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
चम्बा ! शिमला जिले के ठियोग उपमंडल के कुमारसैन में एक दर्दनाक हादसे में सालवां का एक चिराग हमेशा के लिए बुझ गया। दुर्घटना में जे.सी.बी. चालक संतोष (25) पुत्र सीसू की मौके पर ही मौत हो गई। युवक सलूणी तहसील की सालवां पंचायत के बंजोड़ी गांव का रहने वाला था।संतोष कुमार अपने माता-पिता 'का सबसे बड़ा बेटा था। वह अपनी रोजी रोटी कमाने के चक्कर में ठियोग में जाकर जे.सी.बी. मशीन चलाकर अपने परिवार का गुजर
बसर करने लगा था, लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनका बेटा अब कभी वापस नहीं आएगा। संतोष कुमार के दो और भाई हैं, लेकिन वह अभी वे छोटे हैं। ऐसे में संतोष ही अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था।सालवां पंचायत की प्रधान वंदना ठाकुर का कहना है कि संतोष कुमार काफी मेहनती व्यक्ति था। अगले महीने उसकी शादी होनी थी। ऐसे में उनके माता-पिता का उसकी शादी करने का सपना अधूरा रह गया।
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इसकी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं। संतोष कुमार की मौत की खबर सुनकर उनके परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
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