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चम्बा , 16 नवंबर [ शिवानी ] ! शनिवार को हिमाचल प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक का शिमला में आयोजन हुआ। बैठक में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से सम्बंधित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए परन्तु ज़िला चम्बा के सम्बन्ध में कोई घोषणा कैबिनेट बैठक में नहीं की गई। इस पर आम आदमी पार्टी प्रदेश प्रवक्ता मनीष सरीन ने सुक्खू सरकार पर हमला बोलते हुए वक्तव्य दिया की कैबिनेट बैठक में एक बार फिर ज़िला चम्बा की अनदेखी ना-काबिले-बर्दाश्त है। मनीष ने कहा की सरकार का लगभग आधा कार्यकाल समाप्त हो चुका है और इस दौरान अनेक कैबिनेट बैठकें हुईं व कई विधानसभा सत्र निकले परन्तु एक के बाद एक ज़िला चम्बा की निरंतर अनदेखी हुई। पूर्व में रही प्रदेश सरकारों ने भी ज़िला चम्बा के साथ ऐसा ही सौतेला व्यवहार किया शायद इसीलिए आज ज़िला चम्बा आकांक्षी ज़िलों की श्रेणी में सम्मिलित है। हर बार की तरह कैबिनेट बैठक की अधिक्तर घोषणाएं ज़िला हमीरपुर व ज़िला शिमला पर केंद्रित रही जो साफ़ साफ़ क्षेत्रवाद को दर्शाता है। मनीष ने कहा की सुखविंदर सिंह सुक्खू व्यवस्था परिवर्तन का नारा देकर सत्ता पर काबिज़ हुए थे किन्तु दुर्भायपूर्ण है की वे भी पूर्व मुख्यमंत्रियों की तरह हिमाचल के सभी क्षेत्रों को समदृष्टि से देखने में विफल साबित हुए हैं। ज़िला चम्बा के पर्यटन उद्योग, शिक्षा ढांचा, स्वास्थ्य व्यवस्था, सड़कें, विभागों में रिक्त पद आदि जैसे अनेकों संघर्षरत मुद्दे हैं जिनका ज़िक्र कैबिनेट बैठकों में होना चाहिए परन्तु न तो प्रदेश सरकार को इन विषयों में कोई रूचि नज़र आती है और न ही ज़िला चम्बा के स्थानीय नेताओं को ज़िला चम्बा की अनदेखी पर विरोध करने का भाव नज़र आता है जो की अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। मनीष ने मुख्यमंत्री को सन्देश दिया की ज़िला चम्बा को भी समदृष्टि से देखा जाए व अधिकारों से वंछित न रखा जाए।
चम्बा , 16 नवंबर [ शिवानी ] ! शनिवार को हिमाचल प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक का शिमला में आयोजन हुआ। बैठक में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से सम्बंधित कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए परन्तु ज़िला चम्बा के सम्बन्ध में कोई घोषणा कैबिनेट बैठक में नहीं की गई। इस पर आम आदमी पार्टी प्रदेश प्रवक्ता मनीष सरीन ने सुक्खू सरकार पर हमला बोलते हुए वक्तव्य दिया की कैबिनेट बैठक में एक बार फिर ज़िला चम्बा की अनदेखी ना-काबिले-बर्दाश्त है। मनीष ने कहा की सरकार का लगभग आधा कार्यकाल समाप्त हो चुका है और इस दौरान अनेक कैबिनेट बैठकें हुईं व कई विधानसभा सत्र निकले परन्तु एक के बाद एक ज़िला चम्बा की निरंतर अनदेखी हुई।
पूर्व में रही प्रदेश सरकारों ने भी ज़िला चम्बा के साथ ऐसा ही सौतेला व्यवहार किया शायद इसीलिए आज ज़िला चम्बा आकांक्षी ज़िलों की श्रेणी में सम्मिलित है। हर बार की तरह कैबिनेट बैठक की अधिक्तर घोषणाएं ज़िला हमीरपुर व ज़िला शिमला पर केंद्रित रही जो साफ़ साफ़ क्षेत्रवाद को दर्शाता है।
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मनीष ने कहा की सुखविंदर सिंह सुक्खू व्यवस्था परिवर्तन का नारा देकर सत्ता पर काबिज़ हुए थे किन्तु दुर्भायपूर्ण है की वे भी पूर्व मुख्यमंत्रियों की तरह हिमाचल के सभी क्षेत्रों को समदृष्टि से देखने में विफल साबित हुए हैं।
ज़िला चम्बा के पर्यटन उद्योग, शिक्षा ढांचा, स्वास्थ्य व्यवस्था, सड़कें, विभागों में रिक्त पद आदि जैसे अनेकों संघर्षरत मुद्दे हैं जिनका ज़िक्र कैबिनेट बैठकों में होना चाहिए परन्तु न तो प्रदेश सरकार को इन विषयों में कोई रूचि नज़र आती है और न ही ज़िला चम्बा के स्थानीय नेताओं को ज़िला चम्बा की अनदेखी पर विरोध करने का भाव नज़र आता है जो की अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
मनीष ने मुख्यमंत्री को सन्देश दिया की ज़िला चम्बा को भी समदृष्टि से देखा जाए व अधिकारों से वंछित न रखा जाए।
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