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चम्बा , 27 जून [ शिवानी ] ! विकासखंड भरमौर के जिला परिषद कर्मियों ने मांगे पूरी न होने से आहत होकर रोष प्रकट करने के लिए राज्य कार्यकारिणी के आदेशों पर 27 जून को विकासखंड भरमौर व 31 पंचायतों के जिला परिषद काडर कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश पर जाने का समर्थन और निर्णय लिया है। यदि सरकार 15 दिनों के भीतर उनकी मांगों को पूरा नहीं करती तो उसके बाद वह बड़ा आंदोलन करने के लिए अपनी रणनीति बनाएंगे। यह जानकारी जिला परिषद काडर कर्मचारी के खंड अध्यक्ष दीपक कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 27 जून को पूरे राज्य में जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारी महासंघ ने पेन डाउन हड़ताल की शुरुआत की थी जो कि 8 जुलाई तक चली थी सरकार के आश्वासन के उपरांत हड़ताल को वापस लिया था । लेकिन 1 वर्ष होने के उपरांत भी उनकी आज तक एक मांग को भी पूरा नहीं किया। पेन डाउन हड़ताल के दौरान भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उनकी पेन डाउन हड़ताल का समर्थन किया था। सरकार बनने के उपरांत राज्य और जिला स्तर की कार्यकारिणी पिछले 5 महीनों से मिल रही है और मुख्यमंत्री से विभागो में विलय के लिए समय मांगा था लेकिन 6th पे कमिशन व अन्य वित्तीय लाभ देने के लिए वित्त विभाग और पंचायती राज विभाग को आदेश दिए थे लेकिन 6th पे कमिशन की फाइल को दोनों विभाग द्वारा आपत्तियां लगाकर घुमाया जा रहा है। जिस कारण जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारियों को रोष प्रकट करने के लिए 1 दिन सामूहिक अवकाश लेने का निर्णय लेना पड़ा। इसके साथ ही जिला परिषद कार्यकारी एवं अधिकारी का एनपीएस भी काटना बंद नहीं किया है और न ही ऑफिस के लिए नोटिफिकेशन जारी की गई है। जिला परिषद के अंतर्गत 1205 तकनीकी महासंघ कार्य कर रहे हैं जिनमें 500 के करीब तकनीकी सहायकों को मनरेगा के अंतर्गत वेतन दिया जाता है जो कि कभी भी समय पर नहीं मिलता और न ही आज इन कर्मचारियों को एनपीएस काटा गया और न ही अन्य वित्तीय लाभ और मेडिकल की सुविधाएं दी जा रही है और इन कर्मचारियों का शोषण सरकार द्वारा किया जा रहा है। जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारी महासंघ की मुख्य मांग है कि जब तक उन्हें पंचायती राज के ग्रामीण विकास विभाग में दर्ज नहीं किया जाता तब तक उनकी समस्याओं का समाधान नही हो सकता। जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारियों को हर बार सरकार की सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ता है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
चम्बा , 27 जून [ शिवानी ] ! विकासखंड भरमौर के जिला परिषद कर्मियों ने मांगे पूरी न होने से आहत होकर रोष प्रकट करने के लिए राज्य कार्यकारिणी के आदेशों पर 27 जून को विकासखंड भरमौर व 31 पंचायतों के जिला परिषद काडर कर्मचारियों ने सामूहिक अवकाश पर जाने का समर्थन और निर्णय लिया है। यदि सरकार 15 दिनों के भीतर उनकी मांगों को पूरा नहीं करती तो उसके बाद वह बड़ा आंदोलन करने के लिए अपनी रणनीति बनाएंगे।
यह जानकारी जिला परिषद काडर कर्मचारी के खंड अध्यक्ष दीपक कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 27 जून को पूरे राज्य में जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारी महासंघ ने पेन डाउन हड़ताल की शुरुआत की थी जो कि 8 जुलाई तक चली थी सरकार के आश्वासन के उपरांत हड़ताल को वापस लिया था ।
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लेकिन 1 वर्ष होने के उपरांत भी उनकी आज तक एक मांग को भी पूरा नहीं किया। पेन डाउन हड़ताल के दौरान भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उनकी पेन डाउन हड़ताल का समर्थन किया था। सरकार बनने के उपरांत राज्य और जिला स्तर की कार्यकारिणी पिछले 5 महीनों से मिल रही है और मुख्यमंत्री से विभागो में विलय के लिए समय मांगा था लेकिन 6th पे कमिशन व अन्य वित्तीय लाभ देने के लिए वित्त विभाग और पंचायती राज विभाग को आदेश दिए थे लेकिन 6th पे कमिशन की फाइल को दोनों विभाग द्वारा आपत्तियां लगाकर घुमाया जा रहा है।
जिस कारण जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारियों को रोष प्रकट करने के लिए 1 दिन सामूहिक अवकाश लेने का निर्णय लेना पड़ा।
इसके साथ ही जिला परिषद कार्यकारी एवं अधिकारी का एनपीएस भी काटना बंद नहीं किया है और न ही ऑफिस के लिए नोटिफिकेशन जारी की गई है।
जिला परिषद के अंतर्गत 1205 तकनीकी महासंघ कार्य कर रहे हैं जिनमें 500 के करीब तकनीकी सहायकों को मनरेगा के अंतर्गत वेतन दिया जाता है जो कि कभी भी समय पर नहीं मिलता और न ही आज इन कर्मचारियों को एनपीएस काटा गया और न ही अन्य वित्तीय लाभ और मेडिकल की सुविधाएं दी जा रही है और इन कर्मचारियों का शोषण सरकार द्वारा किया जा रहा है।
जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारी महासंघ की मुख्य मांग है कि जब तक उन्हें पंचायती राज के ग्रामीण विकास विभाग में दर्ज नहीं किया जाता तब तक उनकी समस्याओं का समाधान नही हो सकता। जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारियों को हर बार सरकार की सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
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