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चम्बा 06 अक्टूबर [ शिवानी ] ! चम्बा जिला को शिव भूमि के नाम से भी जाना जाता है। यहां के लोगों को देवी देवताओं में बहुत आस्था है यही वजह है कि यहां बहुत सी ऐसी घटनाऐ होती है जिन्हें वह आस्था से जोड़कर देखते हैं। चम्बा जिला में के मुगला , जुखराड़ी ,कोट व आसपास के गांव में आजकल सांपों का दिखाना एक आम सी बात हो गई है। अमूमन अक्टूबर के महीने में यह सांप बहुत कम लोगों को दिखाई देते हैं। लोगों की मान्यताओं के अनुसार जब मणिमहेश मेला समाप्त होता है तो उसके बाद सभी सांप व अन्य धरती के जीव धरती के नीचे चले जाते हैं और लोगों का यह भी मानना है कि भगवान शंकर अपनी झोली में इन सबको छिपा देते हैं लेकिन जिस तरह से आजकल हर दिन कहीं ना कहीं किसी न किसी के घर यह सांप दिखाई दे रहे हैं उससे लोगों की चिंताएं बढ़ रही है। यहां कोट गांव में कुछ दिन पहले एक महिला को उसके कमरे में ही सांप ने काटा था जिससे उसकी मौत हो गई थी उसके बाद लोगों में सांपों को लेकर काफी दहशत देखने को मिल रही है। यही वजह है कि अब लोग नाग देवता के शरण में गए हैं। इसी गांव में एक प्राचीन केहलुर नाग मंदिर भी स्थित है जहां पर लोग अक्सर पूजा अर्चना करते रहते हैं। वहीं पर आज इन सांपों की शांति के लिए पूजा पाठ व हवन किया गया। जहां पर भगवान नाग देवता के गुरु यानी चेलों को भी लाया गया ताकि आने वाले समय में इन सांपों से नाग देवता से शांति मांगी गई। यहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि उनके गांव में आजकल सांपों का दिखना एक आम बात हो गई है। उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले उनके गांव में एक सर्प डंस की वजह से एक स्त्री की मौत हुई थी और उसके बाद लोगों के घरों में खेतों में व घास काटते समय महिलाओं को यह सांप दिख रहे हैं। लोगों ने कहा कि मणिमहेश की यात्रा के बाद भगवान शंकर अपने सभी गणों को अपनी झोली में डालकर ले जाते हैं लेकिन जिस तरह से यह लोगों के घरों में सांप दिख रहे हैं उससे उन्हें काफी चिंता सता रही है। उन्होंने कहा कि अब यहां पर पूजा अर्चना की गई है जिससे कहलूर नाग देवता से यह आराधना की गई है कि इन सब सांपों को जमीन में छुपा ले ताकि वह चैन से रह पाए।
चम्बा 06 अक्टूबर [ शिवानी ] ! चम्बा जिला को शिव भूमि के नाम से भी जाना जाता है। यहां के लोगों को देवी देवताओं में बहुत आस्था है यही वजह है कि यहां बहुत सी ऐसी घटनाऐ होती है जिन्हें वह आस्था से जोड़कर देखते हैं। चम्बा जिला में के मुगला , जुखराड़ी ,कोट व आसपास के गांव में आजकल सांपों का दिखाना एक आम सी बात हो गई है।
अमूमन अक्टूबर के महीने में यह सांप बहुत कम लोगों को दिखाई देते हैं। लोगों की मान्यताओं के अनुसार जब मणिमहेश मेला समाप्त होता है तो उसके बाद सभी सांप व अन्य धरती के जीव धरती के नीचे चले जाते हैं और लोगों का यह भी मानना है कि भगवान शंकर अपनी झोली में इन सबको छिपा देते हैं लेकिन जिस तरह से आजकल हर दिन कहीं ना कहीं किसी न किसी के घर यह सांप दिखाई दे रहे हैं उससे लोगों की चिंताएं बढ़ रही है।
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यहां कोट गांव में कुछ दिन पहले एक महिला को उसके कमरे में ही सांप ने काटा था जिससे उसकी मौत हो गई थी उसके बाद लोगों में सांपों को लेकर काफी दहशत देखने को मिल रही है। यही वजह है कि अब लोग नाग देवता के शरण में गए हैं। इसी गांव में एक प्राचीन केहलुर नाग मंदिर भी स्थित है जहां पर लोग अक्सर पूजा अर्चना करते रहते हैं।
वहीं पर आज इन सांपों की शांति के लिए पूजा पाठ व हवन किया गया। जहां पर भगवान नाग देवता के गुरु यानी चेलों को भी लाया गया ताकि आने वाले समय में इन सांपों से नाग देवता से शांति मांगी गई।
यहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि उनके गांव में आजकल सांपों का दिखना एक आम बात हो गई है। उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले उनके गांव में एक सर्प डंस की वजह से एक स्त्री की मौत हुई थी और उसके बाद लोगों के घरों में खेतों में व घास काटते समय महिलाओं को यह सांप दिख रहे हैं।
लोगों ने कहा कि मणिमहेश की यात्रा के बाद भगवान शंकर अपने सभी गणों को अपनी झोली में डालकर ले जाते हैं लेकिन जिस तरह से यह लोगों के घरों में सांप दिख रहे हैं उससे उन्हें काफी चिंता सता रही है। उन्होंने कहा कि अब यहां पर पूजा अर्चना की गई है जिससे कहलूर नाग देवता से यह आराधना की गई है कि इन सब सांपों को जमीन में छुपा ले ताकि वह चैन से रह पाए।
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